चतरा: जिले में पिछले 15 घंटों से हो रही भारी बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. भारी बारिश की वजह से हर छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है. सिमरिया-टंडवा मुख्य मार्ग पर स्थित कोयलांचल की लाइफ लाइन कही जाने वाली गेरुआ नदी पर बना डायवर्जन बारिश के कारण यात्रियों और मालवाहक गाड़ियों के चालकों के लिए जी का जंजाल बन गया है. नदी में आई बाढ़ से कोयलांचल का संपर्क पूरी तरह से चतरा जिला मुख्यालय से टूट गया है. नदी के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है.
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तेज धार में फंसे ट्रैक्टर चालक और मजदूर
नदी पर बन रहे पुल को लेकर तैयार किए गए डायवर्जन में खतरे के निशान से ऊपर पानी आ जाने के कारण नदी से होकर गुजर रहा एक ट्रैक्टर तेज धार में फंस गया. टंडवा इलाके से पत्थर गिराकर केरेडारी लौट रहे ट्रैक्टर के बाढ़ मे फंस जाने से ट्रैक्टर चालक और एक मजदूर भी बीच धार में फंस गए. लगातार हो रही बारिश और नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि से उनकी जान पर आफत आ गई है. हालांकि, स्थानीय लोग निजी स्तर पर लगातार रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं ताकि बीच धार में फंसे ट्रैक्टर चालक और मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाए. लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते काफी दिक्कत हो रही है.
ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन से रेस्क्यू अभियान चलाकर चालक और मजदूर को सुरक्षित नदी से बाहर निकालने की मांग की है. इधर, डायवर्जन में ट्रैक्टर और मजदूरों के फंसने की सूचना पर टंडवा थाना पुलिस मौके पर रवाना हो गई है. बता दें कि चतरा और हजारीबाग जिला मुख्यालय को गेरुआ नदी डायवर्सन ही जोड़ता है. ऐसे में इस डायवर्सन से न सिर्फ हर दिन करोड़ों रुपए के कोयले की ट्रांसपोर्टिंग होती है, बल्कि चतरा और हजारीबाग जाने वाले हजारों यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा भी करते हैं.