चतरा: सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष कार्य योजना बनाकर विकास करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अतिनक्सल प्रभावित गिद्धौर प्रखंड के बारीसाखी पंचायत में एक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण पिछले 5 सालों से अधूरा. इसकी निर्माण लागत करीब 42 लाख रुपये बताई जा रही है. विभागीय पदाधिकारी भी भवन के निर्माण को शुरू कराने में सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं.
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सिमरिया विधायक किशुन दास ने इस पर गंभीरता दिखाई. उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय से निर्माण नहीं होने से गुणवत्ता प्रभावित होती है. इसकी जांच कराने की बात कहते हुए विधायक ने इसे जल्द पूरा कराने की बात कही.
ये भी पढ़ें- पत्थलगड़ी के बदले स्वरूप को लेकर कार्यक्रम, सीएम और राज्यपाल को किया गया आमंत्रित
क्या कहते हैं विधायक
सिमरिया विधायक किशुन दास ने कहा कि निश्चित रूप से यह काफी बड़ी लापरवाही कही जा सकती है. उन्होंने कहा कि जंगली इलाके में जहां स्वास्थ्य व्यवस्था पिछड़ी है, वहां इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण पूरा नहीं होना काफी गंभीर मामला है. उनका कहना है कि वह इसकी जांच कराएंगे कि आखिरकार कहां लापरवाही हुई है.
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों से बातचीत की. लोगों ने निराशा से कहा कि बरसों से देख रहे हैं कि यह स्वास्थ्य केंद्र बन रहा है, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ. उनका कहना है कि ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. खासकर गर्भवती महिलाएं और मरीज की स्थिति अगर थोड़ी सी गंभीर हो जाती है, तो सीधा उन्हें चतरा, हजारीबाग या फिर रांची ले जाना पड़ता है.