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देवघर: 5 सूत्री मांगों को लेकर, साक्षरता कर्मियों ने श्रम मंत्री के आवास के सामने दिया धरना - राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत साक्षरता कर्मी

1999 से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत साक्षरता कर्मी स्वयंसेवक के रूप में अपनी सेवा देते आ रहे थे. लेकिन सरकार ने 31 मार्च 2018 से साक्षर भारत मिशन को स्थगित कर दिया, जिससे झारखंड में लगभग 10 हजार साक्षरता कर्मी बेरोजगार होकर भुखमरी की स्थिति में आ गए हैं.

साक्षरता कर्मी धरने पर
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Published : Aug 11, 2019, 9:11 PM IST

देवघर: मधुपुर विधायक सह श्रम, नियोजन एवं परिवार कल्याण मंत्री राज पलिवार के आवास के समक्ष साक्षरता कर्मियों ने 5 सूत्री मांगों को लेकर रविवार को धरना दिया. धरने का आह्वान झारखंड राज्य साक्षरता कर्मचारी संघ ने किया था.

देखें पूरी खबर


इस अवसर पर साक्षरता कर्मियों ने कहा कि वर्ष 1999 से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत सभी साक्षरता कर्मी स्वयंसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं. लेकिन 31 मार्च 2018 से सरकार ने साक्षर भारत मिशन को स्थगित कर दिया है, जिससे झारखंड प्रदेश में करीब 10 हजार साक्षरता कर्मी बेरोजगार होकर भुखमरी की स्थिति में आ गए हैं. उम्र के इस पड़ाव में जीविकोपार्जन का कोई अन्य विकल्प उनके पास नहीं है जिससे साक्षरता कर्मचारी हताश हैं और आंदोलन पर उतर आए हैं.

यह भी पढ़ें- सबसे कठिन है दंडी यात्रा, शास्त्रों में कहते हैं इसे हठयोग, जानिए कैसे पूरी होती है यात्रा


वर्षों से साक्षरता कर्मी विभिन्न स्तर पर करते आ रहे हैं काम

  • साक्षरता कर्मी वर्ष 2012 से साक्षरता मिशन के तहत पंचायत स्तर पर लोक शिक्षा केंद्र में एक पुरुष तथा एक महिला प्रेरक के पद में कार्य कर रहे हैं.
  • प्रखंड स्तर पर बीपीएम और जिला स्तर पर डीपीएम तथा एक लेखापाल के रुप में साक्षरता कर्मी असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं.
  • सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न योजनाओं जैसे पल्स पोलियो, कुष्ठ उन्मूलन, मतदाता कार्य, बीएलओ, योजना बनाओ अभियान, स्वच्छ भारत, आर्थिक गणना, प्रधानमंत्री जनधन खाता खुलवाना, स्कूल चले चले अभियान के अलावा पारा शिक्षक के हड़ताल की अवधि में विद्यालयों के पठन-पाठन कार्य करना आदि का कार्य भी साक्षरता कर्मी ही कर रहे हैं.

क्या है इनकी मांगें
साक्षरता कर्मियों ने सरकार से अभिलंब बकाया मानदेय भुगतान करने, नई शिक्षा नीति 2019 के नाम पर सेवा समाप्त की साजिश बंद करने, शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों को वरीयता के आधार पर नियुक्त करने, साक्षरता कर्मचारियों को सरकार के किसी अन्य कार्यक्रम में समायोजन करने आदि की मांग की.


मांगें पूरी नहीं होने तक, जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन
साक्षरता कर्मियों ने यह भी कहा कि इस संबंध में श्रम नियोजन मंत्री के माध्यम से झारखंड सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा. वहीं मांगों को लेकर कृषि मंत्री के आवास के समक्ष और देवघर विधायक के आवास के समक्ष धरना दे चुके हैं. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.

देवघर: मधुपुर विधायक सह श्रम, नियोजन एवं परिवार कल्याण मंत्री राज पलिवार के आवास के समक्ष साक्षरता कर्मियों ने 5 सूत्री मांगों को लेकर रविवार को धरना दिया. धरने का आह्वान झारखंड राज्य साक्षरता कर्मचारी संघ ने किया था.

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इस अवसर पर साक्षरता कर्मियों ने कहा कि वर्ष 1999 से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत सभी साक्षरता कर्मी स्वयंसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं. लेकिन 31 मार्च 2018 से सरकार ने साक्षर भारत मिशन को स्थगित कर दिया है, जिससे झारखंड प्रदेश में करीब 10 हजार साक्षरता कर्मी बेरोजगार होकर भुखमरी की स्थिति में आ गए हैं. उम्र के इस पड़ाव में जीविकोपार्जन का कोई अन्य विकल्प उनके पास नहीं है जिससे साक्षरता कर्मचारी हताश हैं और आंदोलन पर उतर आए हैं.

