देवघरः मधुपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रशासन ने अंतिम स्तर पर पर तैयारियां चल रहीं हैं. मधुपुर उपचुनाव में करीब 3 लाख 22 हजार 90 वोटर 487 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में 22 कंपनी केंद्रीय अर्ध सैनिक सैनिक बलों की तैनात होगी. 17 अप्रैल को होने वाले मतदान को संपन्न कराने के लिए प्रशासन सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है.
यह भी पढ़ेंः मधुपुर उपचुनाव: तेजस्वी ने महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में की चुनावी सभा, हफीजुल को वोट देने की अपील
सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त कर ली गईं हैं. मधुपुर विधानसभा सीट के लिए होने वाले मतदान में तीन लाख 22 हजार 90 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें एक लाख 70 हजार 206 पुरुष, एक लाख 51 हजार 884 महिला मतदाता शामिल हैं.
उपचुनाव में कुल 384 मतदान केंद्र में 409 बूथ व कोविड को लेकर सहायक 78 मतदान केंद्र कुल मिलाकर 487 मतदान केंद्र बनाए गये हैं. इनमें 164 मतदान केंद्र अति संवेदनशील, 226 संवेदनशील और 97 सामान्य बूथ चिन्हित किए गए हैं. शांतिपूर्ण और भयमुक्त वातावरण में चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक हजार मतदाता मतदान में शामिल होंगे. मतदान केंद्रों पर तमाम बुनियादी सुविधाओं के अलावा कोविड -19 से बचाव की भी व्यवस्था की गई है.
उपचुनाव में बनेंगे 3 पिंक बूथ
मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर निवार्चन क्षेत्र में तीन 'पिंक बूथ' बनाया गया इनमें मधुपुर महेंद्र मुनि सरस्वती विद्या मंदिर भाग 215 ओर 216 व मध्य विद्यालय कल्होर भाग संख्या 277 में बूथों पर महिला अधिकारी और कर्मचारी तैनात की जाएंगी.
यह भी पढ़ेंः सांसद निशिकांत दुबे का आलमगीर आलम पर बड़ा आरोप, कहा- बांग्लादेशियों की करा रहे घुसपैठ
बताया जाता है कि पिंक बूथ का उद्देश्य है कि महिला वोटर से अधिक मतदान का उपयोग करें. इन बूथों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया कपड़ा, टेबल क्लॉथ, गुब्बारे से लेकर हर कुछ गुलाबी रंग का होता है.
महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से भी यह बूथ काफी मायने रखता है, जहां महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने खुशी-खुशी आएंगी. साथ ही वे मतदान करने के लिए अपने साथ अन्य महिलाओं को साथ लेकर आने में भी कोई हिचक महसूस नहीं करेंगी.
17 आदर्श बूथ पर होगा मतदाताओं का स्वागत
वहीं इसके अलावा चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए 17 आदर्श (मॉडल) बूथ बनाए गएं हैं. मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के देवीपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन बलथरवा, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भवन समलापुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन कपसा, मधुपुर प्रखण्ड के प्रखंड विकास कार्यालय भवन,नगर परिषद कार्यालय(कर उगाही विभाग),नगर भवन मधुपुर, देवघर प्रखण्ड के मध्य विधायक भवन सिमरा, करौ प्रखण्ड के मध्य विद्यालय भवन पूर्वी भाग करौ, मध्य विद्यालय भवन पश्चिमी भाग करौ, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन भलगढा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन रानीडीह,उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन बांधडीह, मार्गो मुंडा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन खरजोरि (उत्तरी भाग), प्राथमिक विद्यालय भवन लहरजोरी, मध्य विद्यालय भवन कानो(पूर्वी भाग ),मध्य विद्यालय भवन कानो(पश्चिमी भाग), उत्क्रमित मध्य विद्यालय भवन फागो को आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया है. इन मॉडल बूथों पर खान- पान और बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ ही दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के लिए मतदान की अलग व्यवस्था होगी.
यह भी पढ़ेंः मधुपुर विधानसभा सीट पर महासंग्राम, मंत्री जोबा मांझी ने यूपीए प्रत्याशी की जीत का किया दावा
वहीं विधानसभा क्षेत्र के 409 व कोविड 19 को लेकर सहायक 78 बूथों पर दिव्यांग वोटरों के लिए विशेष सुविधा रहेगी. दिवयांग वोटरों के लिए हर बूथ पर व्हीलचेयर, स्ट्रेचर की व्यवस्था रहेगी. सुविधा के लिए रैंप की सुविधा भी रहेगी.जिसको लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है.
11,327 युवा मतदाता करेंगे पहली बार वोट विधानसभा उपचुनाव में इस बार 18 व 19 वर्ष के कुल 11,327 नए युवा मतदाता वोट करेंगे.ये मतदाता पहली बार चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
मतदाता पहली बार अपनी पंसद के उम्मीदवार को मतदान करेंगे. इन मतदाताओं की उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच आयु है और इनमें महिला व पुरुष दोनों वर्ग के मतदाता शामिल हैं.
4113 दिव्यांग मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग
मधुपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर जिला प्रशासन दिव्यांग मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इसके लिए प्रशासन द्वारा घर से बूथ तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था रहेगी. मतदान केंद्रों व्हील चेयर रहेगी.
