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चतरा को अफीम मुक्त बनाने का निर्णय, अभियान चलाकर 95 एकड़ में फैली पोस्ता की खेती को किया नष्ट

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Published : Jan 17, 2020, 11:27 AM IST

चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गांवों में अफीम की खेती को नष्ट करने को लेकर इन दिनों पुलिस और वन विभाग काफी तत्परता से लगे हुए हैं. कुंदा थाना पुलिस और वन विभाग ने गुरुवार को संयुक्त अभियान चला कर 95 एकड़ में लगी पोस्ते की खेती को नष्ट किया.

Police destroyed 95 acres of poppy cultivation in Chatra
पोस्ते की खेती

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंदा के बनियाडीह जंगल में अवैध रूप से बड़ी कमाई को लेकर अफीम माफियाओं ने बड़े पैमाने पर डोडा पोस्त की खेती की है. इसको लेकर इन दिनों वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अफीम माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

देखें पूरी खबर

कुंदा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव में सफेद जहर की खेती को नष्ट करने को लेकर इन दिनों पुलिस और वन विभाग की टीम काफी तत्परता दिखा रही है. कुंदा थाना पुलिल और वन विभाग ने गुरुवार को संयुक्त अभियान चला कर 95 एकड़ में लगी डोडा पोस्त की खेती को नष्ट किया. अभियान का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक रंजीत रौशन कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें- वाह रे डिजिटल इंडिया! चिड़ी दाग नाम के दिल दहलाने वाली परंपरा का दंश आज भी झेल रहा समाज

अभियान में अवैध रूप से लहलहा रहे अफीम की फसल को ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन से नष्ट किया गया. अब तक चतरा जिले में अभियान चलाकर लगभग 95 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है, लेकिन इन मामलों में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पोस्ते की खेती पर रोक लगाने के लिए प्रखंड के जनप्रतिनिधियों को जागरूकता शिविर लगाने को कहा गया है. इसके माध्यम से ग्रामीणों में जागरुकता होगी. जिला प्रशासन इस जागरुकता अभियान के तहत अफीम से होने वाले नुकसान के बारे में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी देने की योजना बना रही है. साथ ही वन विभाग से संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया कि जिन जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में पोस्ते की खेती की जा रही है, वे इसकी सूचना प्रशासन को नहीं देते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई करे.

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंदा के बनियाडीह जंगल में अवैध रूप से बड़ी कमाई को लेकर अफीम माफियाओं ने बड़े पैमाने पर डोडा पोस्त की खेती की है. इसको लेकर इन दिनों वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अफीम माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

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कुंदा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव में सफेद जहर की खेती को नष्ट करने को लेकर इन दिनों पुलिस और वन विभाग की टीम काफी तत्परता दिखा रही है. कुंदा थाना पुलिल और वन विभाग ने गुरुवार को संयुक्त अभियान चला कर 95 एकड़ में लगी डोडा पोस्त की खेती को नष्ट किया. अभियान का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक रंजीत रौशन कर रहे थे.

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अभियान में अवैध रूप से लहलहा रहे अफीम की फसल को ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन से नष्ट किया गया. अब तक चतरा जिले में अभियान चलाकर लगभग 95 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है, लेकिन इन मामलों में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पोस्ते की खेती पर रोक लगाने के लिए प्रखंड के जनप्रतिनिधियों को जागरूकता शिविर लगाने को कहा गया है. इसके माध्यम से ग्रामीणों में जागरुकता होगी. जिला प्रशासन इस जागरुकता अभियान के तहत अफीम से होने वाले नुकसान के बारे में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी देने की योजना बना रही है. साथ ही वन विभाग से संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया कि जिन जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में पोस्ते की खेती की जा रही है, वे इसकी सूचना प्रशासन को नहीं देते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई करे.

Intro:चतरा: डीसी ने कहा अफीम की खेती से जिला को मुक्त करना है, 95 एकड़ में फैली अफीम को किया नष्ट

चतरा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंदा के बनियाडीह जंगल में अवैध रूप से बड़ी कमाई को लेकर अफीम माफियाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर लगाई गई है। अफीम की खेती इस दौरान बनियाडीह के जंगल में लगातार अभियान चलाई जा रही है। अभियान का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक रंजीत रोशन के द्वारा चलाया जा रहा है।

बाइट: डीसी जितेंद्र कुमार सिंह Body:अभियान में अवैध रूप से लहलहा रहे अफीम की फसल को ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन के द्वारा नष्ट किया गया। अब तक अभियान चलाकर लगभग 95 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट कर दी गई है। लेकिन इन मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।Conclusion:वहीं डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पोस्ते की खेती पर रोक लगाने के लिए प्रखंड के जनप्रतिनिधियों को कहा गया है कि जागरूकता शिविर लगाकर ग्रामीणों को जागरूक करें, अफीम से होने वाले नुकसान के बारे में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी दें। उन्होंने कहा कि प्रखंड थाना व वन विभाग से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिन जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में पोस्ते की खेती की जा रही है, वे इसकी सूचना प्रशासन को नहीं देते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई करें।
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