देवघर: लोक आस्था और शुद्धता के महापर्व छठ को लेकर लोग तैयारियों में जुट गए हैं. जिसको लेकर जिले में छठ घाटों की साफ-सफाई तेज हो गई है. छठ व्रती दिवाली के अगली सुबह से ही स्नान के लिए शिवगंगा पहुंचने लगे हैं.
महाभारत काल से ही लोक आस्था का महापर्व छठ मनाने की परंपरा रही है. उत्तर भारत समेत पूरे देश में श्रद्धा और शुद्धता के महापर्व छठ को मनाने के लिए लोग अपने अपने गांव-घर पहुंच रहे हैं. कार्तिक छठ नहाय खाय के साथ शुरू हो जाएगा. मान्यता के अनुसार जिन लोगों को छठ व्रत करना होता है वो दिवाली के बाद से ही पवित्र नदी-तालाब में स्नान कर इस शुद्धता के पर्व की शुरुआत करते हैं. जिसको लेकर देवघरवासी सोमवार से बैद्यनाथ मंदिर के पास स्थित शिवगंगा तालाब में स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं.
ये भी पढ़ें:- राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने काली मंदिर में टेका मत्था, राज्य की सुख-समृद्धि का मांगा आशीर्वाद
श्रद्धा और शुद्धता के साथ चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के इस महापर्व में व्रती को लगभग 3 दिन का व्रत रखना होता है. जिसमें से 2 दिन तो निर्जला व्रत रखा जाता है. छठ को लेकर व्रती अपने आप को शुद्ध करने के लिए दीपावली की सुबह से ही गंगा स्नान करने निकल पड़े हैं. जिसका नजारा देवघर के शिवगंगा घाट पर देखने को मिल रहा है. जहां देवघर के आसपास के इलाकों से भी लोग शिवगंगा में स्नान करने के लिए पहुंचने लगे हैं. ऐसी मान्यता है कि जितनी शुद्धता गंगा नदी की है उतनी ही शुद्धता शिवगंगा तालाब की भी है.
बता दें कि दीपावली की सुबह से ही लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर देवघर के सभी इलाकों में भक्तिमय माहौल हो गया है. चारों ओर साफ-सफाई के काम हो रहे हैं, नदी, तालाब और वहां तक पहुंचने वाले रास्तों की सफाई युद्धस्तर पर की जा रही है. अभी से ही चारों ओर छठ गीतों की धुन गूंजने लगे हैं.