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Deoghar News: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर दिया गया प्रशिक्षण, सात लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 8, 2023, 6:36 PM IST

देवघर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. सदर अस्पताल में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. इस बार एक साल से लेकर 18 साल तक के 774363 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

देवघर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर तैयारी शुरू हो गई है.
Deoghar News

देवघर: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित की गई. इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर रंजन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सीके शाही, समाज कल्याण प्राधिकारी रुनु मिश्रा ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. गौरतलब है कि देवघर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 20 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. शेष को 29 सितंबर को दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: National Deworming Day Program: 20 अप्रैल से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का द्वितीय चरण, 16 जिलों के 118 प्रखंडों में होगी शुरुआत

आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाएगी दवा: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के एक साल से 18 साल तक के 774363 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास के द्वारा किया जाना है. मौके पर सीके शाही ने कहा कि 20 सितंबर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को कृमि नियंत्रण की दवाई स्कूलों एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से निशुल्क दी जाएगी. 1 से 5 साल के बच्चों को यह दवाई आंगनबाड़ी केंद्र पर खिलाई जाएगी. जबकी 6 से 18 साल के नाबालिग को यह दवा स्कूल में दी जाएगी. गैर पंजीकृत और स्कूल न जाने वाले बच्चों को दवाई आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलाई जाएगी.

दवा के ये हैं फायदे: बच्चों को कृमि नियंत्रण के महत्वपूर्ण फायदे होते हैं. इसमें खून की कमी से सुधार, बेहतर पोषण स्तर स्कूल और आंगनवाड़ी में उपस्थिति तथा सीखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करता है. भविष्य में कार्य क्षमता में बढ़ोतरी करती है. वातावरण में कृमि की संख्या कम होने पर समुदाय को लाभ मिलता है.

सिविल सर्जन ने दी ये सलाह: सिविल सर्जन रंजन सिंह ने बताया कि कृमि से बचने के लिए नाखून साफ और छोटे रखना चाहिए. हमेशा साफ पानी पीना चाहिए. खाना को ढक कर रखना चाहिए. साफ पानी से फल और सब्जियों को धोने चाहिए. अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद आसपास सफाई रखनी चाहिए. नंगे पांव न रहे हमेशा जूते चप्पल पहनना चाहिए खुले में शौच नहीं करना चाहिए. हमेशा शौचालय का प्रयोग करें. डॉ मनीष शेखर, मुकेश कुमार, सुनील मणि त्रिपाठी सहित स्वास्थ और कल्याण विभाग के अधिकारी मौजूद थे.

देवघर: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित की गई. इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर रंजन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सीके शाही, समाज कल्याण प्राधिकारी रुनु मिश्रा ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. गौरतलब है कि देवघर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 20 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. शेष को 29 सितंबर को दी जाएगी.

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आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाएगी दवा: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के एक साल से 18 साल तक के 774363 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास के द्वारा किया जाना है. मौके पर सीके शाही ने कहा कि 20 सितंबर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को कृमि नियंत्रण की दवाई स्कूलों एवं आंगनबाड़ी के माध्यम से निशुल्क दी जाएगी. 1 से 5 साल के बच्चों को यह दवाई आंगनबाड़ी केंद्र पर खिलाई जाएगी. जबकी 6 से 18 साल के नाबालिग को यह दवा स्कूल में दी जाएगी. गैर पंजीकृत और स्कूल न जाने वाले बच्चों को दवाई आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलाई जाएगी.

दवा के ये हैं फायदे: बच्चों को कृमि नियंत्रण के महत्वपूर्ण फायदे होते हैं. इसमें खून की कमी से सुधार, बेहतर पोषण स्तर स्कूल और आंगनवाड़ी में उपस्थिति तथा सीखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करता है. भविष्य में कार्य क्षमता में बढ़ोतरी करती है. वातावरण में कृमि की संख्या कम होने पर समुदाय को लाभ मिलता है.

सिविल सर्जन ने दी ये सलाह: सिविल सर्जन रंजन सिंह ने बताया कि कृमि से बचने के लिए नाखून साफ और छोटे रखना चाहिए. हमेशा साफ पानी पीना चाहिए. खाना को ढक कर रखना चाहिए. साफ पानी से फल और सब्जियों को धोने चाहिए. अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद आसपास सफाई रखनी चाहिए. नंगे पांव न रहे हमेशा जूते चप्पल पहनना चाहिए खुले में शौच नहीं करना चाहिए. हमेशा शौचालय का प्रयोग करें. डॉ मनीष शेखर, मुकेश कुमार, सुनील मणि त्रिपाठी सहित स्वास्थ और कल्याण विभाग के अधिकारी मौजूद थे.

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