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'कृषि कर्मण' अवार्ड के लिए दलहन-तिलहन की खेती, अच्छी फसल उगाने की पुरजोर कोशिश - Pulses-oilseeds cultivation in Deoghar

चावल उत्पादन की श्रेणी में झारखंड को कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने से देवघर के किसानों में काफी खुशी का माहौल है. झारखंड को यह पुरस्कार चावल की श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिला है. पुरस्कार मिलने से उत्साहित देवघर के किसान अब दलहन और तिलहन श्रेणी में भी राज्य को यह पुरस्कार दिलाने की उम्मीद लगाए हुए है.

किसान कर रहे दलहन-तेलहन की खेती
Krishi Karman Award
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Published : Jan 11, 2020, 11:02 AM IST

देवघर: झारखंड को चावल के उत्पादन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड मिलने से किसानों में भी काफी खुशी का माहौल है. इस नए माहौल में देवघर में किसान अब राज्य को दलहन और तिलहन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड की उम्मीद लगाए हुए है और उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

अच्छी फसल उगाने की कोशिश
चावल उत्पादन की श्रेणी में झारखंड को कृषि कर्मण पुरस्कार 2016-17 में मिला. पुरस्कार मिलने से उत्साहित देवघर के किसान अब दलहन और तिलहन श्रेणी में भी राज्य को यह पुरस्कार दिलाने के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं. किसानों की ओर से कृषि के आधुनिक तकनीक सहित उत्तम किस्म के बीज के सहारे दलहन की अच्छी फसल उगाने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें-मकर संक्रांति को लेकर सजा तिलकुट का बाजार, गया के नहीं हजारीबाग जिला के कारीगर तैयार कर रहे हैं तिलकुट

17 हजार हेक्टेयर में तिलहन की खेती का लक्ष्य
देवघर में इस बार लगभग 19 हजार 600 हेक्टेयर में दलहन, जबकि 17 हजार हेक्टेयर में तेलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया है. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए गए हैं. इस बार अच्छा मानसून होने से विभागीय अधिकारी भी गदगद हैं और बंपर दलहन और तिलहन की उपज होने की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-BCCL सीएमडी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत, कहा- नए ओपन कास्ट पैच से उत्पादन लक्ष्य होगा पूरा

दोबारा राज्य को दिलाना चाहते हैं सम्मान
बहरहाल, झारखंड को एक बार पहले भी साल 2012-13 में दलहन श्रेणी में कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. अब यहां के किसान दोबारा राज्य को यह सम्मान दिलाना चाहते हैं. उम्मीद है कि किसानों की यह मेहनत रंग लाएगी.

देवघर: झारखंड को चावल के उत्पादन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड मिलने से किसानों में भी काफी खुशी का माहौल है. इस नए माहौल में देवघर में किसान अब राज्य को दलहन और तिलहन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड की उम्मीद लगाए हुए है और उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

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अच्छी फसल उगाने की कोशिश
चावल उत्पादन की श्रेणी में झारखंड को कृषि कर्मण पुरस्कार 2016-17 में मिला. पुरस्कार मिलने से उत्साहित देवघर के किसान अब दलहन और तिलहन श्रेणी में भी राज्य को यह पुरस्कार दिलाने के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं. किसानों की ओर से कृषि के आधुनिक तकनीक सहित उत्तम किस्म के बीज के सहारे दलहन की अच्छी फसल उगाने की कोशिश की जा रही है.

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17 हजार हेक्टेयर में तिलहन की खेती का लक्ष्य
देवघर में इस बार लगभग 19 हजार 600 हेक्टेयर में दलहन, जबकि 17 हजार हेक्टेयर में तेलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया है. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए गए हैं. इस बार अच्छा मानसून होने से विभागीय अधिकारी भी गदगद हैं और बंपर दलहन और तिलहन की उपज होने की बात कर रहे हैं.

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दोबारा राज्य को दिलाना चाहते हैं सम्मान
बहरहाल, झारखंड को एक बार पहले भी साल 2012-13 में दलहन श्रेणी में कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. अब यहां के किसान दोबारा राज्य को यह सम्मान दिलाना चाहते हैं. उम्मीद है कि किसानों की यह मेहनत रंग लाएगी.

Intro:देवघर चावल के उत्पादन में मिली कृषि कर्मण अवार्ड के बाद,अब राज्य को दलहन तेलहन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड की उम्मीद।


Body:एंकर देवघर झारखंड को चावल के उत्पादन के लिए कॄषि कर्मण अवार्ड मिलने से किसानों में भी काफी हर्ष है । इस नए माहौल में देवघर में किसान अब राज्य को दलहन और तेलहन के लिए कृषि कर्मण अवार्ड की उम्मीद लगाए अच्छी मेहनत कर रहे है। चावल उत्पादन की श्रेणी में झारखंड को कृषि कर्मण पुरस्कार मिकने से देवघर के किसानों में काफी हर्ष है। झारखंड को यह पुरस्कार वर्ष 2016-17 के लिए चावल श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिला है। पुरस्कार मिलने से उत्साहित देवघर के किसान अब दलहन और तेलहन श्रेणी में भी राज्य को यह पुरस्कार दिलाने की उम्मीद लगाए जी तोड़ मेहनत कर रहे है। किसानों द्वारा कृषि के आधुनिकतम तकनीक सहित उत्तम किस्म के बीज के सहारे दलहन की अच्छी फसल उगाने की कोशिश की जा रही है। देवघर में इस बार लगभग 19 हजार 600 हेक्टेयर में दलहन जबकि 17हजार हेक्टेयर में तेलहन की खेती का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए गए है। इस बार अच्छी मॉनसून होने से विभागीय अधिकारी भी गदगद है। और बम्फर दलहन और तेलहन की उपज की होने की बात कर रहे है।


Conclusion:बहरहाल,झारखंड को एक बार पहले भी वर्ष 2012-13 में दलहन श्रेणी में कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। अब यहाँ के मेहनती किसान दोबारा राज्य को यह सम्मान दिलाना चाहते है। उम्मीद की जानी चाहिए कि देवघर के किसान की तरह पूरे राज्य के किसानों की यह मेहनत रंग लाएगी।

बाइट रामाशंकर प्रसाद सिंह,कृषि पदाधिकारी देवघर।
बाइट अरुण कुमार बक्शी,किसान।
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