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बसंत पंचमी के दिन बाबा बैद्यनाथ को चढ़ेगा तिलक, मिथिलांचल के तिलकहरुओं से पटा देवघर शहर

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Published : Jan 25, 2023, 8:46 PM IST

सरस्वती पूजा के दिन बाबा बैद्यनाथ की तिलक की रस्म पूरी की जाएगी. बाबा को तिलक चढ़ाने के लिए मिथिलांचल के श्रद्धालु देवघर पहुंच गए हैं. पूरा शहर तिलकहरुओं से पट गया है. वहीं इसको लेकर प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर के साथ-साथ पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. तिलक चढ़ाने की क्या है मान्यता जानने के पढ़ें पूरी खबर

Baba Baidyanath Tilak Ceremony
Devotees in Deoghar Temple Premises

देवघर: बसंत पंचमी के दिन गुरुवार को बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ेगा. इसके लिए मिथिलांचल से तिलकहरुए देवघर पहुंच चुके हैं. बता दें कि बाबाधाम देवघर धर्मिक मान्यताओं वाला एक पौराणिक शहर है. देवघर में बाबा बैद्यनाथ मां भगवती के साथ विराजते हैं. इसलिए देवघर के बाबा बैद्यनाथ को द्वादश ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है. बाबा धाम में वैसे तो सालों भर श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला और शिवरात्रि के साथ बसंत पंचमी का अपना एक विशेष धार्मिक महत्व है. कहते हैं सरस्वती पूजा के दिन बाबा बैद्यनाथ का तिलक उत्सव मनाया जाता है.

ये भी पढे़ं-मिथिलांचल से देवघर पहुंचे तिलकहरू श्रद्धालु, बसंत पंचमी पर होगा बाबा वैद्यनाथ का तिलक, जानिए क्या है महत्व

बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए उत्तर बिहार से पहुंचे श्रद्धालुः बसंत पंचमी पर बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए उत्तर बिहार के लोग पहुंच गए हैं. इनमें मिथिलांचल सहित सीतामढ़ी, समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर आदि स्थानों से श्रद्धालु देवघर पहुंचे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मिथिला के लोग बाबा बैद्यनाथ को अपना बहनोई मानते हैं और मां पार्वती को बहन. इस पौराणिक और धार्मिक परंपरा का आज भी निर्वहन करते हुए ये सभी श्रद्धालु देवघर पहुंचे हैं. कोई पैदल चल कर आया है तो कोई निजी वाहन या ट्रेन से.

पूरा शहर तिलकहरुओं से पटाः मिथिलाचंल के लोग इन दिनों देवघर शहर में विभिन्न स्थानों पर तंबू लगा कर डेरा डाले हुए हैं. जहां 24 घंटे शिव धुन और राम धुन बजाया जा रहा है. जिससे पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया है. सभी बड़े बड़े बहंगी में अपने जरूरत के सामानों और बाबा को अर्पित करने के लिए पूजा के सामान साथ लाए हैं. वहीं सरस्वती पूजा के दिन पूरे विधि-विधान से बाबा बैद्यनाथ को मंदिर प्रांगण में तिलक चढ़ाया जाएगा. प्रथा अनुसार अबीर, गुलाल, घृत, इत्र, फुलेल आदि से बाबा को तिलक चढ़ाया जाता है.

प्रशासन की ओर से किए गए है विशेष इंतजामः इधर, जिला प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहराव के साथ अन्य व्यवस्था करायी गई है, ताकि तिलकहरुओं को भटकना नहीं पड़े. इसलिए मंदिर के आसपास के चापाकलों को दुरुस्त करा लिया गया है. वहीं मंदिर प्रांगण और फुट ओवरब्रिज पर भी सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सारी व्यवस्था की मॉनीटरिंग खुद उपायुक्त कर रहे हैं. वहीं बसंत पंचमी मेला को देखते हुए पूर्व से ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनाती शहर में कर दी गई है. बताते चलें कि वहीं शिवरात्रि के दिन बाबा की भव्य बरात निकाली जाएगी जो अपने आप में भव्यता को लेकर देश भर में जाना जाता है.

देवघर: बसंत पंचमी के दिन गुरुवार को बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ेगा. इसके लिए मिथिलांचल से तिलकहरुए देवघर पहुंच चुके हैं. बता दें कि बाबाधाम देवघर धर्मिक मान्यताओं वाला एक पौराणिक शहर है. देवघर में बाबा बैद्यनाथ मां भगवती के साथ विराजते हैं. इसलिए देवघर के बाबा बैद्यनाथ को द्वादश ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है. बाबा धाम में वैसे तो सालों भर श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला और शिवरात्रि के साथ बसंत पंचमी का अपना एक विशेष धार्मिक महत्व है. कहते हैं सरस्वती पूजा के दिन बाबा बैद्यनाथ का तिलक उत्सव मनाया जाता है.

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बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए उत्तर बिहार से पहुंचे श्रद्धालुः बसंत पंचमी पर बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने के लिए उत्तर बिहार के लोग पहुंच गए हैं. इनमें मिथिलांचल सहित सीतामढ़ी, समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर आदि स्थानों से श्रद्धालु देवघर पहुंचे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मिथिला के लोग बाबा बैद्यनाथ को अपना बहनोई मानते हैं और मां पार्वती को बहन. इस पौराणिक और धार्मिक परंपरा का आज भी निर्वहन करते हुए ये सभी श्रद्धालु देवघर पहुंचे हैं. कोई पैदल चल कर आया है तो कोई निजी वाहन या ट्रेन से.

पूरा शहर तिलकहरुओं से पटाः मिथिलाचंल के लोग इन दिनों देवघर शहर में विभिन्न स्थानों पर तंबू लगा कर डेरा डाले हुए हैं. जहां 24 घंटे शिव धुन और राम धुन बजाया जा रहा है. जिससे पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया है. सभी बड़े बड़े बहंगी में अपने जरूरत के सामानों और बाबा को अर्पित करने के लिए पूजा के सामान साथ लाए हैं. वहीं सरस्वती पूजा के दिन पूरे विधि-विधान से बाबा बैद्यनाथ को मंदिर प्रांगण में तिलक चढ़ाया जाएगा. प्रथा अनुसार अबीर, गुलाल, घृत, इत्र, फुलेल आदि से बाबा को तिलक चढ़ाया जाता है.

प्रशासन की ओर से किए गए है विशेष इंतजामः इधर, जिला प्रशासन के द्वारा श्रद्धालुओं के ठहराव के साथ अन्य व्यवस्था करायी गई है, ताकि तिलकहरुओं को भटकना नहीं पड़े. इसलिए मंदिर के आसपास के चापाकलों को दुरुस्त करा लिया गया है. वहीं मंदिर प्रांगण और फुट ओवरब्रिज पर भी सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सारी व्यवस्था की मॉनीटरिंग खुद उपायुक्त कर रहे हैं. वहीं बसंत पंचमी मेला को देखते हुए पूर्व से ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनाती शहर में कर दी गई है. बताते चलें कि वहीं शिवरात्रि के दिन बाबा की भव्य बरात निकाली जाएगी जो अपने आप में भव्यता को लेकर देश भर में जाना जाता है.

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