चतराः जिला में कुंदा प्रखंड के जगन्नाथपुर गांव के लखन बैगा का तीन माह से कोई अता-पता नहीं है. तीन महीना पहले उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया था. लेकिन अब उसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. बुजुर्ग पिता, पत्नी और बच्चे परेशान हैं. सभी उसके घर आने की आस लगाए बैठे हैं.
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जानकारी के अनुसार महीने पहले लखन बैगा की तबीयत खराब होने पर मुखिया के कहने पर प्रतापपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने 108 एंबुलेंस से उसे चतरा सदर अस्पताल भेजा गया था. जहां से उसे हजारीबाग रेफर कर दिया गया. उसके बाद से कोई अता-पता नहीं है. पत्नी सुनीता बैगन ने बताया कि 20 अक्टूबर 2021 को वह अपने पति के साथ कुंदा से घर लौट रही थी. इसी दौरान टिकुलिया गांव के पास उसके पति की तबीयत अधिक खराब हो गयी. वो सड़क किनारे रो रही थी.
ग्रामीणों ने इसकी सूचना कुंदा मुखिया रेखा देवी को दी, तब कुंदा सह प्रतापपुर के चिकित्सा प्रभारी को सूचना देकर 108 एंबुलेंस से पति को इलाज के लिए चतरा भेज दिया गया. फिर वह घर लौट कर कभी नहीं आया. लापता लखन की पत्नी सुनीता कभी थाना, ब्लॉक, कभी मुखिया के घर का चक्कर लगा रही है. लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. सुनीता ने कहा कि जब चिकित्सा प्रभारी से पति के बारे में जानने के लिए कोशिश कि तो उसे हजारीबाग जाकर पति के बारे में पता करने की सलाह दी और उसे लौटा दिया गया.
इस मामले को लेकर Chatra Civil Surgeon डॉ. एसएन सिंह ने कहा कि लखन बैगा के बारे में जानकारी ली जा रही है. हजारीबाग में है या रांची में उसका इलाज चल रहा है. जैसे ही इसकी जानकारी मिलती है उसके बारे में सूचना परिजनों को दी जाएगी.