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देवघर: कोरोना संक्रमण के रोकथाम की तैयारियों की समीक्षा बैठक, मंत्री और विधायक रहे मौजूद

वैश्विक आपदा कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम, बचाव को लेकर आज समाहरणालय सभागार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी, देवघर विधायक नारायण दास, सारठ विधायक रणधीर सिंह, उपायुक्त नैंसी सहाय और विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई.

Review meeting of preparations made at district level for prevention of corona infection in deoghar
जिला स्तर पर की गई तैयारियों की हुई समीक्षा बैठक
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Published : Apr 16, 2020, 9:48 PM IST

देवघर: बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा देवघर जिला अंतर्गत कोरोना वायरस को लेकर की गई व्यवस्थाओं से सभी को अवगत कराया. इसके साथ ही वर्तमान समय में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा या अन्य दी जाने वाली सुविधाओं की तैयारियों पर विस्तृत समीक्षा की गई. इस दौरान जिला अंतर्गत बनाए गए आईसोलेशन वार्ड, क्वॉरेंटाइन सेंटर और प्रखंड स्तर पर की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी उपायुक्त द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को दी गई.

इसके अलावा बैठक के दौरान लॉकडाउन की वजह से गरीब-असहाय परिवारों के बीच खाद्यान्न सुचारू रूप से वितरित हो और अन्य बीमारियों के इलाज से जुड़े मामलों के साथ जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों का सुचारू रूप से संचालन हो, इस पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री मानव सेवा योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही बताया गया कि लॉकडाउन के कारण भोजन और दवा जुटाने में असमर्थ हो चुके लोगों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से राज्य के अंदर रह रहे प्रभावित परिवारों को पूरे लॉकडाउन की अवधि में एक बार एक हजार रुपए उनके खाते में भेजे जाएंगे.

इसी तरह राज्य के बाहर फंसे ऐसे लोगों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए एक बार दो हजार रुपए दिए जाएंगे. इस राशि का हस्तांतरण विधायकों की अनुशंसा पर होगी. विधायक की अनुशंसा से तैयार की गई सूची के आधार पर उप विकास आयुक्त प्रभावित परिवारों के मुखिया के खाते में जल्द से जल्द राशि को भेज दिया जायेगा. हर विधानसभा क्षेत्र में इसके लिए अधिकतम 25 लाख रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा तैयार किया गया है.

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बैठक में वैसे योग्य लोग जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उन्हें खाद्यान्न मुहैया कराने को लेकर चर्चा हुई. इस पर उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में जिन्होंने नए राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उन्हें अंचल कार्यालय से खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है. इसको लेकर सभी प्रखंडों में तीन-तीन लाख रूपये की राशि भी हस्तांतरण की गई है. इसके अलावा आकस्मिक खाद्यान्न निधि योजना के अंतर्गत वार्ड एवं पंचायत के जनप्रतिनिधियों को 10-10 हजार उपलब्ध कराया गया है, ताकि वैसे लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और जिन्होंने आवेदन नहीं दिया है, उनके सामने खाने के समस्या उत्पन्न नहीं हो.

बैठक के दौरान आनाज वितरण में होने वाली अनियमितता को लेकर विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव दिए गए. जिस पर उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए गरीब, असहाय जरूरतमंद के बीच वितरण किये जा रहे राशन की निगरानी के लिए निगरानी समिति गठन करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया. निगरानी समिति में राशन वितरण के दौरान जिला परिषद, पंचायत समिति, वार्ड, मुखिया, रोजगार सेवक की उपस्थिति में आनाज का वितरण किया जायेगा, ताकि किसी प्रकार की अनियमितता की कोई गुंजाइश न रहे.

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इसके अलावा बैठक के दौरान चंलत भोजनालय की सराहना करते हुए मंत्री हाजी हुसैन ने जनप्रतिनिधियों द्वारा शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इसकी शुरूआत करने की बात कही. जिसपर उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि देवघर और मधुपुर अनुमंडल के पश्चात चिन्हित प्रखंडों में भी चंलत भोजनालय की व्यवस्था जल्द शुरू की जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा दूर-दराज रहने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सके.

बैठक में डीलरों के मनमानी रवैयों को लेकर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ऐसे पीडीएस डीलरों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करें. बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा जानकारी दी गई कि जिले के सभी गरीब असहाय परिवारों की भोजन की व्यवस्था हेतु जिला अंतर्गत 13 दाल-भात केंद्र, 23 विशेष दाल-भात केंद्र, 17 थानों में कम्यूनिटी किचन, 194 पंचायतों में दीदी किचन के माध्यम से निःशुल्क भोजन की व्यवस्था सभी के लिए की गई है.

