देवघरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाबाधाम देवघर विजिट को लेकर हलचल बढ़ गई है. प्रशासनिक गलियारों में गहमागहमी बढ़ी हुई है तो राज्य की राजनीति पर भी लोगों की नजर गड़ गई है. एक तरफ देवघर को पीएम मोदी की सौगात पर लोगों की निगाहें हैं तो दूसरी तरफ भाजपा को मोदी की आमसभा से अपने राजनीतिक आधार को मजबूत करने की उम्मीद है. इस बीच सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर आ गईं है. वहीं अक्सर स्थानीय लोगों के साथ आत्मीय संबंध बनाने में माहिर प्रधानमंत्री किस तरह लोगों से अपना जुड़ाव दिखाएंगे इस पर भी लोगों की नजर है. इसके साथ ही काशी विश्वनाथ की तर्ज पर देवघर के लोगों को कई और तोहफे प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मिलने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें- 16 हजार करोड़ की सौगात लेकर झारखंड आएंगे पीएम मोदी, 12 जुलाई को एयरपोर्ट समेत कई योजनाओं का करेंगे उद्घाटन-शिलान्यास
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी से सांसद है. यहां भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थापित है. प्रधानमंत्री इसको लेकर कई बार अपनी आस्था जाहिर कर रहे हैं और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर समेत कई विकास योजनाएं इसको केंद्रित कर चलाई जा रहीं हैं. अब पीएम नरेंद्र मोदी भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक अन्य की नगरी बाबा वैद्यनाथ धाम आ रहे हैं. इससे लोगों की उम्मीदें और बढ़ गईं हैं कि बाबा विश्वनाथ की नगरी की तरह बाबा वैद्यनाथ के धाम में पीएम मोदी नई योजनाओं की सौगात दे सकते हैं.
प्रस्तावित योजना से इतर भी घोषणाओं की उम्मीदः 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर में नवनिर्मित एयरपोर्ट का उद्धघाटन करने आ रहे हैं. देवघर में पीएम एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद बाबा वैद्यनाथ की पूजा अर्चना करेंगे. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी आजाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो पद पर रहते बाबा वैद्यनाथ की पूजा अर्चना करेंगे. इससे बाबाधाम के लोगों की उम्मीदें बढ़ गईं हैं. लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पहले से प्रस्तावित योजनाओं के अलावा कई और सौगात बाबा धाम के लोगों को दे सकते हैं.
भक्तों को यह है उम्मीदः देवघर दौरे में पीएम मोदी आमलोगों को भी संबोधित करेंगे. इसके लिए देवघर कॉलेज में आम सभा का कार्यक्रम संभावित है. बाबानगरी के दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री से देवघर वासियों ने कई उम्मीदें जताई हैं. कुछ लोगों का कहना है कि बाबा मंदिर का विकास होना चाहिए. मंदिर से सटे चारों तरफ मकान ही मकान दिखाई देते हैं. एक जमाना था कि मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर बाबा मंदिर के शिखर पर स्थित पंचशूल का भक्त दर्शन कर लेते थे और इसी का दर्शन कर बोल बम के नारों के साथ मंदिर पहुंच जलार्पण करते थे. लेकिन अब मंदिर के चारों तरफ इतनी घनी बस्ती है कि पंचशूल का दर्शन नहीं हो पाता.
राष्ट्रीय श्रावणी मेले का दर्जा मिलेः बता दें कि हर साल सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जलभर कर नंगे पांव 105 किलोमीटर की कठिन कांवड़ यात्रा कर देश के कोने कोने से कांवड़िये श्रावण मास में देवघर पहुंचते हैं. एक माह तक चलने वाली विश्व का सबसे लम्बी दूरी वाले श्रावणी मेला को राजकीय मेला का दर्जा मिला है. जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. झारखंड गठन के समय एक अनुमान के मुताबिक श्रावण माह में 8 से 10 लाख श्रद्धालु देवघर पहुंचते थे, लेकिन 2019 के सरकारी आंकड़ा के अनुसार लगभग 35 लाख तक लोग मेले में शामिल होने आए. इससे अब इसे राष्ट्रीय श्रावणी मेला का दर्जा दिए जाने की मांग उठने लगी है. 12 जुलाई को पूजा करने बाबा मंदिर आने वाले पीएम नरेंद्र मोदी से श्रावणी मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की घोषणा करने की मांग स्थानीय लोग कर रहे हैं.
काशी की तर्ज पर कॉरिडोर और कुंभ नगरी की तर्ज पर इंफ्रास्ट्रक्चर की मांगः स्थानीय लोगों का कहना है कि काशी की तर्ज पर यहां भी कॉरिडोर बने और कुंभ नगरी की तर्ज पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कराने का पीएम मोदी ऐलान करें.