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चतरा: करोड़ों रुपये के कल्याण घोटाला में बड़ी कार्रवाई, बर्खास्त पूर्व कल्याण अधिकारी जाएंगे जेल

चतरा कल्याण विभाग में करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता और नाजिर इंद्रदेव प्रसाद को सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा भी इस घोटाले में जितने लोग संलिप्त हैं उनपर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. डीसी ने बताया कि प्रधान सहायक और नाजिर की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया गया था.

कल्याण घोटाला मामले में कार्रवाई
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Published : Jun 15, 2019, 5:50 PM IST

चतरा : कल्याण विभाग में करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. घोटाले के आरोपी प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता और नाजिर इंद्रदेव प्रसाद को सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा भी इस घोटाले में जितने लोग संलिप्त हैं उनपर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है.

देखें पूरी खबर

डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने प्रधान सहायक की सेवा 10 जून और नाजिर की सेवा 14 जून को समाप्त कर दी है. इसके अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी के प्रभार में रहने के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने वाले दो अधिकारियों अवर निर्वाचन पदाधिकारी भोलानाथ लागोरी और कार्यपालक दंडाधिकारी आशुतोष कुमार के खिलाफ भी सरकार ने विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अप्रैल 2018 में प्रकाश में आए कल्याण घोटाले में मुख्य आरोपी प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी भोलानाथ लागुरी और आशुतोष कुमार पहले से ही इस मामले में निलंबित चल रहे हैं.

पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी समेत 20 की जमानत याचिका खारिज
महाघोटाले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी घोटाले के आरोपी दो पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी समेत अन्य आरोपियों को झटका दिया है. हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसके बाद सभी आरोपियों ने याचिका वापस ले ली है.


पत्नी और बेटी के नाम चेक काट कर किया था छात्रवृत्ति घोटाला
डीसी ने बताया कि प्रधान सहायक और नाजिर की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया गया था. उन्होंने बताया कि नाजिर ने अपनी पत्नी, बेटी और स्वयंसेवी संस्थाओं के नाम पर फर्जी चेक काट कर राशि की निकासी की थी, जिसके बाद मामला संज्ञान में आते ही उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने जांच टीम का गठन किया था. जांच टीम ने पहले फेज में 9.33 करोड रुपए के घोटाले का खुलासा किया था, बाद में यह राशि बढ़कर 12.80 करोड़ तक पहुंच गई.

चतरा : कल्याण विभाग में करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. घोटाले के आरोपी प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता और नाजिर इंद्रदेव प्रसाद को सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा भी इस घोटाले में जितने लोग संलिप्त हैं उनपर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है.

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डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने प्रधान सहायक की सेवा 10 जून और नाजिर की सेवा 14 जून को समाप्त कर दी है. इसके अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी के प्रभार में रहने के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने वाले दो अधिकारियों अवर निर्वाचन पदाधिकारी भोलानाथ लागोरी और कार्यपालक दंडाधिकारी आशुतोष कुमार के खिलाफ भी सरकार ने विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अप्रैल 2018 में प्रकाश में आए कल्याण घोटाले में मुख्य आरोपी प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी भोलानाथ लागुरी और आशुतोष कुमार पहले से ही इस मामले में निलंबित चल रहे हैं.

पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी समेत 20 की जमानत याचिका खारिज
महाघोटाले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी घोटाले के आरोपी दो पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी समेत अन्य आरोपियों को झटका दिया है. हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिसके बाद सभी आरोपियों ने याचिका वापस ले ली है.


पत्नी और बेटी के नाम चेक काट कर किया था छात्रवृत्ति घोटाला
डीसी ने बताया कि प्रधान सहायक और नाजिर की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया गया था. उन्होंने बताया कि नाजिर ने अपनी पत्नी, बेटी और स्वयंसेवी संस्थाओं के नाम पर फर्जी चेक काट कर राशि की निकासी की थी, जिसके बाद मामला संज्ञान में आते ही उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने जांच टीम का गठन किया था. जांच टीम ने पहले फेज में 9.33 करोड रुपए के घोटाले का खुलासा किया था, बाद में यह राशि बढ़कर 12.80 करोड़ तक पहुंच गई.

Intro:कल्याण घोटाला, दो बर्खास्त पूर्व कल्याण पदाधिकारी जाएंगे जेल

चतरा : कल्याण विभाग में करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता और नाजिर इंद्रदेव प्रसाद को सरकार ने सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है। डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने प्रधान सहायक की सेवा 10 जून और नाजिर की सेवा 14 जून को समाप्त कर दी है। इसके अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी के प्रभार में रहने के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने वाले दो अधिकारियों अवर निर्वाचन पदाधिकारी भोलानाथ लागोरी व कार्यपालक दंडाधिकारी आशुतोष कुमार के खिलाफ भी सरकार ने विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अप्रैल 2018 में प्रकाश में आए कल्याण घोटाले में मुख्य आरोपी प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी भोलानाथ लागुरी और आशुतोष कुमार पहले से ही इस मामले में निलंबित चल रहे हैं।

पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारियों समेत 20 की जमानत याचिका खारिज, जाएंगे जेल

महा घोटाले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी घोटाले के आरोपी दो पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारियों समेत अन्य आरोपियों को झटका दिया है। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। जिसके बाद सभी आरोपियों ने याचिका वापस ले ली है। इसके बाद अब आरोपी कल्याण पदाधिकारियों और कर्मियों समेत स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सामने आत्मसमर्पण करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है।

पत्नी और बेटी के नाम चेक काट कर किया था छात्रवृत्ति घोटाला

डीसी ने बताया कि प्रधान सहायक और नाजिर की मिलीभगत से छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया गया था। उन्होंने बताया कि नाजिर ने अपनी पत्नी, बेटी और स्वयंसेवी संस्थाओं के नाम पर फर्जी चेक काट कर राशि की निकासी कर ली थी। जिसके बाद मामला संज्ञान में आते ही उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने जांच टीम का गठन किया था। जांच टीम ने पहले फेज में 9.33 करोड रुपए के घोटाले का खुलासा किया था। बाद में यह राशि बढ़कर 12.80 करोड़ तक पहुंच गई है।

बाईट : जितेंद्र कुमार सिंह -- डीसी -- चतरा।




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