इसके अलावा राशन को लेकर मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अधिकारियों या स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से शिकायतकर्ता के घर तक भी राशन पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है. बैठक के दौरान साफ-सफाई, फॉगिंग सेनेटाइजेशन को लेकर विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए. साथ ही शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी साफ-सफाई की तीव्रता को बढ़ाने की बात पर चर्चा की गई. इस पर उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में कोविड -19 के दुष्प्रभाव को देखते हुए एवं संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार 14 वें वित्त आयोग के (FFC) अनुदान का उपयोग सभी ग्राम पंचायतों में कोविड-19 से बचाव इसके रोकथाम हेतु किया जाना है.

इसमें सभी ग्राम पंचायत अपनी अहम भूमिका निभाते हुए कीटाणुशोधन के माध्यम से वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में पर्याप्त स्वच्छता बनाए रखे एवं गांव की सड़कों, सीवेज नालियो, स्कूल, कॉलेज व सार्वजनिक उपयोग वाले भवनों, आंगन बाड़ी केंद्र, अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, बाजार, बैंक परिसर, डाकघर परिसर, पशु चिकित्सालय आदि का समुचित साफ-सफाई कराते हुए इनका नियमित अंतराल पर सेनेटाइजेशन कराया जाना है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया गया है कि सभी ग्राम पंचायतों द्वारा एफएफसी अनुदान, जिसमें ग्राम पंचायतों में बुनियादी सेवाओं में से एक के रूप में स्वच्छता शामिल है.

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जिसका उपयोग ग्राम पंचायतों में कीटाणुशोधन, धूमन, स्वच्छता, मास्क, सेनेटाइजर आदि की खरीद के लिए की जाए, ताकि उसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई एवं लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में आवश्यक कार्य किया जा सके. साथ हीं सभी जनप्रतिनिधियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मास्क व सेनेटाइजर जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा. वहीं, कोरोना के मामलों को लेकर बिना वजह के फैल रही अफवाहों पर लगाम लगे, इसको लेकर भी बैठक में विस्तृत चर्चा की गई. इसको लेकर उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन द्वारा लोगों की समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था की गई है.

किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही सोशल मीडिया पर निगरानी हेतु टीम का गठन कर साइबर सेल द्वारा भी पूरी तरह से नजर रखी जा रही है. साथ ही ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है ताकि लॉकडाउन को तोड़ने वाले लोगों को चिन्हित कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जा सके. जिला प्रशासन द्वारा लगातार लॉकडाउन के नियमों का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम के साथ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.

देवघर: बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा देवघर जिला अंतर्गत कोरोना वायरस को लेकर की गई व्यवस्थाओं से सभी को अवगत कराया. इसके साथ ही वर्तमान समय में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा या अन्य दी जाने वाली सुविधाओं की तैयारियों पर विस्तृत समीक्षा की गई. इस दौरान जिला अंतर्गत बनाए गए आईसोलेशन वार्ड, क्वॉरेंटाइन सेंटर और प्रखंड स्तर पर की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी उपायुक्त द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को दी गई.

इसके अलावा बैठक के दौरान लॉकडाउन की वजह से गरीब-असहाय परिवारों के बीच खाद्यान्न सुचारू रूप से वितरित हो और अन्य बीमारियों के इलाज से जुड़े मामलों के साथ जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों का सुचारू रूप से संचालन हो, इस पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री मानव सेवा योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही बताया गया कि लॉकडाउन के कारण भोजन और दवा जुटाने में असमर्थ हो चुके लोगों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से राज्य के अंदर रह रहे प्रभावित परिवारों को पूरे लॉकडाउन की अवधि में एक बार एक हजार रुपए उनके खाते में भेजे जाएंगे.

इसी तरह राज्य के बाहर फंसे ऐसे लोगों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए एक बार दो हजार रुपए दिए जाएंगे. इस राशि का हस्तांतरण विधायकों की अनुशंसा पर होगी. विधायक की अनुशंसा से तैयार की गई सूची के आधार पर उप विकास आयुक्त प्रभावित परिवारों के मुखिया के खाते में जल्द से जल्द राशि को भेज दिया जायेगा. हर विधानसभा क्षेत्र में इसके लिए अधिकतम 25 लाख रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा तैयार किया गया है.

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: सुनिए पद्मश्री मधु मंसूरी के लोकगीत, कोरोना को हल्के में लेने वालों के लिए सबक

बैठक में वैसे योग्य लोग जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उन्हें खाद्यान्न मुहैया कराने को लेकर चर्चा हुई. इस पर उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में जिन्होंने नए राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उन्हें अंचल कार्यालय से खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है. इसको लेकर सभी प्रखंडों में तीन-तीन लाख रूपये की राशि भी हस्तांतरण की गई है. इसके अलावा आकस्मिक खाद्यान्न निधि योजना के अंतर्गत वार्ड एवं पंचायत के जनप्रतिनिधियों को 10-10 हजार उपलब्ध कराया गया है, ताकि वैसे लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और जिन्होंने आवेदन नहीं दिया है, उनके सामने खाने के समस्या उत्पन्न नहीं हो.

