देवघर: कोविड-19 को लेकर देश मे लॉकडाउन के कारण सरकार की तरफ से संक्रमण से बचाव के लिए सभी धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से के सर्वोच्च न्यायालय में जनयाचिका दायर कर संक्रमण से बचाव को देखते हुए सभी मापदंडों को अपनाते हुए बाबा मंदिर में पूजा अर्चना को लेकर आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग की गई थी. इसके बाद न्यायालय की तरफ से दर्शन पूजा के लिए राज्य सरकार से विचार कर व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था.
इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन ई-पास के माध्यम से 200 श्रद्धालुओं का बाबा का दर्शन पूजा की व्यवस्था की गई, जिसके बाद अब बाबा मंदिर में सावन की तर्ज पर अर्घा सिस्टम लगा दिया गया है. इसके विरोध में शुक्रवार को पंडाधर्मरक्षणि सभा ने हड़ताल कर बाबा मंदिर में दर्शन पूजा की नई व्यवस्था ई-पास और अर्घा सिस्टम का विरोध किया. इसके तहत बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन के नीचे दर्जनों की संख्या में पंडाधर्मरक्षणि सभा के सदस्यों ने महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की अध्यक्षता में सांकेतिक हड़ताल किया.
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श्रद्धालुओं का सम्मान
महामंत्री का कहना है कि श्रद्धालुओं के सम्मान में अर्घा सिस्टम और ई-पास के माध्यम से महज 200 लोगों की दर्शन पूजा की व्यवस्था अनुचित है. यहां के व्यापारियों को व्यवसाय, होटलों को खोलने का आदेश तो दे दिए हैं मगर यात्री आएंगे ही नहीं तो यहां का व्यापार कैसे चलेगा. होटल में ठहरेगा कौन. वहीं इन्होंने कहा है कि जो भी श्रद्धालु आए चाहे वह किसी भी वर्ग या प्रान्त के हों, वह अगर बाबा बैद्यनाथ का पूजा अर्चना करने आए, तो उन्हें समान रूप से पूजा का अवसर मिले.