देवघरः महाशिवरात्रि के दो दिन पहले प्राचीन परंपरा के अनुसार बाबा भोलेनाथ ओर माता पार्वती मंदिर का पंचशूल पूरे विधि विधान ओर मंत्रोचार के साथ उतारा गया था. जिसकी साफ सफाई के बाद सरदार पंडा ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की. पूजा के बाद फिर से शीर्ष पर चढ़ा दिया गया.
22 मंदिरों में बाबा मंदिर और पार्वती मंदिर छोड़ बाकी सभी मंदिरों का पंचशूल पहले ही उतार लिया जाता है और आज के दिन फिर से सभी मंदिरों के शीर्ष पर चढ़ा दिया जाता है. बहरहाल, बाबा मंदिर और माता पार्वती मंदिर का पंचशूल उतारने के बाद गठबंधन बंद हो जाता है. ऐसे में जब शीर्ष पर पंचशूल चढ़ा दिया जाता है, तो बाबा मंदिर के सरदार पंडा की ओर से पहला गठबंधन कराया जाता है, फिर आम लोगों के लिए शुरू की जाती है. ऐसे में इस दृश्य को देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं.