चतरा: सिमरिया के हॉस्पिटल मैदान में आयोजित झारखंड भुईयां समाज संघर्ष समिति का झकझोर झूमर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हम सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने प्रदेश की रघुवर सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि सरकार भुईयां समाज की जमीन लूटकर उन्हें उपेक्षित करना चाहती है. जिसे बचाने के लिए हम सड़क से सदन तक आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि भुईयां समाज को हीन दृष्टि से देखने वाले रघुवर सरकार और केंद्र सरकार को चेतने की आवश्यकता है. सरकार ब्राह्माण वादी व्यवस्था में फूट डालने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि समाज के सबसे पिछड़ी जाति को शिक्षा से भी वंचित रखा जा रहा है.
भुईयां समाज को आदिवासी में करें शामिल
जिसके विरूद्ध भुईयां समाज के लोगों को एक होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है. हमारे समाज में वीर तुलसी, सबरी माता पूर्वज हैं. उन्होंने कहा कि भुईयां समाज को अपना जाति छुपाने की जरूरत नहीं है, बल्कि गर्व से बोलें कि हम भुईयां हैं. जाति बताने में शर्म महसूस ना करें. अपने जात को उपर उठाने की जरूरत है. मांदर आदिवासी बजाता है. मांदर हम भुईयां समाज के लोग भी बजाते हैं. जल जंगल जमीन पर हमारा समाज का अधिकार है. इस लिए हमारे भुईयां समाज को आदिवासी में शामिल किया जाए.
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भुईयां समाज मुझे जिताए
जीतनराम ने कहा कि भुईयां समाज को उपर उठाने के लिए 20 अक्टूबर को पटना मेमोरियल में सम्मेलन कर रहे हैं. हमारा संस्कृति सबरी माता, तुलसी वीर हुआ करते थे. हमारे समाज की शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है. जिस पर प्रकाश डालने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए आया हूं. हमे अपना हक और अधिकार जानने की जरूरत है. एक मंच पर आकर आने वाले विधान सभा चुनाव में अपने तेज तरार भुईयां समाज के बेटा को जिताने की आवश्यकता है. आज की सरकार में मनुवादी व्यवस्था की सरकार है.
सरकारी स्कूलों पर तशा कंज
हमारा समाज दारू मुर्गा खाने में बदनाम है. जिसके लिए मैं कहना चाहता हूं कि दारू को दवा के रूप में प्रयोग करें. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला किया है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, नेता, जज, के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे. तभी जाकर सरकारी विद्यालयों की स्थिति में वृहद पैमाने पर सुधार होगी. जब सरकार सबका साथ सबका विकास की बात कहते हैं तो गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल में और अमीर के बच्चे निजी स्कूलों में क्यों पढ़ते हैं. इस तरह अपने भाषण में भुईयां समाज को आदिवासी समाज में शामिल करने की बात कही.