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सिमरिया सीट को लेकर बीजेपी-आजसू आमने-सामने, गठबंधन पर लग सकता है ग्रहण! - सिमरिया सीट पर आजसू उतारेगा उम्मीदवार

बीजेपी-आजसू में सीट शेयरिंग को लेकर रार जारी है. दोनों पार्टियों ने सिमरिया सीट पर अपनी दावेदारी की है. बीजेपी ने यहां से किशुन दास को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, आजसू पार्टी भी पूर्व विधायक रामचंद्र राम के बेटे मनोज चंद्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़ी हुई है.

बीजेपी-आजसू आमने-सामने
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Published : Nov 11, 2019, 12:31 PM IST

चतरा: बीजेपी-आजसू गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अब तक साफ नहीं हो पाया है. दोनों पार्टियों ने यहां से अपनी-अपनी दावेदारी की है. बीजेपी ने तो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है, जिससे गठबंधन का दरार और बढ़ गया है.

देखें पूरी खबर

सिमरिया विधानसभा सीट से अपने-अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हो गई हैं. आजसू ने बीजेपी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए यहां से उम्मीदवार उतारने की बात कही है. वहीं, बीजेपी ने भी इस सीट पर अपना परंपरागत अधिकार बताया है.

इसे भी पढ़ें:- BJP का टिकट पाकर गदगद हुए लालू के पूर्व सिपहसालार, कहा- RJD पूरी तरह हो चुकी है साफ

उम्मीदवार उतारने पर अड़ा आजसू
बता दें कि बीजेपी ने सिमरिया विधानसभा सीट से झाविमो छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायक गणेश गंझू का टिकट काटकर किशुन दास को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, आजसू पार्टी भी पूर्व विधायक रामचंद्र राम के बेटे मनोज चंद्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़ी हुई है.

चुनावी मूड में बीजेपी
आजसू जिलाध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने सिमरिया विधानसभा सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी बताई है. उन्होंने कहा कि यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी आजसू लंबे समय से कर रहा है. पारसनाथ सिंह ने बताया कि बीजेपी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारा है, इससे आजसू पार्टी की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन रहे या ना रहे हम हर हाल में प्रत्याशी उतारेंगे. आजसू जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन करना या नहीं करना पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है.

इसे भी पढ़ें:- विधानसभा चुनाव में बजेगा महागठबंधन का डंका, जनता की होगी जीत: सत्यानंद भोक्ता

सिमरिया बीजेपी की है परंपरागत सीट
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा है कि चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से गठबंधन करना पार्टी आलाकमान का काम है. इसमें जिला कमेटी की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन सिमरिया विधानसभा सीट पार्टी की परंपरागत सीट है और यहां लंबे समय तक बीजेपी के विधायक रहे हैं. ऐसे में आजसू पार्टी का इस सीट पर दावा करना समझ से परे है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी इस सीट से हर हाल में चुनाव लड़ेगी.

चतरा: बीजेपी-आजसू गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला अब तक साफ नहीं हो पाया है. दोनों पार्टियों ने यहां से अपनी-अपनी दावेदारी की है. बीजेपी ने तो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है, जिससे गठबंधन का दरार और बढ़ गया है.

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सिमरिया विधानसभा सीट से अपने-अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हो गई हैं. आजसू ने बीजेपी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए यहां से उम्मीदवार उतारने की बात कही है. वहीं, बीजेपी ने भी इस सीट पर अपना परंपरागत अधिकार बताया है.

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उम्मीदवार उतारने पर अड़ा आजसू
बता दें कि बीजेपी ने सिमरिया विधानसभा सीट से झाविमो छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायक गणेश गंझू का टिकट काटकर किशुन दास को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, आजसू पार्टी भी पूर्व विधायक रामचंद्र राम के बेटे मनोज चंद्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़ी हुई है.

