चतरा: मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के अंतर्गत डीआरडीए प्रशिक्षण भवन में उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद सुनील कुमार सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह उपस्थित रहे. किसान सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रथम चरण के किस्त के रूप में जिले के 32 हजार 907 किसानों के बैंक खातों में योजना का 11 करोड़ 84 लाख 62 हजार 209 रुपये भेजा गया. जबकि दूसरे किश्त की राशि आवंटन प्राप्त होने के बाद उनके खातों में भेजी जाएगी. इसके अलावा शेष बचे किसानों के खातों में भी राशि भेजी जा रही है.
किसानों को किया गया सम्मानित
योजना को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जिले के करीब 55 हजार किसानों का चयन किया गया है. इनमें वैसे किसान हैं जिनके पास शून्य से लेकर पांच एकड़ तक की रैयती भूमि है. कार्यक्रम के दौरान रांची में आयोजित उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया साथ ही जिले में कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले 12 से अधिक किसानों को भी जिला प्रशासन द्वारा मौके पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
किसान सारथी रथ को रवाना किया गया
समारोह के दौरान किसानों ने सरकार की इस योजना की तारीफ करते हुए कहा कि अब बैंकों और साहूकारों के कर्ज से छुटकारा मिलेगा. उद्घाटन समारोह के बाद मौके से किसान सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. कार्यक्रम के बाद किसानों को जागरूक करने के लिए किसान सारथी रथ भी रवाना किया गया. रथ को सांसद सुनील सिंह और डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह रथ अगले 60 दिनों तक जिले के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के प्रति जागरूक करेगी.
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किसानों और पंचायत प्रतिनिधियों को किया गया आमंत्रित
गौरतलब है कि उदघाटन समारोह में जिले भर के पांच सौ प्रमुख किसानों के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान ही जिले के किसानों के खातों में आशीर्वाद योजना की राशि डीबीटी और पीएमएफएस के माध्यम से भेजा गया. योजना का लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को दिया जा रहा है. जिनके पास पांच एकड़ या उससे कम रैयती कृषि भूमि है. किसानों को न्यूनतम पांच हजार और अधिकतम 25 हजार दो किस्तों में दिए जा रहे हैं, ताकि वे बीज, उर्वरक और कीटनाशक समेत अन्य जरूरी संसाधन कृषि कार्य के लिए जुटा सकें.