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चतरा: 37 करोड़ की लागत से बनी सिमरिया-हजारीबाग रोड का हाल बेहाल, आए दिन हो रहे हादसे

चतरा में केसीपी प्रोजेक्ट द्वारा लगभग 37 करोड़ की लागत से बनाए गए सिमरिया-हजारीबाग रोड की स्थिति दयनीय हो चुकी है. सड़क पर बड़े- बड़े गढ्ढे बन गए हैं, इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.

खराब सड़क
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Published : Oct 11, 2019, 7:29 PM IST

चतराः केसीपी प्रोजेक्ट द्वारा लगभग 37 करोड़ रुपए की बड़ी लागत से बनी सिमरिया से हजारीबाग जाने वाले रोड का हाल बदहाल हो चुका है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, उन गड्ढों में बरसात का पानी जमा हो गया है. इसकी वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. यहां से हिचकोले खाते प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन हो रहा है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें- कांग्रेस ने किसानों पर की राजनीति, जिस कारण उन्हें करनी पड़ी आत्महत्या: रघुवर दास
प्रतिदिन लगती है जाम

इस बदहाल सड़क पर अगर किसी वाहन में खराबी आ जाती है तो लंबा जाम लग जाता है. सिमरिया को कोलकाता, बिहार और रांची से जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क भी है. टंडवा कोल माइंस से रेलवे साइडिंग जाने के लिए कोयले की ट्रांसपोर्टिंग भी इसी रास्ते से होती है. इस महत्वपूर्ण सड़क की बदहाली से आए दिन हादसे होते रहते हैं जिससे स्थानीय काफी चिंतित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे लोग बहुत तकलीफ में जी रहे हैं. गर्मियों में धूल फांकते हैं और बरसात में कीचड़ से सनते हैं. अगर छोटे वाहन का पहिया सड़क के गड्ढे में पड़ता है तो वह अपना संतुलन खो देता है, इस वजह से दुर्घटना होती है. उन्होंने बताया कि इस सड़क पर सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसलिए ग्रामीण सरकार से मांग कर रहे हैं कि सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए ताकि लगातार हो रहे हादसों को रोका जा सके.

चतराः केसीपी प्रोजेक्ट द्वारा लगभग 37 करोड़ रुपए की बड़ी लागत से बनी सिमरिया से हजारीबाग जाने वाले रोड का हाल बदहाल हो चुका है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, उन गड्ढों में बरसात का पानी जमा हो गया है. इसकी वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. यहां से हिचकोले खाते प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन हो रहा है.

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इस बदहाल सड़क पर अगर किसी वाहन में खराबी आ जाती है तो लंबा जाम लग जाता है. सिमरिया को कोलकाता, बिहार और रांची से जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क भी है. टंडवा कोल माइंस से रेलवे साइडिंग जाने के लिए कोयले की ट्रांसपोर्टिंग भी इसी रास्ते से होती है. इस महत्वपूर्ण सड़क की बदहाली से आए दिन हादसे होते रहते हैं जिससे स्थानीय काफी चिंतित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे लोग बहुत तकलीफ में जी रहे हैं. गर्मियों में धूल फांकते हैं और बरसात में कीचड़ से सनते हैं. अगर छोटे वाहन का पहिया सड़क के गड्ढे में पड़ता है तो वह अपना संतुलन खो देता है, इस वजह से दुर्घटना होती है. उन्होंने बताया कि इस सड़क पर सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसलिए ग्रामीण सरकार से मांग कर रहे हैं कि सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए ताकि लगातार हो रहे हादसों को रोका जा सके.

Intro:चतरा: 37 कड़ोड की लागत से बनी सिमरिया से हजारीबाग जाने वाली रोड का हाल बेहाल

चतरा/ सिमरिया: केसीपी प्रोजेक्ट द्वारा लगभग 37 करोड़ रुपए की बड़ी लागत से बनी सिमरिया से हजारीबाग जाने वाली रोड का हाल बदहाल हो चुकी है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं उन गड्ढों में बरसात का पानी जमा हो गया है। इसकी वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है हिचकोले खाते प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन हो रहा है। कभी भी किसी वाहन को ब्रेक डाउन हो जाता है और फिर जाम लग जाती है। सिमरिया को कोलकाता बिहार और रांची से जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क भी है. टंडवा कोल माइंस से रेलवे साइडिंग जाने के लिए कोयले की ट्रांसपोर्टिंग भी इसी रास्ते से होती है।

1. बाईट---- फारूक अंसारी, स्थानीय

2. बाईट--- मुकेश सिंह, स्थानीयBody:इस महत्वपूर्ण सड़क का बीचों-बीच हिस्सा दब गया है। सड़क की बदहाली और आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से स्थानीय लोग काफी चिंतित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग बहुत तकलीफ में जी रहे हैं गर्मियों में धूल फांकते हैं और बरसात में कीचड़ से सनते है। अगर छोटे वाहन का पहिया सड़क के गड्ढे में पड़ता है तो वह अपना संतुलन खो देता है।Conclusion:इस वजह से लगातार दुर्घटना हो रही है. उन्होंने बताया कि इस सड़क पर सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गवाई है. इसलिए ग्रामीण सरकार से मांग कर रहे हैं कि सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत किया जाए ताकि लगातार हो रहे हादसों को रोका जा सके।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत सिमरिया
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