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बैंक ऑफ इंडिया की सिमरिया ब्रांच में 50 लाख का घोटाला, मैनेजर की आईडी से कैशियर ने उड़ाए, प्रबंधक समेत तीन पर गिरी गाज - चतरा समाचार

चतरा में बैंक घोटाला सामने आया है. यहां बैंक ऑफ इंडिया की सिमरिया शाखा ने कैशियर ने मैनेजर की आईडी का प्रयोग कर रुपये उड़ा लिए. पढ़ें कैशियर ने कैसे पार किए रुपये.

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बैंक ऑफ इंडिया
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Published : Dec 18, 2021, 10:47 AM IST

Updated : Dec 18, 2021, 10:52 AM IST

चतराः जिले के बैंक आफ इंडिया की सिमरिया शाखा में 50 लाख से अधिक रुपये घोटाले का मामला प्रकाश में आया है. घोटाले का आरोप बैंक की रोकड़पाल प्यारी बाखला पर लगा है. आरोप है कि प्यारी बाखला ने शाखा प्रबंधक कन्हैया कुमार के आईडी और पासवर्ड से बैंक के रुपये अपने खाते में अलग-अलग तिथियों में ट्रांसफर कर लिए. बाद में इन रुपयों को रोकड़पाल (कैशियर) ने अपने बैंक अकाउंट से एक निजी कंपनी के अलावा कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर किया.
ये भी पढ़ें-ED का 75 करोड़ के बैंक घोटाले में नौ ठिकानों पर छापा, दो बिल्डर के घर से 3.41 करोड़ किए बरामद

घोटाले की जानकारी मिलने पर उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच कराई. इसमें मामला सही पाया गया. इसके बाद हजारीबाग के डिप्टी जोनल मैनेजर अनिल कुमार झा ने शाखा प्रबंधक कन्हैया कुमार , सहायक प्रबंधक शमशेर और रोकड़पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं सहायक आशीष कुमार के खिलाफ जांच की प्रक्रिया चल रही है. इस पूरे प्रकरण में बैंक ऑफ इंडिया का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को राजी नहीं है.

देखें पूरी खबर

रोकड़ का मिलान करने पर हुआ खुलासा

बता दें कि बैंक के काम में ग्राहकों को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसलिए शाखा प्रबंधक की आईडी और पासवर्ड रोकड़पाल के पास भी था. आरोप है कि रोकड़पाल ने उसी का फायदा उठाकर रुपयों को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. करीब पंद्रह दिनों के बाद अचानक जब शाखा प्रबंधक ने रोकड़ का मिलान किया तो घोटाला पकड़ा गया, जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी जोनल ऑफिस को दी. इसके बाद उन्होंने रोकड़पाल समेत तीन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

चतराः जिले के बैंक आफ इंडिया की सिमरिया शाखा में 50 लाख से अधिक रुपये घोटाले का मामला प्रकाश में आया है. घोटाले का आरोप बैंक की रोकड़पाल प्यारी बाखला पर लगा है. आरोप है कि प्यारी बाखला ने शाखा प्रबंधक कन्हैया कुमार के आईडी और पासवर्ड से बैंक के रुपये अपने खाते में अलग-अलग तिथियों में ट्रांसफर कर लिए. बाद में इन रुपयों को रोकड़पाल (कैशियर) ने अपने बैंक अकाउंट से एक निजी कंपनी के अलावा कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर किया.
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घोटाले की जानकारी मिलने पर उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच कराई. इसमें मामला सही पाया गया. इसके बाद हजारीबाग के डिप्टी जोनल मैनेजर अनिल कुमार झा ने शाखा प्रबंधक कन्हैया कुमार , सहायक प्रबंधक शमशेर और रोकड़पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं सहायक आशीष कुमार के खिलाफ जांच की प्रक्रिया चल रही है. इस पूरे प्रकरण में बैंक ऑफ इंडिया का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को राजी नहीं है.

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रोकड़ का मिलान करने पर हुआ खुलासा

बता दें कि बैंक के काम में ग्राहकों को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसलिए शाखा प्रबंधक की आईडी और पासवर्ड रोकड़पाल के पास भी था. आरोप है कि रोकड़पाल ने उसी का फायदा उठाकर रुपयों को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. करीब पंद्रह दिनों के बाद अचानक जब शाखा प्रबंधक ने रोकड़ का मिलान किया तो घोटाला पकड़ा गया, जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी जोनल ऑफिस को दी. इसके बाद उन्होंने रोकड़पाल समेत तीन कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

Last Updated : Dec 18, 2021, 10:52 AM IST
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