चतराः जिले में मनरेगा योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार को लेकर डीसी की ओर से 14 मनरेगा कर्मियों को किए गए बर्खास्त की कार्रवाई का मामला अब नया रूप लेने लगा है. मामले को लेकर राज्य सरकार और राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ में ठन गई है. बर्खास्तगी की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए राज्य महासंघ के पदाधिकारियों ने सामूहिक हड़ताल की चेतावनी राज्य सरकार को दी है. कहा है कि अगर राज्य सरकार बर्खास्तगी का निर्देश एक सप्ताह के भीतर वापस लेते हुए बर्खास्त कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल नहीं करती है तो राज्य भर में मनरेगा कार्यों को पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- जिला परिवहन विभाग ने E-PASS बनाना किया बंद, परिवहन विभाग के जिला पदाधिकारी ने दी जानकारी
कर्मियों की बर्खास्तगी के बाद चतरा पहुंचे राज्य मनरेगा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने जिले के मनरेगा कर्मियों के साथ बैठक की. बैठक में प्रतापपुर प्रखंड में हुए मनरेगा योजना क्रियान्वयन में गड़बड़ी की शिकायत और डीसी के कार्रवाई की समीक्षा की. जिसके बाद महासंघ के प्रदेश महासचिव मोहम्मद इम्तियाज ने कहा कि अपूर्ण जांच रिपोर्ट के आधार पर 14 मनरेगा कर्मियों के विरूद्ध हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है. महासचिव ने अधिकारियों पर दुर्भावना से ग्रसित होकर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. कहा है कि प्रतापपुर के मामले में सिर्फ अनुबंध कर्मियों पर हुई कार्रवाई अधिकारियों की गलत मंशा को दर्शाता है. कहा है कि 14 अनुबंध कर्मी मनरेगा कर्मियों पर उस सड़क के निर्माण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कार्रवाई किया गया है जो सड़क पूरी तरह से अभी भी धरातल पर है. राज्य मनरेगा संघ ने सरकार से किसी भी एजेंसी से मामले की पुनः जांच कराने की मांग की है. प्रदेश महासचिव ने कहा है कि एक ओर लॉकडॉउन अवधि में राज्य सरकार मनरेगा योजना से जोड़कर मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा रही है. वहीं दूसरी ओर इसी अवधि में गलत आरोप लगाकर मनरेगा कर्मियों को बर्खास्त कर अधिकारियों ने सरकार की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया है.