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सिमरिया के गांवों का नहीं हुआ है विकास, विधानसभा चुनाव में ये होंगे जनता के मुद्दे

झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम ने चतरा जिले के सिमरिया विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान हमारी टीम ने सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के सबानो, पुंडरा, डाड़ी, मुरवे, पीरी, पगार, टुटीलावा, कसारी, एदला, रोल, बन्हे और फतहा गांव की जनता से चुनावी मुद्दों को जानने की कोशिश की.

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Published : Nov 7, 2019, 1:02 PM IST

चतरा: जिले की ग्रामीण जनता किन मुद्दों को ध्यान में रखकर विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेगी और जनता किन बातों को अपना चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सिमरिया विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों की मुलभूत समस्याएं

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एक सिमरिया विधानसभा सीट भी है, जो निर्वाचन क्रम संख्या-26 पर अंकित है. यह विधानसभा सीट चतरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जिसका गठन 1977 में हुआ है. लेकिन, वर्षों बीत जाने के बावजूद भी सिमरिया के ग्रामीण मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के सबानो, पुंडरा, डाड़ी, मुरवे, पीरी, पगार, टुटीलावा, कसारी, एदला, रोल, बन्हे और फतहा समेत कई गांवों की जनता ऐसे कई मुलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं, जहां लोग अपने जिंदगी के साथ संघर्ष करते नजर आते हैं. इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहां पीने के लिए शुद्ध पानी तक की व्यवस्था नहीं है. यहां के अधिकांश गांव सड़क विहीन हैं, स्वास्थ्य और सिंचाई जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, जिसका सामाधान वह आने वाले विधानसभा चुनाव में करना चाहते हैं.

क्या कहते हैं ग्रामीण

सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के पुंडरा के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव नजदीक आते ही नेता उनके गांव पहुंचने लगते है और उनसे उनके वोट के लिए बड़े-बड़े वादे कर के चले जाते हैं. लेकिन, आजतक गांव की एक भी समस्या का सामाधान उनके विधायकों ने नहीं किया है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां की जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. पानी, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई जैसी सुविधाएं भी उन्हें आजतक उनके क्षेत्र में नहीं मिल पाया है. इस क्षेत्र के लोगों को आज भी अच्छी इलाज के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है. यहां के गांवों का हाल ये है कि 20 साल पहले बना समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आजतक एक भी डॉक्टर नहीं मिला, जिससे यहां के स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक भवन के रूप में खड़ा है. इसको लेकर कई बार विधायकों ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन उनपर कोई असर नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें:- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चाईबासा से विधायक दीपक बिरूआ का रिपोर्ट कार्ड

समस्याओं के निदान के लिए करेंगे वोट

वहीं, सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सड़क, बिजली और पानी है. स्थानीय जनता का मानना है कि किसानों के प्रति विधायक का रवैया उदासीन रहता है. सिंचाई व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर खेती भगवान भरोसे ही होता है. क्योंकि यहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इस क्षेत्र के लोगों ने बताया कि उनकी समस्याओं का जो सामाधान करेगा, उसी उम्मीदवार को आनेवाले चुनाव में वोट करेंगे. बहरहाल, इस सीट से वर्तमान विधायक गणेश गंझू यह लगातार दावा करते रहते हैं कि वे किसानों के लिए सबसे ज्यादा काम किए हैं. इन सभी दावों के बीच हकीकत तो यहां के स्थानीय जनता ही बताएगी और आगामी विधानसभा चुनाव में अपने समस्याओं के निदान के लिए वोट करेगी.

चतरा: जिले की ग्रामीण जनता किन मुद्दों को ध्यान में रखकर विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेगी और जनता किन बातों को अपना चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सिमरिया विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों की मुलभूत समस्याएं

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एक सिमरिया विधानसभा सीट भी है, जो निर्वाचन क्रम संख्या-26 पर अंकित है. यह विधानसभा सीट चतरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. जिसका गठन 1977 में हुआ है. लेकिन, वर्षों बीत जाने के बावजूद भी सिमरिया के ग्रामीण मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के सबानो, पुंडरा, डाड़ी, मुरवे, पीरी, पगार, टुटीलावा, कसारी, एदला, रोल, बन्हे और फतहा समेत कई गांवों की जनता ऐसे कई मुलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं, जहां लोग अपने जिंदगी के साथ संघर्ष करते नजर आते हैं. इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहां पीने के लिए शुद्ध पानी तक की व्यवस्था नहीं है. यहां के अधिकांश गांव सड़क विहीन हैं, स्वास्थ्य और सिंचाई जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, जिसका सामाधान वह आने वाले विधानसभा चुनाव में करना चाहते हैं.

