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अब बैद्यनाथ मंदिर में क्यूआर कोड से होगा शीघ्रदर्शनम, भक्तों की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन की पहल - झारखंड न्यूज

बाबा बैद्यनाथ मंदिर में अब शीघ्रदर्शनम के लिए कार्ड के बदले श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड से प्रवेश (Shighra Darshanam Now Through QR Code ) मिलेगा. यह नई व्यवस्था भक्तों की सुविधा को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है.

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Published : Nov 27, 2022, 7:03 PM IST

देवघर: शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में अब शीघ्रदर्शनम क्यूआर कोड से श्रद्धालुओं को प्रवेश (Shighra Darshanam Now Through QR Code ) मिलेगा. तीर्थपुरोहित सहित श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कत के कारण यह फैसला लिया गया है. मंदिर में शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत जलार्पण करने वाले भक्तों की सुविधा को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था बनायी गई है.

ये भी पढ़ें-51 शक्तीपीठों में से एक है देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम, विश्व का एकमात्र मंदिर जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान

भक्तों को कार्ड की जगह कागज पर अंकित क्यूआर कोड मिलेगाः इसके तहत अब शीघ्रदर्शनम शुल्क देने के बाद भक्तों को कार्ड की जगह कागज पर अंकित वन टाइम क्यूआर कोड मिलेगा. इस कोड को शीघ्रदर्शनम मशीन में लगी स्कैनर में स्कैन करते ही मशीन में लगा ऑटोमेटिक गेट दो सेकेंड के लिए खुल जाएगा. इससे बाद भक्त प्रवेश कर सकेंगे.

एक बार ही किया जा सकता है क्यूआर कोड का उपयोगः इस क्यूआर कोड का उपयोग एक बार ही किया जा सकता है. मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस नई व्यवस्था को लागू करने का मुख्य उद्देश्य खर्च को कम करने के साथ-साथ व्यवस्था को बेहतर बनाना (Aims to Improve Convenience of Devotees) है.

फर्जीवाड़ा करने पर सर्वर में रिकार्ड हो जायेगाः क्यूआर कोड से किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा करने या फिर इसका मिसयूज करने पर सर्वर में रिकार्ड हो जायेगा. इसे सर्वर के रिकार्ड से हटाया नहीं जा सकता है. साथ ही व्यवस्था में बदलाव कर कार्ड व्यवस्था को तुरंत चालू करने की व्यवस्था भी विकल्प के तौर पर रखी गयी है.

क्या कहते हैं अधिकारीः क्यूआर कोड हर तरह से सुरक्षित है. अगर कोई इससे छेड़छाड़ करता है तो इसका पूरा रिकार्ड निकालने की व्यवस्था है. साथ ही हर गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं कार्ड से प्रवेश कराने वाली व्यवस्था को विकल्प के तौर पर रखा गया है. जब लगेगा कि इस सिस्टम को बंद कर कार्ड सिस्टम को लागू करना है, तो तुरंत किया जाएगा.

तीर्थपुरोहितों की अलग रायः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि प्रबंधन वाले चोरी पकड़ने के लिए क्यूआर कार्ड का उपयोग करा रहे हैं, लेकिन आज फिर से पुराने तरीके से शीघ्रदर्शनम कार्ड चल रहा है. जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी तो होती ही है, साथ ही तीर्थ पुरोहित भी इस नए नियम से परेशान हैं.

देवघर: शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में अब शीघ्रदर्शनम क्यूआर कोड से श्रद्धालुओं को प्रवेश (Shighra Darshanam Now Through QR Code ) मिलेगा. तीर्थपुरोहित सहित श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कत के कारण यह फैसला लिया गया है. मंदिर में शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत जलार्पण करने वाले भक्तों की सुविधा को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था बनायी गई है.

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भक्तों को कार्ड की जगह कागज पर अंकित क्यूआर कोड मिलेगाः इसके तहत अब शीघ्रदर्शनम शुल्क देने के बाद भक्तों को कार्ड की जगह कागज पर अंकित वन टाइम क्यूआर कोड मिलेगा. इस कोड को शीघ्रदर्शनम मशीन में लगी स्कैनर में स्कैन करते ही मशीन में लगा ऑटोमेटिक गेट दो सेकेंड के लिए खुल जाएगा. इससे बाद भक्त प्रवेश कर सकेंगे.

एक बार ही किया जा सकता है क्यूआर कोड का उपयोगः इस क्यूआर कोड का उपयोग एक बार ही किया जा सकता है. मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस नई व्यवस्था को लागू करने का मुख्य उद्देश्य खर्च को कम करने के साथ-साथ व्यवस्था को बेहतर बनाना (Aims to Improve Convenience of Devotees) है.

फर्जीवाड़ा करने पर सर्वर में रिकार्ड हो जायेगाः क्यूआर कोड से किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा करने या फिर इसका मिसयूज करने पर सर्वर में रिकार्ड हो जायेगा. इसे सर्वर के रिकार्ड से हटाया नहीं जा सकता है. साथ ही व्यवस्था में बदलाव कर कार्ड व्यवस्था को तुरंत चालू करने की व्यवस्था भी विकल्प के तौर पर रखी गयी है.

क्या कहते हैं अधिकारीः क्यूआर कोड हर तरह से सुरक्षित है. अगर कोई इससे छेड़छाड़ करता है तो इसका पूरा रिकार्ड निकालने की व्यवस्था है. साथ ही हर गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहीं कार्ड से प्रवेश कराने वाली व्यवस्था को विकल्प के तौर पर रखा गया है. जब लगेगा कि इस सिस्टम को बंद कर कार्ड सिस्टम को लागू करना है, तो तुरंत किया जाएगा.

तीर्थपुरोहितों की अलग रायः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि प्रबंधन वाले चोरी पकड़ने के लिए क्यूआर कार्ड का उपयोग करा रहे हैं, लेकिन आज फिर से पुराने तरीके से शीघ्रदर्शनम कार्ड चल रहा है. जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी तो होती ही है, साथ ही तीर्थ पुरोहित भी इस नए नियम से परेशान हैं.

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