देवघर: किसी भी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता इस उम्मीद से पार्टी के प्रति समर्पण के साथ काम करते हैं कि चुनाव में पार्टी उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट देगी. लेकिन यह मौका कुछ ही लोगों को मिलता है. ऐसे में पार्टी में बगावत के स्वर उठने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ है बीजेपी में जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से. यहां के बीजेपी के कार्यकारी सदस्य सीताराम पाठक ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनावल लड़ने की बात कही है.
उम्मीद पर पार्टी ने फेरा पानी
बीजेपी नेता सीताराम पाठक बीजेपी के कार्यकारी सदस्य सदस्यता अभियान प्रभारी जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. उनका कहना है कि वे पिछले दस सालों से जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच हर सुख-दुख में उनके साथ खड़े रहे हैं और पार्टी में पूरी निष्ठा-ईमानदारी से काम किया है. ऐसे में उन्हें उम्मीद थी की पार्टी 2019 में जरमुंडी विधानसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाएगी. लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया, इसलिए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
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जीत-हार का समीकरण
चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जीत-हार का समीकरण लगाकर टिकट बांटती हैं, जिसके जीतने की संभावना ज्यादा होती है उसे ही प्रत्याशी बनाती है. बता दें कि जरमुंडी विधानसभा सीट से बीजेपी ने देवेंद्र कुंवर को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन जब पार्टी में बगावत के स्वर उठते हैं तो कहीं न कहीं नुकसान तो होता ही है. अब देखने वाली बात है कि सीताराम पाठक के निर्णय का चुनाव में असर क्या होता है.