चतरा: एशिया की सबसे बड़ी कोल नगरी टंडवा जाने वाली सड़क पर छोटे-छोटे कई पुल-पुलिया की हालत बदहाल है. खराब सड़क और उस पर बने गड्ढे अक्सर हादसों को आमंत्रित करते रहते हैं. आए दिन कई ऐसी खबरें देखने को मिलती हैं, जिसमें सड़क पर बने गड्ढों की वजह से लोगों की जान चली जाती है.
चतरा से टंडवा जाने वाली सड़क पर ऐसे ही जानलेवा गड्ढे़ हो चुके हैं. इसके साथ ही पुल की छड़ें भी नजर आने लगी हैं. स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसी सड़क से राज्य के कई मंत्री और पदाधिकारियों की आवाजाही होती रहती है. इसके बावजूद भी पदाधिकारियों की नजर इस पुल की दयनीय स्थिति पर नहीं पड़ती और वे इससे अनजान बने हुए हैं. मरम्मत की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं किया गया है.
क्षतिग्रस्त पुल हादसे को दे रहा निमंत्रण
यहां देश की दो बड़ी परियोजना चल रही हैं, एक एनटीपीसी और दूसरा आम्रपाली प्रोजेक्ट. उन खदानों से भारी वाहनों से प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला की ढुलाई भी जाती है. इस सड़क से कोयला अन्य राज्य के साथ विदेशों में भेजा जाता है. इस सड़क मार्ग स्थित पुलों से प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहनों का परिचालन होता है. ऐसी स्थिति में इन पुलों का क्षतिग्रस्त होना बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है. चतरा, हजारीबाग और रांची आदि के साथ अन्य क्षेत्रों के लाखों लोगों की पूरी तरह से लाइफ लाइन कट जाएगी.
पथ निर्माण पदाधिकारियों की लापरवाही
पथ निर्माण पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण कोयला नगरी को जोड़ने वाले तीनों पुल जर्जर होते जा रहे हैं. ऐसे में अगर एक भी पुल टूट जाता है तो इस क्षेत्र के लाखों लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सड़क पर बने इस पुल के अलावा इस क्षेत्र के लोगों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा. ऐसे में इस क्षेत्र के लोग पूरी तरह से कट जाएंगे.
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विधायक किशुन दास ने कहा कि वाकई स्थिति काफी खराब है. झारखंड सरकार के उदासीन रवैया और लापरवाही की वजह से ऐसा हो रहा है. विधायक ने बताया कि वह खुद मुख्यमंत्री से इन सड़कों और पुल पुलिया के विषय में बात की हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता में जनता का हित नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार किसी बड़े हादसे के बाद जागेगी. चतरा में पुल सड़कों की जो स्थिति है उससे किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. कई लोगों के जानमाल का नुकसान हो सकता है. सरकार को अविलंब इस दिशा में कार्रवाई करने की आवश्यकता है.