चतरा: प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के सपनों को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है. केंद्र सरकार ने इस योजना के माध्यम से 2022 तक देश के सभी गरीबों को पक्का मकान देने का वादा किया है, लेकिन जिले के सिमरिया प्रखंड में पीएम आवास योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
सिमरिया प्रखंड के रोल गांव निवासी ममता उरांव को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2015 में पक्का घर बनाने के लिए अनुदान राशि मिली थी. सरकारी मदद से घर मिलने पर ममता उरांव का परिवार काफी खुश था. उन्होंने पक्के मकान की नींव भी रखी थी, जिसके बदले उन्हें योजना के तहत पहली किस्त की राशी भी मिली थी, लेकिन आदिवासी समाज के ममता उरांव का पक्के मकान में रहने का सपना आजतक पूरा नहीं हो सका. विभागीय लापरवाही के कारण इस योजना की सिर्फ एक किस्त ही उनको मिल पाया. 4 साल बीत जाने के बाद भी बाकी बचे रुपयों के लिए ममता उरांव को आजतक विभागीय चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
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इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने उप प्रमुख ललिता देवी से बात किया तो उन्होंने इस मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही और बाद में आश्वासन देते हुए कहा कि योजना के तहत बाकी बचे रुपयों को वह जल्द ही लाभुक को दिला देंगे. पीएम आवास योजना के लाभुक ममता उरांव ने बताया कि उनकी माली हालत काफी खराब है. वे एक पैर से दिव्यांग भी है. उनके घर में सिर्फ उनकी पत्नी ही कमाने वाली है, जो मजदूरी करके परिवार का जीवन-यापन कर रही है. हालांकि, ममता उरांव को आज भी अधूरे मकान को पूरा होने का उम्मीद है.