चतरा: बीजेपी-आजसू गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अब तक साफ नहीं हो पाया है. दोनों पार्टियों ने यहां से अपनी-अपनी दावेदारी की है. बीजेपी ने तो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है, जिससे गठबंधन का दरार और बढ़ गया है.
सिमरिया विधानसभा सीट से अपने-अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हो गई हैं. आजसू ने बीजेपी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए यहां से उम्मीदवार उतारने की बात कही है. वहीं, बीजेपी ने भी इस सीट पर अपना परंपरागत अधिकार बताया है.
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उम्मीदवार उतारने पर अड़ा आजसू
बता दें कि बीजेपी ने सिमरिया विधानसभा सीट से झाविमो छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायक गणेश गंझू का टिकट काटकर किशुन दास को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, आजसू पार्टी भी पूर्व विधायक रामचंद्र राम के बेटे मनोज चंद्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़ी हुई है.
चुनावी मूड में बीजेपी
आजसू जिलाध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने सिमरिया विधानसभा सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी बताई है. उन्होंने कहा कि यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी आजसू लंबे समय से कर रहा है. पारसनाथ सिंह ने बताया कि बीजेपी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारा है, इससे आजसू पार्टी की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन रहे या ना रहे हम हर हाल में प्रत्याशी उतारेंगे. आजसू जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन करना या नहीं करना पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है.
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सिमरिया बीजेपी की है परंपरागत सीट
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा है कि चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से गठबंधन करना पार्टी आलाकमान का काम है. इसमें जिला कमेटी की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन सिमरिया विधानसभा सीट पार्टी की परंपरागत सीट है और यहां लंबे समय तक बीजेपी के विधायक रहे हैं. ऐसे में आजसू पार्टी का इस सीट पर दावा करना समझ से परे है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी इस सीट से हर हाल में चुनाव लड़ेगी.