चतरा: देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना से बचने के लिए साफ-सफाई और सामाजिक दूरी को कारगर माना जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच चतरा से जो तस्वीर सामने आयी है, उसे देख यहीं सवाल उठ रहे हैं कि यह अस्पताल इन दिनों वेंटिलेटर पर है.
दरअसल, सार्वजानिक इलाकों की बात तो दूर यहां के अस्पतालों में भी साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. चतरा जिले के महत्वपूर्ण अस्पतालों में से एक सिमरिया रेफरल अस्पताल में गंदगी का अंबार भरा पड़ा है.
सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन सिमरिया रेफरल अस्पताल में मरीजों को गंदगी के बीच अपना इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
मरीजों के परिजनों का कहना है कि बेड की चादर कई दिन तक नहीं बदली जाती है और मरीज गंदी चादर पर लेटे रहते हैं. अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज कराने वाले लोगों को ही अब गंभीर बीमारियों की चिंता सताने लगी है.
जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में 6 सफाईकर्मी हैं. फिर भी हॉस्पिटल परिसर के चारों तरफ गंदगी ही गंदगी है. डॉक्टर इलाज के दौरान साफ-सफाई की नसीहत तो देते हैं, लेकिन यहां का अस्पताल ही गंदगी से भरा पड़ा है.
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ऐसे में इलाज कराने वाले मरीज स्वस्थ होने के बजाय और बीमार हो जाएंगे. कुछ दिन पहले स्थानीय विधायक किशुन दास ने भी अस्पताल में गंदगी पर नाराजगी जाहिर की थी और अस्पताल प्रबंधन को सफाई और अन्य व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे. सिमरिया अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी तब उजागर हुआ जब यहां मरीज फर्श पर लेटकर इलाज कराते पाया गया.
वहीं अस्पताल में गंदगी का अंबार ऐसा है कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो जाए. इसके बावजूद भी अस्पताल की दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है. जिले का यह अस्पताल सिर्फ भगवान भरोसे चल रहा है.चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर भूषण राणा पूरे मामले को लेकर कुछ भी कहने से बचते हैं.