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अपराधमुक्त समाज के लिए बेटियां जरूरीः सिविल सर्जन डॉ. युगल

देवघर में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया (Orientation Workshop In Deoghar). इसमें गिरते लिंगानुपात पर चर्चा की गई. इस दौरान सिविल सर्जन ने समाज में बेटियों के महत्व की जानकारी दी.

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देवघर में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन
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Published : Dec 3, 2022, 2:32 PM IST

देवघर: देवघर में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया (Orientation Workshop In Deoghar). इसमें सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने कहा कि देवघर में गिरते लिंगानुपात के आंकड़ों ने हैरान कर दिया है. जबकि अपराधमुक्त समाज के लिए बेटियों का होना जरूरी है.

ये भी पढ़ें-खुशखबरी: पूर्वी सिंहभूम का कोरोना संक्रमित मरीज हुआ ठीक, कोविड 19 फ्री स्टेट बना झारखंड!

बता दें कि शनिवार को देवघर के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट के तहत रोकथाम और जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने कहा कि इस एक्ट के तहत गर्भवस्था के दौरान दो बार अल्ट्रासॉउंड कराने के दौरान भ्रूण की जानकारी जुटा लेते हैं और फिर कन्या भ्रूण की जानकारी मिलते ही कई लोग गर्भपात करवा देते हैं जो ना सिर्फ समाज के लिए बल्कि लिंगानुपात के लिए भी घातक है.

देखें पूरी खबर


देवघर सिविल सर्जन ने कहा कि उन्मुखीकरण कार्यशाला के आयोजन का मकसद ग्रामीण इलाकों में लोगों को कन्या भ्रूण हत्या से जुड़े नुकसान और उससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक करना है. जिला के सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने बताया कि किस प्रकार लोग महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासॉउंड कराकर कन्या भ्रूण की जानकारी मिलते ही उसकी हत्या करा देते हैं.

देवघर: देवघर में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया (Orientation Workshop In Deoghar). इसमें सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने कहा कि देवघर में गिरते लिंगानुपात के आंकड़ों ने हैरान कर दिया है. जबकि अपराधमुक्त समाज के लिए बेटियों का होना जरूरी है.

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बता दें कि शनिवार को देवघर के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पीसीएंडपीएनडीटी एक्ट के तहत रोकथाम और जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने कहा कि इस एक्ट के तहत गर्भवस्था के दौरान दो बार अल्ट्रासॉउंड कराने के दौरान भ्रूण की जानकारी जुटा लेते हैं और फिर कन्या भ्रूण की जानकारी मिलते ही कई लोग गर्भपात करवा देते हैं जो ना सिर्फ समाज के लिए बल्कि लिंगानुपात के लिए भी घातक है.

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देवघर सिविल सर्जन ने कहा कि उन्मुखीकरण कार्यशाला के आयोजन का मकसद ग्रामीण इलाकों में लोगों को कन्या भ्रूण हत्या से जुड़े नुकसान और उससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक करना है. जिला के सिविल सर्जन डॉ. युगल चौधरी ने बताया कि किस प्रकार लोग महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासॉउंड कराकर कन्या भ्रूण की जानकारी मिलते ही उसकी हत्या करा देते हैं.

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