क्या कहते हैं ग्रामीण

सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के पुंडरा के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव नजदीक आते ही नेता उनके गांव पहुंचने लगते है और उनसे उनके वोट के लिए बड़े-बड़े वादे कर के चले जाते हैं. लेकिन, आजतक गांव की एक भी समस्या का सामाधान उनके विधायकों ने नहीं किया है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां की जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. पानी, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई जैसी सुविधाएं भी उन्हें आजतक उनके क्षेत्र में नहीं मिल पाया है. इस क्षेत्र के लोगों को आज भी अच्छी इलाज के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है. यहां के गांवों का हाल ये है कि 20 साल पहले बना समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आजतक एक भी डॉक्टर नहीं मिला, जिससे यहां के स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक भवन के रूप में खड़ा है. इसको लेकर कई बार विधायकों ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन उनपर कोई असर नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें:- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चाईबासा से विधायक दीपक बिरूआ का रिपोर्ट कार्ड

समस्याओं के निदान के लिए करेंगे वोट

वहीं, सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सड़क, बिजली और पानी है. स्थानीय जनता का मानना है कि किसानों के प्रति विधायक का रवैया उदासीन रहता है. सिंचाई व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर खेती भगवान भरोसे ही होता है. क्योंकि यहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इस क्षेत्र के लोगों ने बताया कि उनकी समस्याओं का जो सामाधान करेगा, उसी उम्मीदवार को आनेवाले चुनाव में वोट करेंगे. बहरहाल, इस सीट से वर्तमान विधायक गणेश गंझू यह लगातार दावा करते रहते हैं कि वे किसानों के लिए सबसे ज्यादा काम किए हैं. इन सभी दावों के बीच हकीकत तो यहां के स्थानीय जनता ही बताएगी और आगामी विधानसभा चुनाव में अपने समस्याओं के निदान के लिए वोट करेगी.

Intro:सिमरिया विधानसभा के गांवों में नहीं हुआ विकास, चुनाव में होंगे ये जनता के मुद्दे

चतरा/सिमरिया: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में सिमरिया सीट भी शामिल है। चतरा जिले का हिस्‍सा यह विधानसभा सीट चतरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी शामिल है। इस सीट का गठन 1977 में किया गया था। सिमरिया विधानसभा की ग्रामीण जनता इस बार की चुनाव में किन मुद्दों को ध्यान में रखकर अपने मत का प्रयोग करेगी और जनता किन बातों को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है। यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने सिमरिया विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के सबानो, पुंडरा, डाड़ी, मुरवे, पीरी, पगार, टुटीलावा, कसारी, एदला, रोल, बन्हे, फतहा, गांव के ग्रामीण मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहां पीने के लिए शुद्ध पानी तक की व्यवस्था नहीं है। लोगों का कहना है कि सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांवों की जनता सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और सिंचाई जैसी मुलभूत सुविधाओं से अबतक वंचित है।

1. बाईट--- ग्रामीण, भीम नंदलाल साव
2. बाईट--- ग्रामीण, अनीता देवी
3. बाईट--- ग्रामीण, संदीप पांडे
4. बाईट--- ग्रामीण, हीरा यादवBody:जिसका सामाधान वह आने वाले विधानसभा में चाहते हैं। गांव में समस्याओं का सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई जैसी सुविधा भी उन्हें आजतक नहीं मिल पाई है। पुंडरा गांव के लोगों ने बताया कि यहां सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है। किसानों को अपनी खेती के लिए सिर्फ भगवान के भरोसे ही रहना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि गांव में 20 वर्ष पहले समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना भी लेकिन आजतक शुरू नहीं हो पाया है। सिमरिया के वर्तमान विधायक ने आश्वासन देकर भी कुछ नहीं किया।Conclusion: वहीं, मुरवे गांव में लोगों की सबसे बड़ी समस्या सड़क को लेकर है। स्थानीय युवा हीरा यादव ने बताया कि झारखंड में सरकारें बदलती रही, लेकिन गांव की सूरत अबतक जस की तस ही है। सिमरिया विधानसभा क्षेत्र भ्रमण के दौरान भीम नंदलाल साव से मुलाकात हुई, इन्होंने इस क्षेत्र को लेकर बताया कि यहां पर सबसे बड़ी समस्या सड़क, बिजली और पानी की है। पिछले कई सालों से इस क्षेत्र के किसान सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मांग अपने विधायक-सांसद से करते रहे हैं, लेकिन आज तक किसी ने इस बारे में नहीं सोचा।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत सिमरिया चतरा
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