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चतरा में डॉक्टर का कारनामा, पेट दर्द की शिकायत पर युवकों को लिखा प्रेगनेंसी टेस्ट

झारखंड का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों सुर्खियों में है, चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल के डॉक्टर ने दो युवकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट लिख दिया. जिसके बाद यह खबर आग की तरह इलाके में फैल गई. दोनों मरीजों ने डॉक्टर पर जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 14, 2019, 4:19 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 8:35 PM IST

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चतरा: सरायकेला अनुमंडल अस्पताल में महिला मरीज को डॉक्टर द्वारा कंडोम इस्तेमाल करने की सलाह का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे दो युवकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर डॉक्टर ने स्वास्थ्य महकमे को सुर्खियों में ला दिया है.

देखें पूरी खबर

सुर्खियों में स्वास्थ्य महकमा
पेट दर्द की शिकायत लेकर थाना क्षेत्र के चोरबोरा गांव निवासी गोपाल गंझू और कामेश्वर गंझू सिमरिया रेफरल अस्पताल पहुंचे थे. यहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. मुकेश कुमार ने दोनों का उपचार कर प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब दोनों डॉक्टर का पुर्जा लेकर पैथोलॉजी सेंटर पहुंचे. पैथोलॉजिस्ट पुर्जा देखकर आवाक रह गया. उसने दोनों मरीजों को बताया कि डॉक्टर ने उन्हें गर्भावस्था जांच कराने का निर्देश दिया है. यह सुनते ही दोनों मरीज मौके से रफूचक्कर हो गए, जिसके बाद यह खबर आग की तरह इलाके में फैल गई. दोनों मरीजों ने डॉक्टर पर जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.

'पर्ची में छेड़छाड़ कर बदनाम करने की कोशिश'
इसके अलावे डॉक्टर ने दोनों को परामर्श पर्ची पर एएनसी, एचआईवी, एचबीए, हीमोग्लोबिन, एचसीसी व सीबीसी जांच कराने का भी परामर्श दे दिया. हालांकि आरोपी डॉक्टर ने अपनी सफाई में कहा है कि दोनों मरीज अपनी पत्नी का उपचार कराने अस्पताल आए थे. उन्होंने दोनों के पत्नी को प्रेग्नेंसी टेस्ट लिखा था लेकिन उसके बाद पर्ची में नाम के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- इनामी हार्डकोर नक्सली पुणे से गिरफ्तार, एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड में था शामिल

जेएमएम ने उठाए स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
इधर, जेएमएम ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए सरकार पर हमला बोला है. जेएमएम के जिला अध्यक्ष पंकज प्रजापति ने कहा कि रघुवर राज में डॉक्टर बेलगाम और लापरवाह हो गए हैं. सभी मनमानी कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. पार्टी नेताओं ने कहा है कि जिस जिले का प्रभारी मंत्री स्वास्थ्य मंत्री ही हो और वहां इस तरह की करतूत डॉक्टर करे, अपने आप मे बड़ा सवाल है. ऐसे डॉक्टरों पर सरकार को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए.

चतरा: सरायकेला अनुमंडल अस्पताल में महिला मरीज को डॉक्टर द्वारा कंडोम इस्तेमाल करने की सलाह का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे दो युवकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर डॉक्टर ने स्वास्थ्य महकमे को सुर्खियों में ला दिया है.

देखें पूरी खबर

सुर्खियों में स्वास्थ्य महकमा
पेट दर्द की शिकायत लेकर थाना क्षेत्र के चोरबोरा गांव निवासी गोपाल गंझू और कामेश्वर गंझू सिमरिया रेफरल अस्पताल पहुंचे थे. यहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. मुकेश कुमार ने दोनों का उपचार कर प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब दोनों डॉक्टर का पुर्जा लेकर पैथोलॉजी सेंटर पहुंचे. पैथोलॉजिस्ट पुर्जा देखकर आवाक रह गया. उसने दोनों मरीजों को बताया कि डॉक्टर ने उन्हें गर्भावस्था जांच कराने का निर्देश दिया है. यह सुनते ही दोनों मरीज मौके से रफूचक्कर हो गए, जिसके बाद यह खबर आग की तरह इलाके में फैल गई. दोनों मरीजों ने डॉक्टर पर जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.

