चतरा: जिले के टंडवा में संचालित सीसीएल की मगध कोल परियोजना में ग्यारह सूत्री मांगों को लेकर आंदोलित आठ गांवों के विस्थापित रैयत का आंदोलन अब उग्र रूप धारण करने लगा हैं. आंदोलित भू-रैयत ने सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है. सत्याग्रह आंदोलन के तीसरे दिन रैयत ने सीसीएल की मगध परियोजना की तालाबंदी कर कोल डिस्पैच ठप कराने की चेतावनी दी है.
आंदोलनरत रैयत ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन की ओर से मांगें नहीं माने जाने पर 12 फरवरी से मगध परियोजना में कोल उत्पादन और डिस्पैच कार्य ठप कराने का निर्णय लिया गया है.
गौरतलब है कि ग्यारह सूत्री/ मांगों को लेकर आठ गांव के भू-रैयत मगध पीओ कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह धरने पर बैठे हैं. रैयतों का कहना है कि प्रबंधन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है. इससे वे 12 फरवरी से मगध कोल परियोजना में कोयला खनन, डिस्पैच समेत सभी कार्य अनिश्चित काल तक के लिए बंद करा देंगे. आंदोलनरत रैयत ने सीसीएल प्रबंधन पर विस्थापन के लिए झांसा देने और ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.