बैठक के दौरान आनाज वितरण में होने वाली अनियमितता को लेकर विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव दिए गए. जिस पर उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए गरीब, असहाय जरूरतमंद के बीच वितरण किये जा रहे राशन की निगरानी के लिए निगरानी समिति गठन करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया. निगरानी समिति में राशन वितरण के दौरान जिला परिषद, पंचायत समिति, वार्ड, मुखिया, रोजगार सेवक की उपस्थिति में आनाज का वितरण किया जायेगा, ताकि किसी प्रकार की अनियमितता की कोई गुंजाइश न रहे.

ये भी पढ़ें: बीमार पिता को गोद में उठाए एक किमी तक सड़क पर दौड़ा पुत्र, वीडियो वायरल

इसके अलावा बैठक के दौरान चंलत भोजनालय की सराहना करते हुए मंत्री हाजी हुसैन ने जनप्रतिनिधियों द्वारा शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इसकी शुरूआत करने की बात कही. जिसपर उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि देवघर और मधुपुर अनुमंडल के पश्चात चिन्हित प्रखंडों में भी चंलत भोजनालय की व्यवस्था जल्द शुरू की जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा दूर-दराज रहने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सके.

बैठक में डीलरों के मनमानी रवैयों को लेकर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ऐसे पीडीएस डीलरों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करें. बैठक के दौरान उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा जानकारी दी गई कि जिले के सभी गरीब असहाय परिवारों की भोजन की व्यवस्था हेतु जिला अंतर्गत 13 दाल-भात केंद्र, 23 विशेष दाल-भात केंद्र, 17 थानों में कम्यूनिटी किचन, 194 पंचायतों में दीदी किचन के माध्यम से निःशुल्क भोजन की व्यवस्था सभी के लिए की गई है.

इसके अलावा राशन को लेकर मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अधिकारियों या स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से शिकायतकर्ता के घर तक भी राशन पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है. बैठक के दौरान साफ-सफाई, फॉगिंग सेनेटाइजेशन को लेकर विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिए. साथ ही शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी साफ-सफाई की तीव्रता को बढ़ाने की बात पर चर्चा की गई. इस पर उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में कोविड -19 के दुष्प्रभाव को देखते हुए एवं संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार 14 वें वित्त आयोग के (FFC) अनुदान का उपयोग सभी ग्राम पंचायतों में कोविड-19 से बचाव इसके रोकथाम हेतु किया जाना है.

इसमें सभी ग्राम पंचायत अपनी अहम भूमिका निभाते हुए कीटाणुशोधन के माध्यम से वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में पर्याप्त स्वच्छता बनाए रखे एवं गांव की सड़कों, सीवेज नालियो, स्कूल, कॉलेज व सार्वजनिक उपयोग वाले भवनों, आंगन बाड़ी केंद्र, अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, बाजार, बैंक परिसर, डाकघर परिसर, पशु चिकित्सालय आदि का समुचित साफ-सफाई कराते हुए इनका नियमित अंतराल पर सेनेटाइजेशन कराया जाना है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया गया है कि सभी ग्राम पंचायतों द्वारा एफएफसी अनुदान, जिसमें ग्राम पंचायतों में बुनियादी सेवाओं में से एक के रूप में स्वच्छता शामिल है.

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जिसका उपयोग ग्राम पंचायतों में कीटाणुशोधन, धूमन, स्वच्छता, मास्क, सेनेटाइजर आदि की खरीद के लिए की जाए, ताकि उसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई एवं लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में आवश्यक कार्य किया जा सके. साथ हीं सभी जनप्रतिनिधियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मास्क व सेनेटाइजर जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा. वहीं, कोरोना के मामलों को लेकर बिना वजह के फैल रही अफवाहों पर लगाम लगे, इसको लेकर भी बैठक में विस्तृत चर्चा की गई. इसको लेकर उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन द्वारा लोगों की समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था की गई है.

किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही सोशल मीडिया पर निगरानी हेतु टीम का गठन कर साइबर सेल द्वारा भी पूरी तरह से नजर रखी जा रही है. साथ ही ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है ताकि लॉकडाउन को तोड़ने वाले लोगों को चिन्हित कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जा सके. जिला प्रशासन द्वारा लगातार लॉकडाउन के नियमों का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम के साथ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.

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