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चतरा: शौचालय में लटका रहता है तला, खुले में शौच मुक्त भारत का सपना हो रहा फ्लॉप - Chatra's accessible toilet

खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के लिए सरकार की ओर से लगातार अभियान चलाया रहा है, लेकिन चतरा जिले में यह अभियान खोखला साबित हो रहा है. यहां शौचालय का निर्माण तो हुआ है, लेकिन उसमें हमेशा ताला लटका रहता है.

शौचालय में लटका रहता है तला
Chatra's Sulabh toilet is not in use
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Published : Mar 14, 2020, 10:23 AM IST

चतरा: सिमरिया चौक पर पंचायत फंड से लाखों रुपए की लागत से सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन निर्माण कार्य के बाद से लेकर आज तक इस शौचालय में ताला लटका हुआ है. कई बार लोगों ने पदाधिकारियों से इसे लेकर शिकायत की, लेकिन अफसरों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया.

देखें पूरी खबर

शौचालय खुलवाने के लिए पहल

ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय बनाने के लिए लाखों रुपए से अधिक खर्च कर दिए गए, लेकिन लोगों को अभी तक इसका कोई फायदा नहीं मिल पाया है. कई बार लोगों ने अफसरों को शौचालय को चालु करवाने को लेकर पहल करने का अनुरोध भी किया, लेकिन उन्होंने किसी तरह का काम नहीं करवाया.

ये भी पढ़ें-मनरेगा सामग्री मद की राशि के भुगतान में मनमानी का आरोप, कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ जमकर हंगामा

खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग

शौचालय का निर्माण होने के बाबजूद लोगों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है. इससे खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है. इस मामले में प्रखंड अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. प्रशासन की ओर से संपूर्ण स्वच्छता अभियान के स्लोगन तो लिख दिए गए हैं, लेकिन इसका जमीनी स्तर पर पालन नहीं हो रहा है, जिससे स्वच्छ भारत का सपना अधूरा होता दिख रहा है.

चतरा: सिमरिया चौक पर पंचायत फंड से लाखों रुपए की लागत से सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन निर्माण कार्य के बाद से लेकर आज तक इस शौचालय में ताला लटका हुआ है. कई बार लोगों ने पदाधिकारियों से इसे लेकर शिकायत की, लेकिन अफसरों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया.

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शौचालय खुलवाने के लिए पहल

ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय बनाने के लिए लाखों रुपए से अधिक खर्च कर दिए गए, लेकिन लोगों को अभी तक इसका कोई फायदा नहीं मिल पाया है. कई बार लोगों ने अफसरों को शौचालय को चालु करवाने को लेकर पहल करने का अनुरोध भी किया, लेकिन उन्होंने किसी तरह का काम नहीं करवाया.

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खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग

शौचालय का निर्माण होने के बाबजूद लोगों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है. इससे खासतौर पर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है. इस मामले में प्रखंड अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. प्रशासन की ओर से संपूर्ण स्वच्छता अभियान के स्लोगन तो लिख दिए गए हैं, लेकिन इसका जमीनी स्तर पर पालन नहीं हो रहा है, जिससे स्वच्छ भारत का सपना अधूरा होता दिख रहा है.

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