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चतराः सड़क के अभाव में अस्पताल नहीं पहुंच पाई बीमार महिला, रास्ते में ही हो गई मौत - road problem in chatra

चतरा के उग्रवाद प्रभावित प्रतापपुर प्रखंड में लोगों के आने-जाने के लिए सड़क नहीं है. लोग पगडंडियों के सहारे ही कहीं आते-जाते हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी का नतीजा समय के अभाव में रास्ते में ही बीमार महिला की मौत हो गई.

Sick woman died due to lack of road in chatra
बदहाल सड़क
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Published : Sep 29, 2020, 3:42 PM IST

चतरा: जिले के अति उग्रवाद प्रभावित प्रतापपुर प्रखंड अंतर्गत तुलसाही गांव की रहने वाली शिवचरण भारती की बेटी दुलारी देवी की मौत हो गई. समय से इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. महिला गांव की स्वास्थ्य सहिया थी.

पूछताछ के दौरान सहिया के बेटे महेश भारती ने बताया कि उसकी मां की अचानक तबीयत खराब हो गयी थी. उसे इलाज के लिए तुलसाही से मेन रोड तक गांव से सड़क नहीं होने के कारण पगडंडियों के सहारे प्रतापपुर अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही मां की मौत हो गई. अगर सड़क सही होता तो समय से अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराकर उसकी जान बचाई जा सकती थी.

ये भी पढ़ें- रांची में अपराध पर ब्रेक लगाने की योजना, हर थाने में तैयार हो रही गुंडा सूची

ग्रामीणों की माने तो 20 घरों के इस टोले को मुख्य पथ से जोड़ने के लिए कभी सड़क बनी ही नहीं और इस आधुनिक युग में भी लोग पगडंडियों के सहारे अपनी मंजिल का सफर करते हैं. यहां तक कि गांव में एक स्कूल है लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. स्थनीय ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क होती तो महिला को समय से अस्पताल पहुंचा कर उसकी जान बचाई जा सकती थी.

चतरा: जिले के अति उग्रवाद प्रभावित प्रतापपुर प्रखंड अंतर्गत तुलसाही गांव की रहने वाली शिवचरण भारती की बेटी दुलारी देवी की मौत हो गई. समय से इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. महिला गांव की स्वास्थ्य सहिया थी.

पूछताछ के दौरान सहिया के बेटे महेश भारती ने बताया कि उसकी मां की अचानक तबीयत खराब हो गयी थी. उसे इलाज के लिए तुलसाही से मेन रोड तक गांव से सड़क नहीं होने के कारण पगडंडियों के सहारे प्रतापपुर अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही मां की मौत हो गई. अगर सड़क सही होता तो समय से अस्पताल पहुंचाकर इलाज कराकर उसकी जान बचाई जा सकती थी.

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ग्रामीणों की माने तो 20 घरों के इस टोले को मुख्य पथ से जोड़ने के लिए कभी सड़क बनी ही नहीं और इस आधुनिक युग में भी लोग पगडंडियों के सहारे अपनी मंजिल का सफर करते हैं. यहां तक कि गांव में एक स्कूल है लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. स्थनीय ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क होती तो महिला को समय से अस्पताल पहुंचा कर उसकी जान बचाई जा सकती थी.

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