चतरा: ईद करीब है, रोजेदार बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं. इसके 13 या 14 मई को मनाए जाने की संभावना. बहरहाल यह चांद पर निर्भर है. इस बीच मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख रहे हैं. क्या बड़े, बुजुर्ग और बच्चे सभी रोजे का फर्ज निभा रहे हैं. लेकिन इस साल ईद पर कोरोना का साया है. भीड़ में कोरोना संक्रमण बढ़ने के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत दोपहर दो बजे के बाद दुकान बाजार बंद करने के निर्देश हैं. इसका कारोबार पर असर पड़ रहा है. लोग खुद भी भीड़-भाड़ से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इससे ईद पर बाजारों में होने वाली रौनक फीकी पड़ गई है.
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जिला मुख्यालय हो या प्रखंड मुख्यालय या कोई और ग्रामीण इलाका सभी जगह के बाजारों पर कोरोना का असर दिख रहा है. बाजारों में ईद पर होने वाली पहली जैसी भीड़ नहीं दिखाई दे रही है. कुछ कोरोना के चलते खराब हुई आर्थिक सेहत और कुछ भीड़ में कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते लोग जरूरी सामान की खरीदारी में भी कटौती कर रहे हैं. फल, दूध के अलावे अन्य सामानों की दुकानें लगी हैं, लेकिन दूसरी दुकानों पर खरीदार कम ही दिखते हैं.
बाजार में नहीं पहले जितने खरीदार
रमजान के मौके पर फल, दूध, मांस, अंडा, पौष्टिक आहार बाजार में मौजूद हैं, लेकिन इन दुकानों पर खरीदार नहीं हैं. इसकी बड़ी वजह है चतरा जिले में बड़ी संख्या में लोगों का कामकाज प्रभावित होता है. इधर संपूर्ण राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह भी मनाया जा रहा है, जिससे दो बजे के बाद दुकानें बंद करनी है. ये सब चीजें आमदनी को प्रभावित कर रहीं हैं. इससे कल कारखाने और व्यापारिक प्रतिष्ठान क्या दुकानें सभी से जुड़े लोगों का कामकाज प्रभावित है. रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी से संबंधित दुकानें खुली हुईं हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाने से खाने पीने की चीजों के अलावा अन्य चीजों की खरीदारी पर लोग कम पैसे खर्च कर रहे हैं. सेवई, खजूर, फल की दुकानें सजी जरूर हैं पर इसकी बिक्री करने वाले लोगों के पास पहले जितने खरीदार नहीं हैं.