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चतराः अफसर-डीलर की मिलीभगत से गरीबों को नहीं मिला राशन, घोटाले की आशंका - District Supply Officer

कोरोना संकट के दौरान गरीब परिवारों को मई माह से मुफ्त राशन उपलब्ध कराना है, लेकिन चतरा के कुंदा प्रखंड के गरीबों को मुफ्त राशन नहीं मिल रहा है. इससे गरीब परिवार भुखमारी की स्थिति से जूझने को मजबूर हो रहे हैं.

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अफसर-डीलर की मिलीभगत से गरीबों को नहीं मिला राशन
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Published : Jul 27, 2021, 9:47 PM IST

चतरा: कोरोना संकट के दौरान गरीब परिवारों को खानपान में दिक्कत नहीं हो. इसे लेकर मई माह से पीडीएस दुकानों के माध्यम से मुफ्त राशन देने की घोषणा की गई, लेकिन राशन माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण गरीबों तक राशन नहीं पहुंचा है. यह मामला जिले के कुंदा प्रखंड की है, जहां गरीब परिवारों को मई माह का राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है. इससे घोटाले की आशंका लगाया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंःपीडीएस डोर स्टेप डिलीवरी के ठेकेदारों पर सरकारी बाबू मेहरबान! सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान

जिला आपूर्ति पदाधिकारी के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशन प्रखंड स्तर पर आवंटित की गई है. इसके साथ ही ऑनलाइन के जरिए राशन का वितरण किया गया है. इसके बावजूद कुंदा प्रखंड में राशन का वितरण नहीं हुआ है, तो मामले की जांच की जाएगी. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि डीसी से मालले की गंभीरता से जांच के लिए अनुशंसा करेंगे, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.

राशन हुआ आवंटित, पर मिला नहीं

प्रखंड के सभी पंचायतों के लिए मई महीने का चावल आवंटित किया गया था, ताकि गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा सके. लेकिन, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, गोदाम प्रबंधक और राशन माफियाओं की मिलीभगत से मई माह का राशन गायब कर दिया गया. इससे राशन घोटाले की आशंका है.



राशन नहीं मिलने से भुखमरी की स्थिति

कुंदा प्रखंड के मांझीपारा गांव के रहने वाले महेंद्र भुईंया ने बताया कि डीलर से राशन नहीं मिला, जिससे भुखमरी की स्थिति से जूझ रहे हैं. वहीं, राशन कार्ड पर भी चावल-गेंहू उठाव दर्ज नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि अफसरों की मिलीभगत से सरकारी राशन गोदाम से ही गायब हो जाता है. इस मामले में प्रखंड के तत्कालीन आपूर्ति पदाधिकारी सह बीडीओ श्रवण राम बयान देने से इंकार कर दिया.

एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप

मुखिया ने बताया कि राशन नहीं मिलने की शिकायत उपायुक्त के साथ साथ सभी वरीय पदाधिकारियों से की है. लेकिन, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर जांच की बात कह रहे हैं.

चतरा: कोरोना संकट के दौरान गरीब परिवारों को खानपान में दिक्कत नहीं हो. इसे लेकर मई माह से पीडीएस दुकानों के माध्यम से मुफ्त राशन देने की घोषणा की गई, लेकिन राशन माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण गरीबों तक राशन नहीं पहुंचा है. यह मामला जिले के कुंदा प्रखंड की है, जहां गरीब परिवारों को मई माह का राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है. इससे घोटाले की आशंका लगाया जा रहा है.

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जिला आपूर्ति पदाधिकारी के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशन प्रखंड स्तर पर आवंटित की गई है. इसके साथ ही ऑनलाइन के जरिए राशन का वितरण किया गया है. इसके बावजूद कुंदा प्रखंड में राशन का वितरण नहीं हुआ है, तो मामले की जांच की जाएगी. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि डीसी से मालले की गंभीरता से जांच के लिए अनुशंसा करेंगे, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके.

राशन हुआ आवंटित, पर मिला नहीं

प्रखंड के सभी पंचायतों के लिए मई महीने का चावल आवंटित किया गया था, ताकि गरीबों को मुफ्त राशन दिया जा सके. लेकिन, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, गोदाम प्रबंधक और राशन माफियाओं की मिलीभगत से मई माह का राशन गायब कर दिया गया. इससे राशन घोटाले की आशंका है.



राशन नहीं मिलने से भुखमरी की स्थिति

कुंदा प्रखंड के मांझीपारा गांव के रहने वाले महेंद्र भुईंया ने बताया कि डीलर से राशन नहीं मिला, जिससे भुखमरी की स्थिति से जूझ रहे हैं. वहीं, राशन कार्ड पर भी चावल-गेंहू उठाव दर्ज नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि अफसरों की मिलीभगत से सरकारी राशन गोदाम से ही गायब हो जाता है. इस मामले में प्रखंड के तत्कालीन आपूर्ति पदाधिकारी सह बीडीओ श्रवण राम बयान देने से इंकार कर दिया.

एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप

मुखिया ने बताया कि राशन नहीं मिलने की शिकायत उपायुक्त के साथ साथ सभी वरीय पदाधिकारियों से की है. लेकिन, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर जांच की बात कह रहे हैं.

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