चतरा: किसी ने ठीक ही लिखा है- 'मेरे जुनून का नतीजा जरूर निकलेगा...इसी सियाह समंदर से नूर निकलेगा'. कुछ इसी जुनून के साथ लाल आतंक के गढ़ में बच्चों का भविष्य चतरा पुलिस गढ़ने में जुटी है.
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मोबाइल बैंक से बच्चों को मिल रही मदद
पहले तो कोरोना ने बच्चों की पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित किया. दूसरी तरफ गरीबी आड़े आई जिसके कारण सैकड़ों बच्चे ऐसे थे जो मोबाइल नहीं होने के कारण कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सके. ऐसे छात्रों का भविष्य संवारने का बीड़ा चतरा पुलिस ने उठाया है. गरीब छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए चतरा पुलिस ने कारगर पहल की है. डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर जिले के सभी थानों में मोबाइल बैंक स्थापित किया गया है. जिसके माध्यम से गरीब, जरूरतमंद और ऑनलाइन शिक्षा से महरूम असहाय बच्चों को मुफ्त स्मार्ट फोन और लैपटॉप चतरा पुलिस द्वारा आम लोगों के सहयोग से उपलब्ध कराया जा रहा है.
बच्चों की मदद के लिए आगे आ रहे लोग
पुलिस की इस सार्थक पहल को आम लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. लोग अपने घरों में पड़े पुराने फोन को थानों में स्थापित मोबाइल बैंक में स्वेच्छा से जमा कर पुलिस के माध्यम से गरीब बच्चों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन में चतरा के सिर्फ 30 प्रतिशत बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं क्योंकि ज्यादातर बच्चों के पास न तो स्मार्ट फोन था और न ही उनके परिवार की माली हालत ऐसी थी कि उनके माता-पिता उन्हें स्मार्ट फोन और इंटरनेट की सुविधा दिला सकें.
ऐसी हालात में गरीब और असहाय मासूम बच्चे शिक्षा से वंचित होकर मुख्यधारा से बिछड़ सकते थे. लेकिन, एसपी राकेश रंजन और एसडीपीओ अविनाश कुमार की आम लोगों से अपील की एक छोटी सी कोशिश ऐसे जरूरतमंद बच्चों का भविष्य गढ़ने में मील का पत्थर साबित हो रही है. शनिवार को चतरा पुलिस के द्वारा पहले चरण में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में बालिका उच्च विद्यालय की 9वीं और 10वीं कक्षा की चार छात्राओं, राजकीय मध्य विद्यालय मारवाड़ी मोहल्ला की 9वीं और 10वीं की चार छात्र-छात्राओं को मोबाइल और रामनारायण स्मारक इंटर कॉलेज हंटरगंज की एक छात्रा को लैपटॉप उपलब्ध कराया गया.
पुलिस की पहल से बच्चे खुश
एसपी का कहना है कि अभी सीमित बच्चों को ही मुफ्त मोबाइल और लैपटॉप उपलब्ध कराया जा सका है. यह पहल निरंतर जारी रहेगी. आगे भी आमलोगों के सहयोग से पुलिस बच्चों के ऑनलाइन क्लास में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास करते रहेगी. इसमें खासकर वैसे बच्चे शामिल हैं जो नक्सल प्रभावित इलाकों में रहते हैं और कोरोना की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए. ऐसे बच्चों के लिए पहल की गई है. पुलिस अधिकारियों की पहल से बच्चे और शिक्षक काफी खुश हैं. बच्चों और शिक्षकों का कहना है कि पुलिस के इस प्रयास से बच्चों का न सिर्फ मोरल बढ़ेगा बल्कि पढ़ाई के प्रति एनर्जी भी बूस्ट होगी. ऑनलाइन क्लास से उन्हें काफी मदद मिलेगी. परीक्षा की तैयारियों में काफी सहूलियत होगी.
शिक्षक भी इस मुहिम का हिस्सा बनकर खुश हैं. उनका कहना है कि बच्चों के भविष्य के लिए एक सार्थक प्रयास में योगदान देकर काफी खुशी हो रही है. चतरा पुलिस की एक पहल वाकई कई गरीब छात्रों की जिंदगी बदल सकती है. उनके लिए नया सवेरा ला सकती है और उनके हौसलों को एक नया उड़ान दे सकती है.