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नक्सलियों ने मचाया उत्पात, कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के साथ मारपीट, निर्माण कार्य कराया बंद

चतरा में लंबी खामोशी के बाद एक बार फिर भाकपा माओवादी नक्सलियों ने जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई. जहां माओवादी परमजीत दस्ते के सदस्यों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के घर पर हमला बोल, उसकी बेरहमी से पिटाई करते हुए पुल निर्माण कार्य को बंद करा दिया गया है.

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Published : Jul 23, 2019, 8:06 PM IST

पुल निर्माण कार्य हुआ बंद

चतरा: जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने उत्पात मचाया. नक्सलियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के घर पर हमला बोल दिया और उसके साथ मारपीट की. नक्सलियों ने निर्माण का भी बंद करा दिया. घटना लावालौंग थाना क्षेत्र के आतमपुर गांव की है.

देखें पूरी खबर

लातेहार की विजय कंस्ट्रक्शन नामक एजेंसी करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से 113 मीटर लंबी पुल का निर्माण कर रही थी. देर शाम निर्माण कार्य बंद होने के बाद मुंशी अपने घर वापस आ गया था. यह घटना करीब रात के 12:00 बजे हुई. 20-25 की संख्या में आए हथियारबंद नक्सलियों ने उसे घर से बाहर निकाला और बेरहमी से पिटाई कर दी.


घटना के बाद नक्सलियों ने घायल मुंशी को परमजीत के नाम एक नक्सली पर्चा देते हुए फोन करने और बगैर इजाजत काम शुरू नहीं करने की धमकी देकर चले गए. जिसके बाद घायल मुंशी परमेंद्र उर्फ बाबू के परिजनों ने घटना की जानकारी लावालोंग थाना पुलिस को देते हुए उसे उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर उपचार के लिए उसे रांची रेफर कर दिया गया. जिसके बाद मुंशी के परिजन भी घर में ताला लगाकर पलायन कर चुके हैं.


दहशत में है करमा गांव
घटना के बाद ग्रामीण दहशत में है. वही पुल निर्माण कार्य बंद हो जाने से ग्रामीणों के समक्ष एक बार फिर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ग्रामीणों को आवागमन में नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और नौकरी पेशा वाले कर्मियों को हो रही है.


नक्सलियों ने की थी लेवी की मांग
भाकपा माओवादी नक्सलियों ने करीब सात माह पूर्व कंस्ट्रक्शन कंपनी पर हमला बोलकर लेवी की मांग की थी. इस दौरान नक्सलियों ने मुंशी को बगैर लेवी दिए काम शुरू नहीं करने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया था. इसके बावजूद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिको ने नक्सलियों को लेवी की रकम नहीं पहुंचाई थी. जिससे बौखलाए नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है.


पुल निर्माण पे लगा ग्रहण
माओवादियों द्वारा घटना को अंजाम दिए जाने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर और कर्मी काम छोड़कर भाग गए हैं. ऐसे में न सिर्फ इलाके में संचालित विकास योजनाओं के संवेदको में दहशत व्याप्त है बल्कि जिला मुख्यालय से लावालौंग को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण कार्य पर भी ग्रहण लग गया है.

ये भी देखें- आजसू नेत्री के आरोपों से पार्टी ने किया किनारा, जिला अध्यक्ष ने कहा- ईमानदारी से काम कर रही पुलिस


गौरतलब है कि लावालौंग थाना क्षेत्र नक्सली संगठन टीएसपीसी का सुरक्षित इलाका माना जाता है. इसी इलाके में टीएसपीसी नक्सलियों के शीर्ष नेताओं का घर है. बावजूद माओवादी परमजीत के दस्ते के द्वारा इलाके में घुस कर आराम से घटना को अंजाम दिए जाने से ग्रामीण दहशत में हैं. हालांकि पुलिस इस पूरे मामले में अभी कुछ कहने से कतरा रही है. पुलिस के अनुसार जल्द ही माओवादियों पर नकेल करते हुए उग्रवादियों को जेल भेजा जाएगा.

चतरा: जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने उत्पात मचाया. नक्सलियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के घर पर हमला बोल दिया और उसके साथ मारपीट की. नक्सलियों ने निर्माण का भी बंद करा दिया. घटना लावालौंग थाना क्षेत्र के आतमपुर गांव की है.

देखें पूरी खबर

लातेहार की विजय कंस्ट्रक्शन नामक एजेंसी करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से 113 मीटर लंबी पुल का निर्माण कर रही थी. देर शाम निर्माण कार्य बंद होने के बाद मुंशी अपने घर वापस आ गया था. यह घटना करीब रात के 12:00 बजे हुई. 20-25 की संख्या में आए हथियारबंद नक्सलियों ने उसे घर से बाहर निकाला और बेरहमी से पिटाई कर दी.


घटना के बाद नक्सलियों ने घायल मुंशी को परमजीत के नाम एक नक्सली पर्चा देते हुए फोन करने और बगैर इजाजत काम शुरू नहीं करने की धमकी देकर चले गए. जिसके बाद घायल मुंशी परमेंद्र उर्फ बाबू के परिजनों ने घटना की जानकारी लावालोंग थाना पुलिस को देते हुए उसे उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर उपचार के लिए उसे रांची रेफर कर दिया गया. जिसके बाद मुंशी के परिजन भी घर में ताला लगाकर पलायन कर चुके हैं.


