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निर्माणाधीन एयरपोर्ट ने बच्चियों की पढ़ाई में डाला रोड़ा, रास्ता बंद होने से छोड़ी पढ़ाई - देवघर में एयरपोर्ट के चलते रास्ता बंद

देवघर के सातर गांव की बच्चियां मिडिल स्कूल के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं. इसके पीछे दो वजह हैं. पहला गांव में हाई स्कूल नहीं है और दूसरा एयरपोर्ट के चलते शहर जाने का रास्ता बंद हो गया है. एप्रोच रोड 15 किलोमीटर का है और सुनसान इलाका पड़ता है. ऐसे में बच्चियों को जाने में डर लगता है और मां-बाप भी इसको लेकर चिंतित हैं.

girls of Satar village left studies
सातर गांव की लड़कियों ने छोड़ी पढ़ाई
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Published : Mar 8, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 10:37 PM IST

देवघर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देवघर की एक तस्वीर मायूस करती है. यहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा यहां दम तोड़ रहा है. दरअसल, देवघर के सातर गांव में कोई हाई स्कूल नहीं है. यहां की लड़कियां पहले शहर के हाई स्कूल में पढ़ने जाती थीं. एयरपोर्ट बनने के कारण एक महीने पहले शहर जाने का रास्ता बंद कर दिया गया. शहर जाने वाला एप्रोच रोड 15 किलोमीटर लंबा है और सुनसान इलाके की वजह से बच्चियां शहर में पढ़ने नहीं जा पाती. बच्चियां सरकार से गुहार लगा रही हैं कि गांव में ही हाई स्कूल बनवा दीजिए ताकि हम भी पढ़ सकें और हमारे सपनों को भी नई उड़ान मिल सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: विकास के नाम पर झारखंड में 21 वर्षों से जारी है एमओयू का खेल, समझौते के बाद बड़ी कंपनियां क्यों हो जाती हैं उदासीन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट करने की मांग

आठवीं पास कर चुकी छात्राओं के पास पढ़ाई छोड़ने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. सुनसान रास्ते से लंबी दूरी तय करके स्कूल जाना संभव नहीं है. परिजनों का कहना है कि सुनसान रास्ते से बच्चियों को स्कूल कैसे भेजें. पढ़ाना तो चाहते हैं लेकिन अब क्या करें. सुनसान रास्ते से बच्चियों को स्कूल भेजने में डर लगता है. सरकार यहीं के मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट कर दे. अगर ऐसा हुआ तो सातार गांव बच्चियां भी पढ़ सकेंगी.

डीसी ने कहा-डीईओ से बात कर सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव

डीसी मंजूनाथ भजंत्री का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी से इस संबंध में बात करेंगे. अगर उस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ तो मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट करने को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे. विकास जरूरी है लेकिन इसकी अंधी दौड़ के चलते सैकड़ों बच्चियों की तालीम छिनती दिख रही है. उम्मीद है हुक्मरान इसे समझेंगे और बच्चियों की गुहार जरूर सुनेंगे.

देवघर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देवघर की एक तस्वीर मायूस करती है. यहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा यहां दम तोड़ रहा है. दरअसल, देवघर के सातर गांव में कोई हाई स्कूल नहीं है. यहां की लड़कियां पहले शहर के हाई स्कूल में पढ़ने जाती थीं. एयरपोर्ट बनने के कारण एक महीने पहले शहर जाने का रास्ता बंद कर दिया गया. शहर जाने वाला एप्रोच रोड 15 किलोमीटर लंबा है और सुनसान इलाके की वजह से बच्चियां शहर में पढ़ने नहीं जा पाती. बच्चियां सरकार से गुहार लगा रही हैं कि गांव में ही हाई स्कूल बनवा दीजिए ताकि हम भी पढ़ सकें और हमारे सपनों को भी नई उड़ान मिल सके.

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मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट करने की मांग

आठवीं पास कर चुकी छात्राओं के पास पढ़ाई छोड़ने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. सुनसान रास्ते से लंबी दूरी तय करके स्कूल जाना संभव नहीं है. परिजनों का कहना है कि सुनसान रास्ते से बच्चियों को स्कूल कैसे भेजें. पढ़ाना तो चाहते हैं लेकिन अब क्या करें. सुनसान रास्ते से बच्चियों को स्कूल भेजने में डर लगता है. सरकार यहीं के मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट कर दे. अगर ऐसा हुआ तो सातार गांव बच्चियां भी पढ़ सकेंगी.

डीसी ने कहा-डीईओ से बात कर सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव

डीसी मंजूनाथ भजंत्री का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी से इस संबंध में बात करेंगे. अगर उस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ तो मिडिल स्कूल को हाई स्कूल में कन्वर्ट करने को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे. विकास जरूरी है लेकिन इसकी अंधी दौड़ के चलते सैकड़ों बच्चियों की तालीम छिनती दिख रही है. उम्मीद है हुक्मरान इसे समझेंगे और बच्चियों की गुहार जरूर सुनेंगे.

Last Updated : Mar 8, 2021, 10:37 PM IST
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