देवघर: जिले के देवीपुर प्रखंड के दरंगा पंचायत के पुत्तरजोर में बालू का अवैध कारोबार इन दिनों काफी फल-फूल रहा है. शुक्रवार को गुप्त सूचना के आधार पर खनन पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चलाया गया. जहां से भारी मात्रा में बालू डंप कर अवैध कारोबार चलाने वालों पर पुलिस शिकंजा कसने में जुट गई है.
झारखंड में बालू को लेकर हमेशा से विवाद और सियासत होता रहा है, लेकिन स्थिति और भी खराब होती जा रही है. दरसअल, झारखंड में एनजीटी के आदेश के मुताबिक 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के उत्खनन पर रोक लगी है, लेकिन राज्य के कई जिलों में नदियों और बालू घाटों से लगातार बालू की उठाव जारी है. जानकारी के मुताबिक देवघर के नाडा सिमर गांव का ही रहने वाला रामदेव मंडल, फोदर सिंह की जमीन पर जबरन बालू का डंपिंग कर बिहार भेजने की तैयारी में था. जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी को दे दिया. अधिकारियों और पुलिस की टीम डंपिंग स्थल पर पहुंचते ही बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल डंप बालू को संबंधित विभाग अपने कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है.
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क्या है एनजीटी का गाइडलाइन
झारखंड में एनजीटी के आदेश के मुताबिक 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के उत्खनन पर पूरी तरह से रोक है. जिसे लेकर नदी बालू घाटों से बालू का उठाव बारिश के समय में 10 जून से 15 अक्टूबर तक नहीं किया जाएगा. इस संबंध में सभी जिला खनन पदाधिकारी 10 जून 2020 के पूर्व के बालू भंडारण का सत्यापन करते हुए परमिट और चालान निर्गत करने की अनुमति दिया है. ऐसे में पुलिस से बचकर बालू माफिया अब भी कई जिलों में इसका अवैध कारोबार कर रहे हैं. बहरहाल, लगातार अवैध बालू उत्खनन को लेकर मामले सामने आते रहे है. एनजीटी के नियमों का उल्लंघन बालू माफियाओं की ओर से लगातार जारी है.