दहशत में है करमा गांव
घटना के बाद ग्रामीण दहशत में है. वही पुल निर्माण कार्य बंद हो जाने से ग्रामीणों के समक्ष एक बार फिर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ग्रामीणों को आवागमन में नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और नौकरी पेशा वाले कर्मियों को हो रही है.


नक्सलियों ने की थी लेवी की मांग
भाकपा माओवादी नक्सलियों ने करीब सात माह पूर्व कंस्ट्रक्शन कंपनी पर हमला बोलकर लेवी की मांग की थी. इस दौरान नक्सलियों ने मुंशी को बगैर लेवी दिए काम शुरू नहीं करने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया था. इसके बावजूद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिको ने नक्सलियों को लेवी की रकम नहीं पहुंचाई थी. जिससे बौखलाए नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है.


पुल निर्माण पे लगा ग्रहण
माओवादियों द्वारा घटना को अंजाम दिए जाने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर और कर्मी काम छोड़कर भाग गए हैं. ऐसे में न सिर्फ इलाके में संचालित विकास योजनाओं के संवेदको में दहशत व्याप्त है बल्कि जिला मुख्यालय से लावालौंग को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण कार्य पर भी ग्रहण लग गया है.

ये भी देखें- आजसू नेत्री के आरोपों से पार्टी ने किया किनारा, जिला अध्यक्ष ने कहा- ईमानदारी से काम कर रही पुलिस


गौरतलब है कि लावालौंग थाना क्षेत्र नक्सली संगठन टीएसपीसी का सुरक्षित इलाका माना जाता है. इसी इलाके में टीएसपीसी नक्सलियों के शीर्ष नेताओं का घर है. बावजूद माओवादी परमजीत के दस्ते के द्वारा इलाके में घुस कर आराम से घटना को अंजाम दिए जाने से ग्रामीण दहशत में हैं. हालांकि पुलिस इस पूरे मामले में अभी कुछ कहने से कतरा रही है. पुलिस के अनुसार जल्द ही माओवादियों पर नकेल करते हुए उग्रवादियों को जेल भेजा जाएगा.

Intro:चतरा : चतरा में लंबी खामोशी के बाद एक बार फिर भाकपा माओवादी नक्सलियों ने जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। माओवादी परमजीत दस्ते के सदस्यों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के घर पर हमला बोल उसकी बेरहमी से पिटाई करते हुए पुल निर्माण कार्य को ठप करा दिया है। नक्सलियों ने जिले के घोर नक्सल प्रभावित लावालौंग थाना क्षेत्र के आतमपुर करमा गांव में घटना को अंजाम दिया है। घटना के बाद नक्सलियों ने घायल मुंशी को परमजीत के नाम एक नक्सली पर्चा देते हुए फोन करने और बगैर इजाजत काम शुरू नहीं करने की धमकी देकर चले गए। जिसके बाद घायल मुंशी परमेंद्र उर्फ बाबू के परिजनों ने घटना की जानकारी लावालोंग थाना पुलिस को देते हुए उसे उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर उपचार के लिए उसे रांची रेफर कर दिया। इधर घटना के बाद ग्रामीण दहशत में है। वही पुल निर्माण कार्य बंद हो जाने से ग्रामीणों के समक्ष एक बार फिर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ग्रामीणों को आवागमन में नदी का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और नौकरी पेशा वाले कर्मियों को हो रही है।

बाईट : सुरेंद्र साव - ग्रामीण।


Body:जानकारी के अनुसार चतरा-लावालौंग मुख्य पथ पर कटिया पंचायत के करमा गांव में लातेहार की विजय कंस्ट्रक्शन नामक एजेंसी करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से 113 मीटर लंबा पुल का निर्माण करा रही है। देर शाम निर्माण कार्य बंद होने के बाद मुंशी अपने घर कर्मा आ गया था। जिसके बाद करीब रात के 12:00 बजे 20 से 25 की संख्या में आए हथियारबंद नक्सलियों ने उसे घर से बाहर निकाला और बेरहमी से पिटाई कर दी। जिसके बाद मुंशी के परिजन भी घर में ताला लगाकर पलायन कर चुके हैं। उक्त पुल निर्माण पर लंबे समय से नक्सलियों की नजर है। भाकपा माओवादी नक्सलियों ने करीब सात माह पूर्व कंस्ट्रक्शन कंपनी पर हमला बोलकर लेवी की मांग की थी। इस दौरान नक्सलियों ने मुंशी को बगैर लेवी दिए काम शुरू नहीं करने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया था। बावजूद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने नक्सलियों को लेवी की रकम नहीं पहुंचाई थी। जिससे बौखलाए नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है। माओवादियों द्वारा घटना को अंजाम दिए जाने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर और कर्मी काम छोड़कर भाग गए हैं। ऐसे में न सिर्फ इलाके में संचालित विकास योजनाओं के संवेदको में दहशत व्याप्त है बल्कि जिला मुख्यालय से लावालौंग को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण कार्य पर भी ग्रहण लग गया है।


Conclusion:गौरतलब है कि लावालौंग थाना क्षेत्र नक्सली संगठन टीएसपीसी का सुरक्षित इलाका माना जाता है। इसी इलाके में टीएसपीसी नक्सलियों के शीर्ष नेताओं का घर है। बावजूद माओवादी परमजीत के दस्ते के द्वारा इलाके में घुस कर आराम से घटना को अंजाम दिए जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। हालांकि पुलिस इस पूरे मामले में अभी कुछ कहने से कतरा रही है। पुलिस के अनुसार जल्द ही माओवादियों पर नकेल करते हुए उग्रवादियों को जेल भेजा जाएगा।
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