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गांधीजी का मधुपुर आगमन एक ऐतिहासिक क्षण था: डॉ उत्तम पियूष

मधुपुर में महात्मा गांधी के मधुपुर आगमन को लेकर परिचर्चा सह संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कहा गया कि मधुपुर तिलक मध्य विद्यालय गांधीजी के आगमन के पश्चात राष्ट्रभक्त पैदा करने वाला एक मशीन हो गया था. गांधीजी का मधुपुर आगमन एक ऐतिहासिक क्षण था.

मधुपुर आगमन को लेकर परिचर्चा सह संवाद कार्यक्रम
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Published : Sep 9, 2019, 5:33 PM IST

देवघर: मधुपुर तिलक कला मध्य विद्यालय में परिचर्चा सह संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन उमा रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन सेन्टर के तत्वाधान में महात्मा गांधी के मधुपुर आगमन को लेकर किया गया.

देखें पूरी खबर

भारत छोड़ो आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका

कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उमा रिसर्च के शोधकर्ता व साहित्यकार डॉ उत्तम पियूष ने कहा कि मधुपुर तिलक मध्य विद्यालय एक स्वावलंबी आत्मा, अनुशासित और स्वतंत्रता समर्थक राष्ट्रीयशाला था. गांधी जी के आगमन के पश्चात यह राष्ट्रभक्त पैदा करने वाला मशीन हो गया था, जिसने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन किया था.

सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का दिया संदेश

डॉ पियूष ने कहा कि मधुपुर तिलक कला मध्य विद्यालय के शुभारंभ से लेकर 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन तक गांधीजी के दर्शन का जादू मधुपुर में चला. उन्होंने कहा कि गांधीजी ने हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है. उनका मधुपुर आगमन एक ऐतिहासिक क्षण था.

देवघर: मधुपुर तिलक कला मध्य विद्यालय में परिचर्चा सह संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन उमा रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन सेन्टर के तत्वाधान में महात्मा गांधी के मधुपुर आगमन को लेकर किया गया.

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भारत छोड़ो आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका

कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उमा रिसर्च के शोधकर्ता व साहित्यकार डॉ उत्तम पियूष ने कहा कि मधुपुर तिलक मध्य विद्यालय एक स्वावलंबी आत्मा, अनुशासित और स्वतंत्रता समर्थक राष्ट्रीयशाला था. गांधी जी के आगमन के पश्चात यह राष्ट्रभक्त पैदा करने वाला मशीन हो गया था, जिसने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन किया था.

सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का दिया संदेश

डॉ पियूष ने कहा कि मधुपुर तिलक कला मध्य विद्यालय के शुभारंभ से लेकर 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन तक गांधीजी के दर्शन का जादू मधुपुर में चला. उन्होंने कहा कि गांधीजी ने हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है. उनका मधुपुर आगमन एक ऐतिहासिक क्षण था.

Intro:महात्मा गांधी के मधुपुर आगमन पर परिचर्चा का आयोजनBody:देवघर/मधुपुर के तिलक कला मध्य विद्यालय में उमा रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन सेन्टर के तत्वाधान में महात्मा गांधी मधुपुर आगमन पर एक परिचर्चा सह संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उमा रिसर्च के शोधकर्ता साहित्यकार डॉक्टर उत्तम पियूष ने कहा कि जो तिलक विद्यालय एक स्वावलंबी आत्मा अनुशासित और स्वतंत्रता समर्थक राष्ट्रीयशाला था, दरअसल गांधी जी के आगमन के पश्चात यह राष्ट्रभक्त पैदा करने वाला मशीन हो गया था,जिसने असहयोग आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन, तथा भारत छोड़ो आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन किया था। आगे कहा 1922 में तिलक कला मध्य विद्यालय के शुभारंभ से लेकर 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन तक अनवरत गांधी जी के दर्शन का जादू मधुपुर में चल गया कहा कि गांधी जी ने सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया वे पुनः 1934 में दोबारा देवघर आने के क्रम में मधुपुर पहुंचे थे महात्मा गांधी का मधुपुर आगमन एक ऐतिहासिक क्षण था। इसके अलावा कार्यक्रम में अन्य उपस्थित लोगों ने भी महात्मा गांधी के बारे में अपनी जानकारी को साझा किया। कार्यक्रम में कई साहित्यकार, शिक्षक, प्रोफेसर, समाजसेवी, पर्यावरणविद आदि लोगों ने हिस्सा लिया।
बाईट- डा उत्तम पियुष,शोधकर्ता, उमा रिसर्च सेंटर मधुपुरConclusion:कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने भी अपने विचारों को रखते हुए गांधी के आगमन पर चर्चा किया
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