ETV Bharat / state

शहीद के माता पिता का छलका दर्द, कहा- अधूरी हैं सरकार की घोषणाएं, झेल रहे गरीबी का दंश

20 दिसंबर 2002 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए चतरा के पुंडरा गांव निवासी राजेश साव वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उन्हें श्रद्धांजलि देने कई मंत्री और विधायक पहुंचे थे और परिजनों को सहायता के लिए कई घोषणाएं भी किए थे, लेकिन उन घोषणाओं पर अबतक अमल नहीं किया गया है.

family of martyr Rajesh not get help amount in Chatra
गरीबी का दंश झेल रहा शहीद का परिवार
author img

By

Published : Feb 9, 2020, 10:34 AM IST

चतरा: देश की सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के साथ भी सौतेला बर्ताव किया जा रहा है. शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद और कई सुविधाएं मुहैया कराने का सरकार लाख दावे करती करती है, लेकिन शहीद राजेश के परिजनों को 18 साल के बाद भी आर्थिक मदद का बाट जोह रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

20 दिसंबर 2002 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए चतरा के पुंडरा गांव निवासी शिवनारायण साव के बेटे राजेश साव वीरगति को प्राप्त हो गए थे. शहीद को श्रद्धांजलि देने सरकार के कई मंत्री, विधायक और कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे और उनके परिजनों को सहायता के लिए आश्वासनों की बाढ़ लगा दी थी, लेकिन सभी आश्वासन अबतक धरा का धरा रह गया.

इसे भी पढे़ं:- टिप्स अपनाएं नंबर पाए, परीक्षा में पास होने की मैडम दे रहीं 'मंत्र'

राजेश साव के शहादत के बाद सरकार ने उनके माता-पिता को 22 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से पेट्रोल पंप, एक बेटे को सैनिक में नौकरी और 5 एकड़ जमीन देने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन शहीद के परिजनों को अबतक 93 हजार ही सहायता राशी मुहैया करवाई गई है.

राजेश की शहादत के बाद जब उनके पार्थिव शरीर को गांव लाया गया था उस समय पूरा गांव भारत माता की जय और राजेश साव अमर रहे के नारों से गुंज उठा था. कई मंत्रियों, सांसद और अन्य वीआईपी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी थी, लेकिन शहीद राजेश साव के परिजनों को अबतक पूरा सम्मान नहीं मिल पाया है.

चतरा: देश की सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के साथ भी सौतेला बर्ताव किया जा रहा है. शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद और कई सुविधाएं मुहैया कराने का सरकार लाख दावे करती करती है, लेकिन शहीद राजेश के परिजनों को 18 साल के बाद भी आर्थिक मदद का बाट जोह रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

20 दिसंबर 2002 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए चतरा के पुंडरा गांव निवासी शिवनारायण साव के बेटे राजेश साव वीरगति को प्राप्त हो गए थे. शहीद को श्रद्धांजलि देने सरकार के कई मंत्री, विधायक और कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे और उनके परिजनों को सहायता के लिए आश्वासनों की बाढ़ लगा दी थी, लेकिन सभी आश्वासन अबतक धरा का धरा रह गया.

इसे भी पढे़ं:- टिप्स अपनाएं नंबर पाए, परीक्षा में पास होने की मैडम दे रहीं 'मंत्र'

राजेश साव के शहादत के बाद सरकार ने उनके माता-पिता को 22 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से पेट्रोल पंप, एक बेटे को सैनिक में नौकरी और 5 एकड़ जमीन देने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन शहीद के परिजनों को अबतक 93 हजार ही सहायता राशी मुहैया करवाई गई है.

राजेश की शहादत के बाद जब उनके पार्थिव शरीर को गांव लाया गया था उस समय पूरा गांव भारत माता की जय और राजेश साव अमर रहे के नारों से गुंज उठा था. कई मंत्रियों, सांसद और अन्य वीआईपी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी थी, लेकिन शहीद राजेश साव के परिजनों को अबतक पूरा सम्मान नहीं मिल पाया है.

Intro:छलका शहीद राजेश के माता पिता के आंसू, कहा- अधूरी हैं कई घोषणाएं, गुजर रही गरीबी में जिंदगी

चतरा: देश की सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के साथ भी सौतेला बर्ताव किया जा रहा है। शहीदों के परिजनों को बड़ी आर्थिक मदद और कई सुविधाएं मुहैया कराने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार ने राजेश शहीद के परिजन 18 साल इंतजार के बाद भी आर्थिक इमदाद की बाट जो रहे हैं। 20 दिसंबर 2002 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए चतरा जिले के पुंडरा गांव निवासी शिवनारायण साव का पुत्र राजेश साव वीरगति प्राप्त हुए थे।

1.बाइट: शहीद राजेश की मां
2.बाइट: शहीद राजेश का पिताBody:उक्त वक्त जैसे परिजनों की सहायता के लिए आश्वासनों की बाढ़ लग गई थी। सरकार के मंत्रियों, विधायकों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों ने हर संभव सहायता का वचन दिया था। किंतु यह सभी आश्वासन धरी की धरी रह गई। राजेश की शहादत के बाद सरकार ने उनके माता-पिता को 22 लाख रुपैया देने की घोषणा की थी। लेकिन 93 हजार ही सहायता की तौर पर दिया गया। इसमें सबसे बड़ी विडंबना यह है कि सरकार की तरफ से घोषित पेट्रोल पंप, एक बेटे को सैनिक में नौकरी और 5 एकड़ जमीन का आश्वासन भी दिया गया था। जो अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।Conclusion:राजेश की शहादत के बाद जब उनके पार्थिव शरीर को गांव लाया गया था उस समय गांव में भारत माता की जय और राजेश अमर रहे के गगनभेदी नारों से धरती और आसमान गुंजायमान था। गांव पहुंचने से पहले कई मंत्रियों, सांसद और अन्य वीआईपी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी थी।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत चतरा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.