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चतरा में मनाई गई वीर कुंवर सिंह जयंती, युवाओं ने उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया

बाबू वीर कुंवर सिंह स्वतंत्रता संग्राम के पहले नायक थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की रक्षा में लगाया. उन्होंने 80 साल की उम्र में भी देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी के लिए यह प्रेरणा पूंजी है. जिसके बाद युवा मंच के सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया.

वीर कुंवर सिंह जयंती समारोह
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Published : Apr 24, 2019, 5:04 AM IST

चतरा: शहर से सटी हीरो नदी मंदिर परिसर में वीर कुंवर सिंह जयंती धूमधाम से मनाई गई. राजपूताना युवा संघ के तत्वाधान में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में चतरा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद इफ्तेखार आलम और बीएड संभाग के नंदकिशोर सुलभ मोजूद रहे.

वीडियो में देखें पूरी खबर

मौके पर मुख्य अतिथि डॉ आलम ने कहा कि वीर कुमार सिंह जैसे योद्धा मरते नहीं अमर होते हैं. इनके जैसे महामानव 200 सालों में कभी-कभी पैदा होते हैं. जयंती सह विजयोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह का जन्म बिहार के जगदीशपुर गांव में 1777 ईसवीं में हुआ था. वो देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक रहे. उनके अदम साहस और युद्ध में पारंगत शक्ति के कारण ही वीर की उपाधि मिली थी.

उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान एक हाथ में गोली लगने पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपने दूसरे हाथ से गोली लगे हाथ को काट कर गंगा मैया को समर्पित कर दिया. ऐसे कम योद्धा होते हैं जो सिर्फ देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं. नंदकिशोर सुलभ ने कहा कि वीर कुंवर सिंह को किसी जाति और समाज में बांटकर नहीं रखा जा सकता. वो पूरे देश के विभूति थे. उन्होंने पूरे देश के लिए अपनी कुर्बानियां दी आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं. यह वीर कुंवर सिंह जैसे योद्धाओं की ही देन है.

जिला परिषद उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह स्वतंत्र संग्राम के पहले नायक थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की रक्षा में लगाया. उन्होंने 80 साल की उम्र में भी देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी के लिए यह प्रेरणा पूंजी है. जिसके बाद युवा मंच के सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया.

चतरा: शहर से सटी हीरो नदी मंदिर परिसर में वीर कुंवर सिंह जयंती धूमधाम से मनाई गई. राजपूताना युवा संघ के तत्वाधान में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में चतरा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद इफ्तेखार आलम और बीएड संभाग के नंदकिशोर सुलभ मोजूद रहे.

वीडियो में देखें पूरी खबर

मौके पर मुख्य अतिथि डॉ आलम ने कहा कि वीर कुमार सिंह जैसे योद्धा मरते नहीं अमर होते हैं. इनके जैसे महामानव 200 सालों में कभी-कभी पैदा होते हैं. जयंती सह विजयोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह का जन्म बिहार के जगदीशपुर गांव में 1777 ईसवीं में हुआ था. वो देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक रहे. उनके अदम साहस और युद्ध में पारंगत शक्ति के कारण ही वीर की उपाधि मिली थी.

उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान एक हाथ में गोली लगने पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपने दूसरे हाथ से गोली लगे हाथ को काट कर गंगा मैया को समर्पित कर दिया. ऐसे कम योद्धा होते हैं जो सिर्फ देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं. नंदकिशोर सुलभ ने कहा कि वीर कुंवर सिंह को किसी जाति और समाज में बांटकर नहीं रखा जा सकता. वो पूरे देश के विभूति थे. उन्होंने पूरे देश के लिए अपनी कुर्बानियां दी आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं. यह वीर कुंवर सिंह जैसे योद्धाओं की ही देन है.

जिला परिषद उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह स्वतंत्र संग्राम के पहले नायक थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की रक्षा में लगाया. उन्होंने 80 साल की उम्र में भी देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी के लिए यह प्रेरणा पूंजी है. जिसके बाद युवा मंच के सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया.

Intro:मनाई गई वीर कुंवर सिंह जयंती, युवाओं ने लिया आदर्शों को अपनाने का संकल्प

चतरा : शहर से सटे हीरो नदी मंदिर परिसर में वीर कुंवर सिंह जयंती धूमधाम से मनाई गई। राजपूताना युवा संघ के तत्वाधान में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में चतरा महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर मोहम्मद इफ्तेखार आलम व बीएड संभाग के नंदकिशोर सुलभ उपस्थित थे। मौके पर मुख्य अतिथि डॉ आलम ने कहा कि वीर कुमार सिंह जैसे योद्धा मरते नहीं अमर होते हैं इनके जैसे महामानव शो 200 सालों में कभी कभी पैदा होते हैं। जयंती सह विजयोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह का जन्म बिहार के जगदीशपुर गांव में 1777 ईस्वी में हुई थी। वे देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे। उन्हें अदम साहस को युद्ध में पारंगत शक्ति के कारण ही वीर की उपाधि मिली थी। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान एक हाथ में गोली लगने पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपने दूसरे हाथ से गोली लगे हाथ को काट कर गंगा मैया को समर्पित कर दिया था। ऐसे कम योद्धा होते हैं जो सिर्फ देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं। नंदकिशोर सुलभ ने कहा कि वीर कुंवर सिंह को किसी जाति व समाज में बांट कर नहीं रखा जा सकता। वह पूरे देश के विभूति थे। उन्होंने पूरे देश के लिए अपनी कुर्बानिया दी आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं यह वीर कुंवर सिंह जैसे योद्धाओं का ही देन है। जिला परिषद उपाध्यक्ष रूबी वर्मा ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह स्वतंत्र संग्राम के पहले नायक थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की रक्षा में लगाया था। उन्होंने 80 वर्ष के उम्र में भी देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी के लिए यह प्रेरणा पूंजी है। जिसके बाद युवा मंच के सदस्यों ने वीर कुंवर सिंह के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया। जयंती के उपलक्ष में संघ के सदस्यों ने स्वैच्छिक रक्तदान भी किया।


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