चतरा: केंद्र और राज्य सरकार अस्पतालों को चुस्त-दुरुस्त रखने का लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत इनके दावों को मुंह चिढ़ाते नजर आती है. किसी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी तो कहीं दवाइयों की कमी है. जिले के पत्थलगड्डा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिखने में बड़ा अस्पताल है, लेकिन जब मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, तब उन्हें हकीकत से रूबरू होना पड़ता है. इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थकर्मी के नाम पर एक नर्स है.
पहले पत्थलगड्डा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक राजेश थे, लेकिन उन्होंने भी अपनी सुविधा के मुताबिक अपनी प्रतिनियुक्ति चतरा अस्पताल में करवा ली. ऐसे में जो मरीज आते हैं उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है. लोग तो यहां तक कहते हैं कि यहां इलाज की जगह जान गंवानी पड़ती है. पत्थलगड्डा प्रखंड में यह एकमात्र अस्पताल है, जिसके ऊपर पूरे प्रखंड के लोग स्वास्थ्य सुविधा निर्भर है. प्रखंड के अलावा उसके आसपास के लोगों की जान माल की सुरक्षा करने की जिम्मेवारी इसी अस्पताल पर होती है, लेकिन यही अस्पताल आज लोगों के लिए जानलेवा बन गया है. बता दें कि इस हॉस्पिटल का उद्घाटन 2014 में तत्कालीन मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह और सांसद सुनील कुमार सिंह ने किया था.