इनमें दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 4113 है, जिसमें 1741 महिला व 2392 पुरुष मतदाता है. इसके अलावा उपचुनाव में मूकबधिर मतदाता 377, दृष्टिबाधित 498 मतदाता, गतिबाधित मतदाता 2095 व अन्य दिव्यांग मतदाता 1163 उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
इसके लिए प्रशासन ने 299 लोगों को दिव्यांग मित्र बनाए हैं, जो मतदान के दिन 17 अप्रैल को दिव्यांग मतदाताओं को बूथ तक मतदान कराने में सहयोग करेंगे. मतदाताओं को मतदान केंद्र पर बैठने के लिए कुर्सी तथा धूप से बचाव के लिए शेड का इंतजाम भी किया जाएगा.
झामुमो व भाजपा के बीच सीधी टक्कर
बात करें उपचुनाव की तो यहां झामुमो व भाजपा के बीच सीधी टक्कर होगी जबकि चुनाव में चार निर्दलीय प्रत्याशी हैं जिसका कोई खासा असर देखने को नहीं मिल रहा है. पिछले आम चुनाव की बात करें तो वर्तमान के झामुमो प्रत्याशी हफीजुल हसन के दिवंगत पिता हाजी हुसैन अंसारी ने भाजपा के राज पलिवाल को पराजित किया था लेकिन इस बार चुनाव मैं मतदाताओं का रुझान तथा स्पष्ट नहीं हो पाया है
यह भी पढ़ेंः मधुपुर उपचुनाव में जीत के लिए भगवान के दर पर नेता, बीजेपी के चार विधायकों ने की बाबा मंदिर में पूजा अर्चना
सूत्रों की माने तो झामुमो को सहानुभूति वोट का फायदा मिल सकता है उपचुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र और पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन झामुमो के प्रत्याशी हैं. वही भाजपा ने गंगा नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है मधुपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो दशक से झामुमो और भाजपा के लिए सीधी टक्कर होती आ रही है.
इस बार भी दोनों के बीच कड़े मुकाबले की संभावना बनी हुई है इधर भाजपा ने पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे राज पलिवार को टिकट न देकर 2019 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे आजसू उम्मीदवार गंगा नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया है.
पिछले चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी को मिली थी जीत
मधुपुर विधानसभा सीट पर वैसे तो झामुमो और भाजपा का कब्जा रहा है. इन दोनों पार्टियों से इस सीट पर कई बार विधायक से मंत्री तक हुए, लेकिन इस बार जहां सीधा मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच देखा जाए तो लेकिन मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में आजसू के गंगा नारायण, झाविमो के सहिम खान व एआईएमआईएम के इकबाल भाजपा और झामुमो का खेल बिगाड़ने में अहम रोल अदा कर रही है.
आज तक न तो आजसू का कभी कब्जा रहा और न ही एआईएमआईएम के कोई प्रत्याशी मुख्य लड़ाई में ही रहा. पिछले चुनावों पर गौर किया जाए तो वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के राज पलिवार को मैदान से उतारा था, जिसका सीधा मुकाबला तत्कालीन मंत्री व झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी से हुआ था, जिसमें राज पलिवार ने 74 हजार 335 मत लाकर करारी शिकस्त दिया था, जबकि हाजी हुसैन अंसारी को 67441 वोट मिले थे, जबकि झाविमो के सहिम खान को 25,756 वोट से ही संतोष करना पड़ा था.
जीत को लेकर असमंजस
2009 के चुनाव में देखा जाए तो भाजपा प्रत्याशी अभिषेक आनंद झा तीसरे स्थान पर रहे थे. वहीं दूसरे स्थान पर झाविमो के शिव दत्त शर्मा उर्फ शम्भू शर्मा रहे थे, जबकि जीतने वाले झामुमो के प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी चुनाव जीतकर झारखंड सरकार में कल्याण मंत्री बने थे.
वहीं 2005 में पहली बार भाजपा से राज पलिवार को उम्मीदवार बनाया गया था.जिसमें राज पलिवार ने झामुमो के वर्तमान विधायक हाजी हुसैन अंसारी को 6 हजार 667 वोट से हराया था.
यह भी पढ़ेंः मधुपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर जुबानी जंग तेज, बीजेपी ने महागठबंधन को कहा ठगबंधन
इस प्रकार देखा जाए तो पिछले कई चुनावों से यहां भाजपा -झामुमो ही मुख्य लड़ाई में रही है. 2019 का लोकसभा चुनाव बेशक बदला-बदला सा है लेकिन भाजपा प्रत्याशी के जीत के दावे के बीच जानकारों, यहां तक की पार्टी के लोग भी जीत को लेकर असमंजस में हैं.
झामुमो प्रत्याशी के जीत की राह आसान नही
झामुमो को यहां झाविमो व एआईएमआईएम के प्रत्याशी के मैदान में रहने से नुकसान उठाना पड़ सकता है लेकिन झामुमो के प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी मुसलमानों का 70 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद जता रहे हैं.
इसके चलते मुख्य लड़ाई लोग भाजपा और झामुमो के बीच ही मान रहे हैं लेकिन झाविमो, एआईएमआईएम के प्रत्याशी मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करने में अगर सफल हुए तो झामुमो प्रत्याशी के जीत की राह आसान नही होंगे.
भले ही भाजपा के वोटों में सेंधमारी हुई है लेकिन उनके समर्थक जीत की उम्मीद लगाए बैठें हैं.वहीं इन सबके बीच मधुपुर के विधायक बनने का ताज किसके सिर बंधेगा इसे लेकर असमंजस की स्थित बरकरार है.