चतरा: देश की सीमा पर शहीद होने वाले सैनिकों के साथ भी सौतेला बर्ताव किया जा रहा है. शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद और कई सुविधाएं मुहैया कराने का सरकार लाख दावे करती करती है, लेकिन शहीद राजेश के परिजनों को 18 साल के बाद भी आर्थिक मदद का बाट जोह रहे हैं.
20 दिसंबर 2002 को जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए चतरा के पुंडरा गांव निवासी शिवनारायण साव के बेटे राजेश साव वीरगति को प्राप्त हो गए थे. शहीद को श्रद्धांजलि देने सरकार के कई मंत्री, विधायक और कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे और उनके परिजनों को सहायता के लिए आश्वासनों की बाढ़ लगा दी थी, लेकिन सभी आश्वासन अबतक धरा का धरा रह गया.
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राजेश साव के शहादत के बाद सरकार ने उनके माता-पिता को 22 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से पेट्रोल पंप, एक बेटे को सैनिक में नौकरी और 5 एकड़ जमीन देने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन शहीद के परिजनों को अबतक 93 हजार ही सहायता राशी मुहैया करवाई गई है.
राजेश की शहादत के बाद जब उनके पार्थिव शरीर को गांव लाया गया था उस समय पूरा गांव भारत माता की जय और राजेश साव अमर रहे के नारों से गुंज उठा था. कई मंत्रियों, सांसद और अन्य वीआईपी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी थी, लेकिन शहीद राजेश साव के परिजनों को अबतक पूरा सम्मान नहीं मिल पाया है.