चतरा: चतरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सत्यानंद भोक्ता कर रहे हैं, जो राज्य के श्रम, नियोजन और प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री हैं. सरकार बने एक साल बीत गए लेकिन आज भी कई ग्रामीण इलाकों की सड़कें दुरुस्त नहीं हो पायी है क्योंकि काम नहीं हो रहा है. जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कहें या सरकार की दूरदर्शिता, गांव से प्रखंड मुख्यालय आने के लिए लोगों को उबड़-खाबड़ रास्ते, नदी पार कर बिना पुल-पुलिया से गुजरना पड़ रहा है और इस दौरान उन्हें परेशानी भी उठानी पड़ रही है.
रोजाना होने वाली परेशानियां
सदर प्रखंड की पुलिस लाइन से डाहुरी, संघरी मोड़ से हंटरगंज, मरगोड़ा से गारों, पिंजनी से बोधाडिह, बीसनपुर से चाया, सिकीदाग से फुलवरिया, बारियातू से हेसातू, कोजरम से खुशयाला, कुंदा प्रखंड से प्रतापपुर, लावालौंग से कुंदा जैसी कई ऐसी ग्रामीण सड़कें हैं जिस पर लोगों का चलना दूभर हो गया है.
![Chatra Assembly constituency away from core facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10472046_rtt.png)
वाहन तो दूर इन सड़कों पर पैदल चलना भी लोगों का मुश्किल है. सड़क दुरुस्त न होने से किसानों को अपनी फसलों और साग-सब्जियों को हाट बाजारों में लाने के साथ-साथ लोगों को प्रखंड कार्यालय और अस्पताल आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
![Chatra Assembly constituency away from core facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10472046_we.png)
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले इस सड़क का निर्माण हुआ और उसके बाद इन सड़कों की मरम्मत नहीं करायी गयी और ये सड़कें आज गड्ढों में तब्दील हो गईं हैं, जबकि कुंदा प्रखंड की कई ऐसी सड़कें हैं जिनका निर्माण कराने के लिए विभाग के अभियंता पहुंचे. सड़क की लंबाई चौड़ाई मापी गयी और उसके बाद कुछ नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो एंबुलेंस इस गांव तक नहीं पहुंच पाती है. मजबूरन मरीज को खाट में लादकर या अन्य किसी माध्यम से मेन रोड तक ले जाना पड़ता है.
![Chatra Assembly constituency away from core facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10472046_err.png)
जनप्रतिनिधि से सीधा सवाल
वहीं, ग्रामीणों का दर्द ईटीवी भारत के कैमरे से सामने ऐसा फूटा कि वो अपने जनप्रतिनिधि से सीधा सवाल करने लगे हैं कि आखिर क्यों अब तक उन्हें गांव का विकास क्यों नहीं किया. यहां के लोगों को जनप्रतिनिधियों से काफी उम्मीदें हैं. लोगों ने अपने चहेते सत्यानंद भोक्ता को विधायक बनाया. इस उम्मीद पर यहां के लोगों ने उन्हें सदन में बैठाया ताकि वो अपने क्षेत्र के लोगों की तकलीफों को दूर करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ सत्यानंद भोक्ता लगातार विधायक बनते रहे, लेकिन गांव पिछड़ता रहा. ग्रामीणों का सवाल है कि जिस मिट्टी में वो पले बढ़े उस मिट्टी के लिए उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया.
![Chatra Assembly constituency away from core facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10472046_er.png)
वादों और इरादों की खुली पोल
गांव का आलम ये है कि ना सड़क है, ना अस्पताल, ना बिजली, ना पीने का साफ पानी. इन बुनियादी सुविधाओं के लिए ग्रामीण सरकारी दफ्तर में सैकड़ों अर्जी दे चुके हैं लेकिन मंत्री का जुड़ाव भी इस जमीन को विकास की राह तक नहीं ला पाया. विकास के लिए लाख दावे हों या क्षेत्र के विकास के लिए हजार वादे लेकिन तस्वीर जब सामने आई तो तमाम वादों और इरादों की पोल खुल गई और हजारों सवाल सामने आ गए.
![Chatra Assembly constituency away from core facilities](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10472046_ty.png)
एक और वादा
हालांकि, श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता का कहना है कि 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण विकास योजनाएं प्रभावित हुईं हैं अब 2021 में जिले की सभी जर्जर सड़कों को दुरुस्त कराने का काम होगा. मंत्री का यह भी कहना है कि कई ऐसी ग्रामीण सड़कें बनाने की स्वीकृति दी गई है जिसकी स्थिति काफी दिनों से खराब है.