चतरा: जिले में लगातार बढ़ते नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी की रोकथाम को लेकर पुलिस अलर्ट है. जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले कोलकोले पंचायत के मड़वा गांव में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अभियान चलाया गया. जिसमें पुलिस अधिकारियों के द्वारा अफीम और गांजा जैसे नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी नहीं करने को लेकर लोगों को जागरूक किया गया.
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अभियान का नेतृत्व सिमरिया एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी औरर डीएसपी मुख्यालय केदारनाथ राम कर रहे थे. अभियान में थाना प्रभारी बमबम कुमार व प्रखंड के जनप्रतिनिधि व मुखिया शामिल थे. सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पंचायत के ग्रामीण इलाकों में अभियान चला कर लोगों को जागरूक किया गया. इसके साथ ही अफीम और गांजा जैसे नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी नहीं करने के लिए लोगों को समझाया गया.
ड्रोन से की जा रही है निगरानी: नशीले पदार्थों की खेती करने वाले लोगों अथवा माफियाओं पर पुलिस हाई-टेक तरीके से निगरानी कर रही है. पुलिस अब अपने अन्य पहलुओं के साथ-साथ तीसरी आंख यानी ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है. जिससे अति नक्सल प्रभावित इलाकों में की जा रही अफीम की खेती को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके.
पंचायतस्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन: मौके पर मौजूद ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को बताया गया कि यदि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति गांव या गांव से सटे जंगली इलाके में नशीले पदार्थों की खेती करता है तो वे तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें. पुलिस उनके नाम पता को गुप्त रखकर नशीले पदार्थों की खेती को न सिर्फ नष्ट करेगी बल्कि खेती करने में शामिल लोगों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई भी करेगी. वहीं इस दौरान युवाओं को खेल में बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पंचायतस्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन कराया गया ताकि पुलिस, पब्लिक और खासकर युवाओं के बीच आपसी तालमेत बना रहे.
ग्रामीणों की आड़ में करते तस्करी: इस दौरान सिमरिया एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी ने ग्रामीणों को अफीम और गांजा जैसे नशीले पदार्थों की खेती से समाज में होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया. एसडीपीओ ने ग्रामीणों को बताया कि नशीले पदार्थों की खेती किसी भी दृष्टिकोण से फायदेमंद नहीं है. उन्होंने बताया कि भोले भाले और मेहनतकश ग्रामीणों और किसानों को आड़ बनाकर माफिया और तस्कर चंद रुपयों का लोभ देकर अपराध की खेती करवाते हैं. जिसके कारण भोले-भाले किसान तबके के ग्रामीणों को केस-मुकदमों में फंसना पड़ रहा है.
सिमरिया एसडीपीओ ने की अपील: एसडीपीओ ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि आज का समय जागरूक होने का है. ऐसे में तस्करों और माफियाओं के बहकावे में आकर अपराध से भरे नशीले अफीम और गांजे की खेती करने के बजाय सब्जियों की खेती कर कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने के बजाय खुशहाल जीवन व्यतीत करें. उन्होंने कहा कि अफीम और गांजा जैसे नशीले पदार्थों की खेती होने से खासकर युवा वर्ग में इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है. नतीजा यह होता है कि जिस उम्र में युवाओं को पढ़-लिखकर भविष्य बनाना होता है उस उम्र में वे नशे की चपेट में आकर नशापान करने लगते हैं. जिससे वे अपने साथ-साथ पूरे परिवार का भविष्य अंधकार मे धकेल देते हैं.
नशीले पदार्थों की खेती नहीं करने की नसीहत: एसडीपीओ ने बताया कि नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी में संलिप्त लोगों के आपराधिक इतिहास को खंगालकर उनकी सूची तैयार की जा रही है. सूची के आधार पर ही सम्मिलित लोगों को नोटिस देकर दोबारा नशीले पदार्थों की खेती कर अपराध नहीं करने की नसीहत दी जा रही है. इसके अलावा क्षेत्र के चौकीदारों, जनप्रतिनिधियों, वन कर्मियों और ग्रामीणों को भी जागरूक करने के लिहाज से नोटिस देकर अपराध से भरे नशीले पदार्थों की खेती नहीं करने की अपील की जा रही है.
अपराधियों की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा: एसडीपीओ ने बताया कि वैसे लोग जो अफीम और गांजे की खेती और तस्करी कर संपत्ति अर्जित कर रहे हैं, वैसे लोगों की संपत्ति का भी सत्यापन कराया जा रहा है. जिसके आधार पर ना सिर्फ उनकी संपत्ति को कुर्क किया जाएगा बल्कि तेजी से अमीर बनने के सपने को भी चकनाचूर किया जाएगा. जिससे भविष्य में न तो कोई अफीम और गांजा जैसे नशीले पदार्थों की खेती के बारे में सोच पाएगा और न ही तस्करी के बारे में.
एनडीपीएस एक्ट में मृत्युदंड का भी प्रावधान: एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि नशीले पदार्थों की खेती और तस्करी करने वाले लोगों के विरुद्ध जिस एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है. उस एनडीपीएस एक्ट में निरंतर मामला दर्ज होने पर मृत्यु दंड का भी प्रावधान है. एसडीपीओ ने लोगों को इसकी जानकारी देते हुए जागरूक बनने की अपील करते हुए मेहनत मजदूरी और सब्जियों की खेती करने की बात कही.