'पर्ची में छेड़छाड़ कर बदनाम करने की कोशिश'
इसके अलावे डॉक्टर ने दोनों को परामर्श पर्ची पर एएनसी, एचआईवी, एचबीए, हीमोग्लोबिन, एचसीसी व सीबीसी जांच कराने का भी परामर्श दे दिया. हालांकि आरोपी डॉक्टर ने अपनी सफाई में कहा है कि दोनों मरीज अपनी पत्नी का उपचार कराने अस्पताल आए थे. उन्होंने दोनों के पत्नी को प्रेग्नेंसी टेस्ट लिखा था लेकिन उसके बाद पर्ची में नाम के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- इनामी हार्डकोर नक्सली पुणे से गिरफ्तार, एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड में था शामिल

जेएमएम ने उठाए स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
इधर, जेएमएम ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए सरकार पर हमला बोला है. जेएमएम के जिला अध्यक्ष पंकज प्रजापति ने कहा कि रघुवर राज में डॉक्टर बेलगाम और लापरवाह हो गए हैं. सभी मनमानी कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. पार्टी नेताओं ने कहा है कि जिस जिले का प्रभारी मंत्री स्वास्थ्य मंत्री ही हो और वहां इस तरह की करतूत डॉक्टर करे, अपने आप मे बड़ा सवाल है. ऐसे डॉक्टरों पर सरकार को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए.

Intro:चतरा में डॉक्टर का कारनामा, पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे दो युवकों को लिखा प्रेगनेंसी टेस्ट

चतरा : झारखंड के सरायकेला अनुमंडल अस्पताल में महिला मरीज को डॉक्टर द्वारा कॉन्डोम का इस्तेमाल करने की सलाह का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि चतरा के सिमरिया रेफरल अस्पताल में ईलाज के लिए पहुंचे दो युवकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर डॉक्टर ने स्वास्थ्य महकमे को सुर्खियों में ला दिया है। पेट दर्द की शिकायत लेकर थाना क्षेत्र के चोरबोरा गांव निवासी गोपाल गंझू और कामेश्वर गंझू सिमरिया रेफरल अस्पताल पहुंचे थे। यहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. मुकेश कुमार ने दोनों का उपचार कर प्रेग्नेंसी टेस्ट प्रेस्क्राइब कर दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब दोनों डॉक्टर का पुर्जा लेकर पैथोलॉजी सेंटर पहुंचे। पैथोलॉजिस्ट पुर्जा देखकर अवाक रह गया। उसके दोनों मरीजों को बताया कि डॉक्टर ने उन्हें गर्भावस्था जांच कराने का निर्देश दिया है। यह सुनते ही दोनों मरीज मौके से रफूचक्कर हो गए। जिसके बाद यह खबर आग की तरह ईलाके में फैल गई। दोनो मरीजों ने डॉक्टर पर जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। इसके अलावे डॉक्टर ने दोनों को परामर्श पर्ची पर एएनसी, एचआईवी, एचबीए, हीमोग्लोबिन, एचसीसी व सीबीसी जांच कराने का भी परामर्श दे दिया।

बाईट : गोपाल गंझू, पीड़ित।

Body:हालांकि आरोपी डॉक्टर ने अपनी सफाई में कहा है कि दोनों मरीज अपनी पत्नी का उपचार कराने अस्पताल आए थे। उन्होंने दोनों के पत्नी को प्रेग्नेंसी टेस्ट लिखा था। लेकिन उसके बाद पर्ची में नाम के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है।

बाईट : डॉ. मुकेश कुमार, आरोपी चिकित्सक, सिमरिया रेफरल अस्पताल, चतरा।

इधर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने मामले में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार पर हमला बोला है। झामुमों ने कहा है कि रघुवर राज में डॉक्टर बेलगाम व लापरवाह हो गए हैं। सभी मनमानी कर मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि जिस जिले का प्रभारी मंत्री स्वास्थ्य मंत्री ही हो और वहां इस तरह की करतूत डॉक्टर करे। ये अपने आप मे बड़ा सवाल है। ऐसे डॉक्टरों पर सरकार को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।

बाईट : पंकज प्रजापति, जिला अध्यक्ष, झामुमों, चतरा।

Conclusion:गौरतलब है कि सिमरिया रेफरल अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था में चहुमुखी विकास को ले जिला प्रशासन से चंद दिनों पूर्व ही टाटा ट्रस्ट के साथ एमओयू किया है। ताकि न सिर्फ यहां उपचार कराने पहुंचे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सके बल्कि अत्याधुनिक सुविधा भी मयस्सर हो। लेकिन उसके बावजूद डॉक्टर द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही तंत्र पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है। हालांकि मामले में सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
Last Updated : Oct 14, 2019, 8:35 PM IST
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