देवघर: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में लगातर 38 वर्षों से डाक कांवर लेकर बाबाधाम आनेवाली कृष्णा बम इस साल भी पहली सोमवारी को जलार्पण करने पहुंची है. झारखंड के दुम्मा बॉर्डर पर पहुंचते ही जिला प्रसाशन ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया और बाबा मन्दिर तक अपनी सुरक्षा में पहुंचाया.
श्रद्धा के 38 साल, कृष्णा बम फिर पहुंची देवघर
पिछले 38 वर्षों से सावन की हर सोमवार को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करती आ रही कृष्णा बम कांवरियों के लिए शक्ति का प्रतिक बन गई है. सावन के पहले सोमवार को जब वह देवघर-दुम्मा बॉर्डर पहुंची तो कांवरिए उनके दर्शन के लिए लालायित नजर आए.
कृष्णा बम पहुंची देवघर
देवघर: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में लगातर 38 वर्षों से डाक कांवर लेकर बाबाधाम आनेवाली कृष्णा बम इस साल भी पहली सोमवारी को जलार्पण करने पहुंची है. झारखंड के दुम्मा बॉर्डर पर पहुंचते ही जिला प्रसाशन ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया और बाबा मन्दिर तक अपनी सुरक्षा में पहुंचाया.
Intro:देवघर 38वें साल भी डाक कंवर लेकर बाबाधाम पहुंची 'कृष्णा बम', कांवरिया पथ में कृष्णा बम के दर्शन को उमड़ी भीड़।
Body:एंकर- विश्व प्रसिद्ध श्रवणी मेले में लगातर 38 वर्षों से डाक कांवर लेकर बाबाधाम आनेवाली कृष्णा बम इस साल भी पहली सोमवारी के रोज़ जलार्पण करने पहुंची। झारखंड के दुम्मा बॉर्डर पर पहुंचते ही जिला प्रसाशन ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया और बाबा मन्दिर तक एस्कॉर्ट कर पहुंचाया। इस दौरान पूरे रास्ते कृष्णा बम के दर्शन के लिए तमाम कांवरिये सड़क किनारे खड़े नजर आए और उनके पीछे पीछे चलने लगे। आपको बता दें कि, कृष्णा बम पिछले 38 वर्षों से लगातार सावन की सभी सोमवारी को सुल्तानगंज से देवघर तक की 110 किलोमीटर की यात्रा बिना रुके तय करती हैं। यही वजह है कि, कृष्णा बम देवनगरी में आस्था की प्रतीक मानी जाती हैं। ओर कांवरिये देव रूपी देख प्रसन्न होते है। जो प्रत्येक सोमवारी को सुल्तानगंज से जल लेकर 105 किलोमीटर पथ तय कर देवनगरी पहुचती है।
Conclusion:बहरहाल, पहली सोमवारी को जलार्पण के बाद कृष्णा बम फिर दूसरी सोमवारी के लिए सुल्तानगंज से जल उठाएंगी और भोलेनाथ को जलार्पण करेंगी।
Body:एंकर- विश्व प्रसिद्ध श्रवणी मेले में लगातर 38 वर्षों से डाक कांवर लेकर बाबाधाम आनेवाली कृष्णा बम इस साल भी पहली सोमवारी के रोज़ जलार्पण करने पहुंची। झारखंड के दुम्मा बॉर्डर पर पहुंचते ही जिला प्रसाशन ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया और बाबा मन्दिर तक एस्कॉर्ट कर पहुंचाया। इस दौरान पूरे रास्ते कृष्णा बम के दर्शन के लिए तमाम कांवरिये सड़क किनारे खड़े नजर आए और उनके पीछे पीछे चलने लगे। आपको बता दें कि, कृष्णा बम पिछले 38 वर्षों से लगातार सावन की सभी सोमवारी को सुल्तानगंज से देवघर तक की 110 किलोमीटर की यात्रा बिना रुके तय करती हैं। यही वजह है कि, कृष्णा बम देवनगरी में आस्था की प्रतीक मानी जाती हैं। ओर कांवरिये देव रूपी देख प्रसन्न होते है। जो प्रत्येक सोमवारी को सुल्तानगंज से जल लेकर 105 किलोमीटर पथ तय कर देवनगरी पहुचती है।
Conclusion:बहरहाल, पहली सोमवारी को जलार्पण के बाद कृष्णा बम फिर दूसरी सोमवारी के लिए सुल्तानगंज से जल उठाएंगी और भोलेनाथ को जलार्पण करेंगी।