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कोल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ भू-रैयतों ने खोला मोर्चा, ट्रांसपोर्टिंग कराया ठप

चतरा में संचालित सीसीएल की मगध कोल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ भू-रैयतों ने मोर्चा खोल दिया है. विस्थापन के बदले नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर कोल ट्रांसपोर्टिंग का काम ठप करा दिया है. साथ ही सीसीएल प्रबंधन से अविलंब मांगों को पूरा करने की मांग की है.

Land Raiyats against Coal Project Management in chatra
कोल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ भू-रैयतों ने खोला मोर्चा, ट्रांसपोर्टिंग काम को कराया ठप
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Published : Jan 5, 2021, 7:07 PM IST

चतराः जिला के टंडवा में संचालित सीसीएल की मगध कोल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ भू-रैयतों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. विस्थापन के बदले नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलित रैयतों ने मगध कोल परियोजना से होने वाले कोल ट्रांसपोर्टिंग का काम ठप करा दिया है. आक्रोशित राहम पंचायत के रैयत और ग्रामीणों ने आरकेटीसी कोल ट्रांसपोर्टिंग की कोयला लदी गाड़ियों का परिचालन ठप कराते हुए सीसीएल प्रबंधन से अविलंब मांगों को पूरा करने की मांग की है.

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रैयतों को दिया गया था लिखित आश्वासन

रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए शोषण करने का आरोप लगाया है. रैयतों का आरोप है कि मगध परियोजना के पीओ अशोक कुमार की ओर से पूर्व में ही नौकरी और मुआवजे को लेकर रैयतों को लिखित आश्वासन दिया गया था. उन्होंने कहा था कि दो महीने के भीतर कागजी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर विस्थापित रैयतों को नौकरी और मुआवजा दे दिया जाएगा. कई महीनों बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं की गई है. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने मांगे पूरी नहीं होने तक सड़क से कोई ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने देने की चेतावनी दी है.

चतराः जिला के टंडवा में संचालित सीसीएल की मगध कोल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ भू-रैयतों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. विस्थापन के बदले नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलित रैयतों ने मगध कोल परियोजना से होने वाले कोल ट्रांसपोर्टिंग का काम ठप करा दिया है. आक्रोशित राहम पंचायत के रैयत और ग्रामीणों ने आरकेटीसी कोल ट्रांसपोर्टिंग की कोयला लदी गाड़ियों का परिचालन ठप कराते हुए सीसीएल प्रबंधन से अविलंब मांगों को पूरा करने की मांग की है.

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रैयतों को दिया गया था लिखित आश्वासन

रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए शोषण करने का आरोप लगाया है. रैयतों का आरोप है कि मगध परियोजना के पीओ अशोक कुमार की ओर से पूर्व में ही नौकरी और मुआवजे को लेकर रैयतों को लिखित आश्वासन दिया गया था. उन्होंने कहा था कि दो महीने के भीतर कागजी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर विस्थापित रैयतों को नौकरी और मुआवजा दे दिया जाएगा. कई महीनों बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं की गई है. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने मांगे पूरी नहीं होने तक सड़क से कोई ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने देने की चेतावनी दी है.

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