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वर्षों से साक्षरता कर्मी विभिन्न स्तर पर करते आ रहे हैं काम

  • साक्षरता कर्मी वर्ष 2012 से साक्षरता मिशन के तहत पंचायत स्तर पर लोक शिक्षा केंद्र में एक पुरुष तथा एक महिला प्रेरक के पद में कार्य कर रहे हैं.
  • प्रखंड स्तर पर बीपीएम और जिला स्तर पर डीपीएम तथा एक लेखापाल के रुप में साक्षरता कर्मी असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं.
  • सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न योजनाओं जैसे पल्स पोलियो, कुष्ठ उन्मूलन, मतदाता कार्य, बीएलओ, योजना बनाओ अभियान, स्वच्छ भारत, आर्थिक गणना, प्रधानमंत्री जनधन खाता खुलवाना, स्कूल चले चले अभियान के अलावा पारा शिक्षक के हड़ताल की अवधि में विद्यालयों के पठन-पाठन कार्य करना आदि का कार्य भी साक्षरता कर्मी ही कर रहे हैं.

क्या है इनकी मांगें
साक्षरता कर्मियों ने सरकार से अभिलंब बकाया मानदेय भुगतान करने, नई शिक्षा नीति 2019 के नाम पर सेवा समाप्त की साजिश बंद करने, शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों को वरीयता के आधार पर नियुक्त करने, साक्षरता कर्मचारियों को सरकार के किसी अन्य कार्यक्रम में समायोजन करने आदि की मांग की.


मांगें पूरी नहीं होने तक, जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन
साक्षरता कर्मियों ने यह भी कहा कि इस संबंध में श्रम नियोजन मंत्री के माध्यम से झारखंड सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा. वहीं मांगों को लेकर कृषि मंत्री के आवास के समक्ष और देवघर विधायक के आवास के समक्ष धरना दे चुके हैं. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.

Intro:श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार के आवास के समक्ष साक्षरता कर्मियों ने दिया धरनाBody:मधुपुर के शेखपुरा स्थित स्थानीय विधायक सह प्रदेश के श्रम नियोजन मंत्री राज परिवार के आवास के समक्ष झारखंड राज्य साक्षरता कर्मचारी संघ के आह्वान पर साक्षरता कर्मियों ने 5 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया। कर्मियों का कहना है कि वर्ष 1999 से 2009 तक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत हम सभी स्वयंसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं। कहा वर्ष 2012 से साक्षरता मिशन के तहत पंचायत स्तर पर लोक शिक्षा केंद्र में एक पुरुष तथा एक महिला प्रेरक के पद में कार्य कर रहे हैं। प्रखंड स्तर पर बीपीएम और जिला स्तर पर डीपीएम तथा एक लेखापाल न्यूनतम मजदूरी पर और असाक्षरों को साक्षर करते आ रहे हैं। साथ ही सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न योजनाओं जैसे पल्स पोलियो, कुष्ठ उन्मूलन, मतदाता कार्य, बीएलओ, योजना बनाओ अभियान, स्वच्छ भारत, आर्थिक गणना, प्रधानमंत्री जनधन खाता खुलवाना, स्कूल चले चले अभियान के अलावे पारा शिक्षक के हड़ताल की अवधि में विद्यालयों के पठन-पाठन कार्य करना आदि साक्षरता कर्मियों ने निरंतर किया है। लेकिन 31 मार्च 2018 से सरकार ने साक्षर भारत मिशन को स्थगित कर दिया है जिससे झारखंड प्रदेश में करीब 10 हजार साक्षरता कर्मी बेरोजगारों होकर भुखमरी की स्थिति में आ गए हैं। कहा कि उम्र के इस पड़ाव में जीविकोपार्जन का कोई अन्य विकल्प नहीं है जिससे साक्षरता कर्मचारी हताश हैं।साक्षरता कर्मियों ने सरकार से अभिलंब बकाया मानदेय भुगतान करने, नई शिक्षा नीति 2019 के नाम पर सेवा समाप्त की साजिश बंद करने, शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों पर वरीयता के आधार पर नियुक्त करने, साक्षरता कर्मचारियों को सरकार के किसी अन्य कार्यक्रम में समायोजन करने आदि मांग शामिल है कहा कि श्रम नियोजन मंत्री के माध्यम से झारखंड सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बाईट-1रेखा कुमारी,जिला उपाध्यक्ष
बाईट-2 विश्वनाथ कोयरी,प्रखंड अध्यक्ष,मधुपुरConclusion:साक्षरता कर्मियों का कहना है कि मांगों को लेकर कृषि मंत्री आवास के समक्ष सारठ में धरना दिया देवघर विधायक के आवास के समक्ष धरना दे चुका हूं मांग पूरी न हुआ तो धरना प्रदर्शन जारी रहेगा
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