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संदेह के घेरे में चतरा बैंक लूटकांड, कर्मियों की भूमिका पर उठ रहे सवाल

चतरा में सोमवार को हुए बैंक लूटकांड में शक की सुई अब बैंक के कर्मचारियों पर ही जा रही है. पुलिस के सामने कई ऐसे सवाल आ रहे हैं जिससे ऐसा लगता है कि इस साजिश में वे लोग भी शामिल हैं.

बैंक की तस्वीर
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Published : Jul 29, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 7:10 AM IST

चतरा: बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित चतरा के हंटरगंज थाना क्षेत्र के गोसाईडीह में हुई बैंक लूट का मामला संदेह के घेरे में है. मामले में शाखा प्रबंधक और अन्य बैंककर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध दिख रही है. क्योंकि जिस समय बैंक खोलकर आयरन चेस्टर से कैश निकाला जा रहा था, उस समय न तो बैंक में कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद था और न ही सुरक्षा के अन्य प्रबंध किए गए थे.

देखें पूरी खबर

दरअसल, कर्मियों द्वारा शाखा का मुख्य द्वार खोलकर छोड़ना संदेह को और गहरा कर रहा है. जिसका फायदा उठाते हुए पूर्व से बैंक की रेकी कर रहे लुटेरे लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए. बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को ही शाखा में कैश पहुंचाया गया था. जिसके बाद शनिवार को साप्ताहिक बंदी के बाद सोमवार को बैंक खुलते ही लुटेरों ने लूट की घटना को अंजाम दिया. जिससे ये स्पष्ट होता है कि लुटेरों को ब्रांच में कैश होने की जानकारी पहले से थी.

ये भी पढ़ें- रांचीः किसान लखन महतो के परिजनों से मिले बाबूलाल, कहा- मामले की लीपापोती कर रही सरकार

आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रतिमाह करोड़ों रूपये मुनाफा कमाने वाले इस बैंक में अपना निजी सुरक्षा गार्ड तक नहीं है. प्रबंधक सीसीटीवी के सहारे बैंक का संचालन कर रहे थे.बता दें कि गोसाइंडीह स्थित बैंक ऑफ इंडिया में सोमवार को दिनदहाड़े 23 लाख रुपये की लूट हुई.

चतरा: बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित चतरा के हंटरगंज थाना क्षेत्र के गोसाईडीह में हुई बैंक लूट का मामला संदेह के घेरे में है. मामले में शाखा प्रबंधक और अन्य बैंककर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध दिख रही है. क्योंकि जिस समय बैंक खोलकर आयरन चेस्टर से कैश निकाला जा रहा था, उस समय न तो बैंक में कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद था और न ही सुरक्षा के अन्य प्रबंध किए गए थे.

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दरअसल, कर्मियों द्वारा शाखा का मुख्य द्वार खोलकर छोड़ना संदेह को और गहरा कर रहा है. जिसका फायदा उठाते हुए पूर्व से बैंक की रेकी कर रहे लुटेरे लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए. बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को ही शाखा में कैश पहुंचाया गया था. जिसके बाद शनिवार को साप्ताहिक बंदी के बाद सोमवार को बैंक खुलते ही लुटेरों ने लूट की घटना को अंजाम दिया. जिससे ये स्पष्ट होता है कि लुटेरों को ब्रांच में कैश होने की जानकारी पहले से थी.

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आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रतिमाह करोड़ों रूपये मुनाफा कमाने वाले इस बैंक में अपना निजी सुरक्षा गार्ड तक नहीं है. प्रबंधक सीसीटीवी के सहारे बैंक का संचालन कर रहे थे.बता दें कि गोसाइंडीह स्थित बैंक ऑफ इंडिया में सोमवार को दिनदहाड़े 23 लाख रुपये की लूट हुई.

Intro:चतरा : बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित चतरा के हंटरगंज थाना क्षेत्र के गोसाईडीह में हुआ बैंक लूट मामला संदेह के घेरे में है। मामले में शाखा प्रबंधक व अन्य बैंककर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध है। क्योंकि जिस समय बैंक खोलकर आयरन चेस्टर से कैश निकाला जा रहा था, उस समय न तो बैंक में कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद था और न ही सुरक्षा के अन्य प्रबंध। बावजूद कर्मियों द्वारा शाखा का मुख्यद्वार खोलकर छोड़ना संदेह को जन्म दे रहा है। जिसका फायदा उठाते हुए पूर्व से बैंक की रेकी कर रहे लुटेरे लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। बताया जाता है कि बीते शुक्रवार को ही शाखा में कैश पहुंचाया गया था। जिसके बाद शनिवार को साप्ताहिक बंदी के बाद सोमवार को बैंक खुलते ही लुटेरों ने लूट की घटना को अंजाम दे दिया। जिससे ये स्पष्ट होता है कि लुटेरों को ब्रांच में कैश होने की जानकारी पूर्व से थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रतिमाह करोड़ो रूपये मुनाफा कमाने वाले इस बैंक में अपना निजी सुरक्षा गार्ड तक नहीं है। प्रबंधक सीसीटीवी के सहारे बैंक का संचालन कर रहे थे।

बाईट : बी शेखर, शाखा प्रबंधक, बीओआई गोसाईडीह।
बाईट : वरुण रजक, एसडीपीओ, चतरा।


Body:जिले में अग्रणी बैंक के रूप में संचालित बैंक ऑफ इंडिया के किसी भी शाखा में निजी सुरक्षागार्ड नहीं है। इसकी सभी शाखाएं बगैर सुरक्षा के तीसरी आंख के सहारे ही संचालित हो रही है। जिसका खामियाजा अपनी गाढ़ी कमाई बैंको में जमा करने पहुंचने वाले मासूम ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है। बावजूद न तो बैंक प्रबंधक बैंकों के सुरक्षा के प्रति गंभीर हैं और न ही जिला प्रशासन लापरवाह बैंकों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहे हैं। इसी का नतीजा है गोसाइंडीह बैंक ऑफ इंडिया में दिनदहाड़े 23 लाख रुपये की लूट। ऐसे में आएदिन घट रही लूट व डकैती की घटनाओं से न सिर्फ पुलिस का नाम बदनाम हो रहा है बल्कि लोगों के दिलों में फिर से खौफ का साम्राज्य स्थापित होते जा रहा है।


Conclusion:शाखा प्रबंधक व अन्य कर्मियों के लापरवाही से हुई इतनी बड़ी लूट के बावजूद अगर पुलिस ऐसे सुरक्षा के प्रति लापरवाह बैंकों के विरुद्ध ठोस एक्शन नहीं लेती है तो लूट व डकैती जैसे मामलों पर लगाम लगाना मुश्किल है। क्यूंकि पुलिस पदाधिकारी लगातार बैंक प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बैंकों के सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के निर्देश देते हैं। बावजूद न तो आजतक किसी भी बैंक में निजी सुरक्षाकर्मी की नियुक्ति हुई है और न ही सुरक्षा का कोई अन्य प्रबंध प्रबंधकों ने किया है। बहरहाल अब ये देखना दिलचस्प होगा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में जुटी पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर लुटेरों को दबोचने में सफल हो पाती है या फिर लूट का यह मामला फाईलों में ही सिमट कर रह जाता है।
Last Updated : Jul 30, 2019, 7:10 AM IST
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