देवघर: अनलॉक 1.0 में मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को 8 जून से खोलने को लेकर केंद्र सरकार के निर्णय के बाद देवघर में चर्चा गर्म हो गई है. श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर लोगों की अलग-अलग राय सामने आ रही है, लेकिन अभी तक बाबा मंदिर खोलने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है.
झारखंड सरकार ने भी केंद्र की राह पर चलते हुए राज्य में कंटेनमेंट जोन के बाहर कई जरूरी उद्योगों को खोलने की अनुमति दे दी है. सुरक्षा एहतियात के साथ तमाम सुविधाएं बहाल कर दी हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेज, मॉल और सैलून फिलहाल बंद ही रहेंगे. वहीं, धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार की ओर से नहीं मिला है. देवघर के श्रावणी मेला शुरू होने में अब लगभग एक महीने का समय बाकी है, लेकिन सुल्तानगंज-देवघर कांवरिया पथ पर अभी तक सन्नाटा पसरा हुआ है.
मेले के आयोजन पर संशय
अनलॉक 1.0 को लेकर केंद्र सरकार ने सभी जरूरी चीजों को लेकर गाइड लाइन जारी कर दिया है. ऐसे में इसको लागू करने को लेकर राज्य सरकार का अंतिम फैसला लेगी. वहीं, झारखंड सरकार ने 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खुलने की चर्चा के बाद देवघर श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी है. एक तरफ मेले में रोजी-रोजगार से जुड़े लोगों ने श्रावणी मेला के आयोजन की मांग कर रहे हैं. वहीं, तीर्थपुरोहितों की संस्था पंडा धर्मरक्षणि सभा ने कोरोना जैसी महामारी के बढ़ते संक्रमण का खतरा को देखते हुए इस साल मेले का आयोजन नहीं करने की सलाह दी है.
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बहरहाल, अब मेले के आयोजन को लेकर राज्य सरकार ही अंतिम निर्णय लेगी. श्रावणी मेले के आयोजन पर संताल परगना की अर्थव्यवस्था भी टिकी हुई है. देश के बड़े मेलों में शामिल श्रावणी मेले के आयोजन का पूरा दारोमदार जिला प्रशाशन पर होता है. अनलॉक 1.0 में केंद्र सरकार ने 8 जून से सभी धार्मिक स्थल को खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन अंतिम निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है. ऐसे भी देवघर श्रावणी मेला के संबंध में अंतिम निर्णय श्राइन बोर्ड ही लेती है. ऐसे में अब श्राइन बोर्ड के निर्णय का सभी को इंतजार है.