चतरा: झारखंड में कई ऐसे जिले हैं जो अति नक्सल प्रभावित है. उनमें से चतरा जिला का नाम भी शामिल है. इस जिला में नक्सली के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. फिर भी चतरा के कई गांवों में आज भी विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है. चतरा के विकास के लिए राज्य के मंत्री से लेकर आला अधिकारी लगातार दौरा करते हैं और कई दावे भी करते हैं. जिला का नक्सल प्रभावित टंडवा प्रखंड के रहरेठवा गांव के लोग चुल्लू भर पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं. आज भी ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.
ये भी पढ़ें- चतरा के ब्लड बैंक में खून की कमी, खतरे में 60 मासूम बच्चों की जान
पानी के लिए करना पड़ता है जद्दोजहदइस गांव में 25-30 परिवार रहते हैं. यहां के लोगों का मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं है. खासकर पानी का जुगाड़ करने में महिलाओं का घंटों समय बीत जाता है. इस गांव में ना तो अधिकारी और ना ही नेता पहुंचते हैं लेकिन चुनाव के समय वोट मांगते जरूर दिख जाते हैं. गांव की महिलाएं लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करके कोयले की धूल-गर्द के साथ नदी में बहने वाली पानी भरकर घर लाती हैं. तब जाकर वो इस पानी को पीने और खाना बनाने में इस्तेमाल करती है.
![people-facing-with-water-crisis-in-chatra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11434921_img2.jpg)
गंदा पानी पीने को मजबूर
ग्रामीणों के अनुसार गांव में एक चापाकल है, जो पिछले एक सालों से खराब पड़ा है. इसके बावजूद अब तक किसी भी सरकारी रहनुमाओं की नजर इस गांव पर नहीं पड़ी है. जिसके कारण रोजाना गांव के पास वाले नदी से निकलने वाले कोयले की गंदा पानी ले जाने को यहां के ग्रामीण मजबूर है.
![people-facing-with-water-crisis-in-chatra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11434921_img.jpg)
गांव के हालात से अधिकारी अंजान
इस गांव की हालत देखने के बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने पेयजल विभाग के अधिकारियों से कारण पूछा तो उन्होंने पहले तो जानकारी नहीं होने की बात कही. इसके बाद गांव में पेयजल की व्यवस्था 24 घंटे के अंदर कराने का भरोसा दिया है.