देवघरः महाशिवरात्रि के दिन बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंची कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त के बीच किसी बात को लेकर जमकर बहस हुई थी. विधायक ने मंदिर के मुख्य प्रबंधक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाई और बुधवार को विधानसभा में भी इस मुद्दे का उठाया. गुरुवार को देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है.
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उपायुक्त कार्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन हुई घटना की जांच का आदेश दिया गया है. जांच प्रभावित नहीं हो. इसको लेकर तत्काल प्रभाव से मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त को हटाया जा रहा है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है. इस आदेश की कॉपी संथालपरगना आयुक्त को भी भेजी गई है.
बता दें कि शिवरात्रि के दिन विधायक अंबा प्रसाद पूजा करने के लिए बैद्यनाथ मंदिर पहुंची थी. मंदिर के प्रशासनिक भवन में जब वह जल संकल्प करा रही थी. इसी दौरान मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त पहुंचे और विधायक के साथ आए एक व्यक्ति को घसीट कर उठा दिया. इसपर विधायक गुस्सा होकर विरोध करने लगी. मंदिर के मुख्य प्रबंधक ने विधायक से कहा कि मैं किसी को नहीं जानता हूं. मेरा काम मंदिर में बेहतर व्यवस्था कायम रखना है.
सदन में अंबा प्रसाद का आरोप: सदन में अंबा प्रसाद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देवघर मंदिर की व्यवस्था बहुत खराब थी. आम श्रद्धालुओं को भारी दिक्कत हो रही थी. इसे देखते हुए मैंने एसडीओ को बुलाने का आग्रह किया. लेकिन एसडीओ इतने घमंडी निकले कि उन्होंने जनप्रतिनिधि से आकर मिलने की वजह खुद ऑफिस में बुलवाया. एसडीओ ने कहा कि सिर्फ आप दर्शन कर सकती हैं. बाकी आपके साथ आए लोगों को आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करना होगा. अंबा प्रसाद ने आरोप लगाया है कि मंदिर परिसर में उनके पीए को घसीट कर बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि मंदिर के महाप्रबंधक ने उनके साथ बहस की और कहा कि वह भी कल को विधायक बन सकते हैं.