चुनावी मूड में बीजेपी
आजसू जिलाध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने सिमरिया विधानसभा सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी बताई है. उन्होंने कहा कि यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी आजसू लंबे समय से कर रहा है. पारसनाथ सिंह ने बताया कि बीजेपी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारा है, इससे आजसू पार्टी की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन रहे या ना रहे हम हर हाल में प्रत्याशी उतारेंगे. आजसू जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन करना या नहीं करना पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है.

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सिमरिया बीजेपी की है परंपरागत सीट
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा है कि चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से गठबंधन करना पार्टी आलाकमान का काम है. इसमें जिला कमेटी की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन सिमरिया विधानसभा सीट पार्टी की परंपरागत सीट है और यहां लंबे समय तक बीजेपी के विधायक रहे हैं. ऐसे में आजसू पार्टी का इस सीट पर दावा करना समझ से परे है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी इस सीट से हर हाल में चुनाव लड़ेगी.

Intro:सिमरिया सीट को ले भाजपा-आजसू आमने सामने, गठबंधन पर लग सकता है ग्रहण

चतरा : भाजपा-आजसू गठबंधन में सीट शेयरिंग को ले उपजे विवाद के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के दो टूक के बावजूद भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा सिमरिया विधानसभा सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा के बाद गठबंधन पर ग्रहण की संभावना प्रबल हो गई है। सिमरिया विधानसभा सीट से अपने-अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हो गई है। आजसू ने जहां सिमरिया में गठबंधन धर्म का पालन नहीं करते हुए प्रत्याशी उतारने की बात कही है, वहीं भाजपा भी इस सीट पर पार्टी का परंपरागत अधिकार का हवाला देकर दो-दो हांथ करने को अमादा है। बताते चलें कि भाजपा ने सिमरिया विधानसभा सीट से झाविमो छोड़ पार्टी में शामिल हुए विधायक गणेश गंझू का टिकट काटकर किशुन दास को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं आजसू पूर्व विधायक रामचंद्र राम के पुत्र मनोज चंद्रा को इस सीट से चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़ी है।

बाईट : पारसनाथ सिंह, जिला अध्यक्ष, आजसू।
बाईट : अशोक शर्मा, जिला अध्यक्ष, भाजपा।


Body:सिमरिया विधानसभा सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी बताते हुए आजसू जिलाध्यक्ष पारसनाथ सिंह ने कहा है कि यहां से चुनाव लड़ने की हम लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं। वहीं भाजपा सिटिंग विधायक का टिकट काटकर अब चुनावी मूड में आई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने इस सीट से अपना प्रत्याशी उतारा है इससे आजसू पार्टी के सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। गठबंधन रहे या ना रहे हम हर हाल में प्रत्याशी उतारेंगे और चुनाव लड़ेंगे। आजसू जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन करना या नहीं करना पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है। जो निर्णय लेना है पार्टी आलाकमान लेते रहे लेकिन यहां आजसू हर हाल में चुनाव लड़ेगी।

वहीं दूसरी ओर भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा है कि चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से गठबंधन करना पार्टी आलाकमान का काम है। इसमें जिला कमेटी की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन सिमरिया विधानसभा सीट पार्टी की परंपरागत सीट है और यहां लंबे समय तक भाजपा के विधायक रहे हैं। ऐसे में आंसू पार्टी का इस सीट पर दावा करना समझ से परे है। उन्होंने कहा है कि भाजपा सिमरिया सीट से हर हाल में चुनाव लड़ेगी।


Conclusion:बाहर हाल अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा आजसू गठबंधन के लिए हॉट सीट बना सिमरिया विधानसभा अब किस करवट लेता है। यहां से प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर भाजपा बैकफुट पर आती है या चूल्हा प्रमुख आजसू सुप्रीमो गठबंधन धर्म का पालन करते हुए सिमरिया सीट से प्रत्याशी उतारने के निर्णय को वापस लेकर एक बार फिर अपनी किरकिरी करवाते हैं।
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